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नरेंद्र मोदी बने भारत के प्रधानमंत्री

अमित शाह मोदी सरकार में शामिल हुए

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Positive India:New Delhi:नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ काउंसिल आफ मिनिस्टर्स में 57 मिनिस्टर्स ने अपने पद तथा गोपनियता की शपथ ली। सबसे पहले नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली, दूसरे नंबर पर राजनाथ सिंह, तीसरे नंबर पर अमित शाह ने पद तथा गोपनियता की शपथ ली। चौथे नंबर पर नितिन गडकरी ने शपथ ली ।शपथ के क्रम से यह साफ हो गया है कि मोदी सरकार में कौन दूसरे नंबर पर है, कौन तीसरे नंबर पर हैं और किसकी पोजीशन चौथे नंबर की है। अपनी कैबिनेट में
मोदी ने 24 मंत्रियों को रखा है।

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सबसे खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मिनिस्टर, जो पिछली कौंसिल ऑफ मिनिस्टर में उनके सदस्य थे,उनको मौका नहीं दिया है। इनमें सबसे खास हैं स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, एग्रीकल्चर मिनिस्टर राधा मोहन सिंह,वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट मिनिस्टर मेनका गांधी, कॉमर्स मिनिस्टर सुरेश प्रभु, इंफॉर्मेशन ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्टर राज्यवर्धन राठौर, मिनिस्टर आफ स्टेट फॉर सिविल एवियशन जयन्त सिन्हा, और अपना दल की अनुप्रिया पटेल।

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इस बार की केबिनेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 राज्यों से प्रतिनिधित्व लिया है। इसमें दलित चेहरे हैं जैसे थावरचंद गहलोत, राम दास अठावले, रामविलास पासवान ,साध्वी निरंजन सिंह ज्योति और रतन लाल कटारिया।
इतना ही नहीं है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एस जयशंकर को अपनी कैबिनेट में लेकर सबको चौंका है जोकि कि भूतपूर्व विदेश सचिव रह चुके हैं। यह वही एस जयशंकर हैं जिन्होंने भारत की फॉरेन पॉलिसी को न सिर्फ डेवलप किया बल्कि उसे लागू किया। सबसे बड़ा चौंकाने वाला नाम है प्रताप सिंह सारंगी जो बालासोर उड़ीसा से जीत कर आए हैं। यह वही प्रताप सिंह सारंगी है जिन्होंने अपना प्रचार प्रसार साइकिल पर किया, आज के जमाने में साइकिल पर प्रचार प्रसार करके वे सांसद बने हैं और सांसद से आज मिनिस्टर हैं। उनकी सादगी के उड़ीसा वासी ही नहीं बल्कि पूरा भारत वर्ष कायल है।

दो ऐसे नाम है जो नरेंद्र मोदी की कैबिनेट से स्वेच्छा से बाहर रहे हैं वह हैं अरुण जेटली जिनका किडनी ट्रांसप्लांट हो चुका है तथा वे स्वास्थ्य ग्राउंड पर मोदी सरकार से बाहर हैं और दूसरा नाम है सुषमा स्वराज का जिन्होंने मोदी गवर्नमेंट में का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक शानदार प्रोग्राम में पद तथा गोपनीयता की शपथ ली। इस प्रोग्राम में लगभग 8000 लोग शरीक हुए, इसमें बिम्सटेक के हेड ऑफ स्टेट्स, भारत राज्य के मुख्यमंत्री, ब्यूरोक्रेट्स, विपक्ष के नेता तथा 54 परिवारों के वो लोग शामिल हुए जिनके परिजन बंगाल में मारे गए थे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस बात से इंकार करती रही हैं कि उनके राज्य में कोई भी राजनीतिक हिंसा हुई है, ना ही राजनीतिक हिंसा में कोई मारा गया है। इसी का प्रोटेस्ट करते हुए ममता बनर्जी ने इस प्रोग्राम का बहिष्कार किया।

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