www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

रायपुर : देश की अर्थव्यस्था में जैन समाज का बहुत बड़ा योग दान_मुख्यमंत्री बघेल

मुख्यमंत्री शामिल हुए सकल जैन समाज द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में

Ad 1

positive India :Raipur;
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जैन समाज का देश की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान है, उनके इस योगदान की बदौलत हम पूरी दुनिया में सर उठाकर चलते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में व्यापार और उद्योग की अपार संभावनाएं हैं। राज्य में नई उद्योग नीति बनायी जा रही है, जैन समाज इसमें सार्थक भूमिका निभा सकता है। राज्य में कृषि, उद्यानिकी, वनोपज आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दी जा रही है।श्री बघेल आज जैनम मानस भवन में सकल जैन समाज द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर समाज की ओर से मुख्यमंत्री का शॉल श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री सत्यनाराण शर्मा, विधायक श्री कुलदीप जुनेजा और श्री रेखचंद जैन, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री प्रमोद दुबे सहित सकल जैन समाज के श्री गजराज पगारिया, श्री महेन्द्र धाड़ीवाल, श्री इंदरचंद घड़ीवाल, श्री पारस चोपड़ा सहित जैन समाज के अनेक संगठनों के पदाधिकारी और सामाजिक बंधु उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने अभिनंदन समारोह में कहा कि नई सरकार बनने के साथ ही किसानों के हित में कृषि कर्ज माफी और ढाई हजार रूपए में प्रति क्विंटल धान खरीदी का निर्णय लिया गया इससे किसानों की क्रय शक्ति बढ़ी है और व्यापार और वाणिज्य में तेजी आयी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गांवों में कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में हर संभव सहयोग और मदद दी जाएगी। श्री बघेल ने कहा कि राज्य के वनांचल क्षेत्र बस्तर में चार चिरौंजी, इमली, बांस आदि बहुतायत में होते हैं। इनके वेल्यू एडिशन पर आधारित उद्योग लगाकर स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जा सकते हैं। सरगुजा, जशपुर, कोण्डागांव आदि क्षेत्रों में मक्का के प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि आधारित उद्योगों से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और गांवों में समृृद्धि आएगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में धान का विपुल उत्पादन हो रहा है। किसानों को प्रति क्विंटल ढाई हजार रूपए की कीमत मिलने से धान की पैदावार और बढ़ने की संभावनाएं है। पहले पंजाब और तमिलनाडु राज्यों में धान का उत्पादन नहीं होता था, लेकिन अब वहां भी धान का उत्पादन हो रहा है, इसलिए यहां धान के अतिरिक्त उत्पादन से बायोफ्यूल बनाने की संभावनाओं पर विचार करने कार्यशाला आयोजित की गई थी। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में किसानों को उचित मूल्य मिले और उद्योगों को भी फायदा हो ऐसी बायोफ््यूल नीति बनाने पर जोर दिया गया है। वर्तमान में पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनाल मिलाने की अनुमति है, लेकिन केवल 4 प्रतिशत ही मिलाया जा रहा है, इस प्रकार यहां 6 प्रतिशत एथनाल की अतिरिक्त संभावनाएं हैं।

Gatiman Ad Inside News Ad
Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.