किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना को खरीफ फसल से जोड़ें -अपर मुख्य सचिव तथा कृषि उत्पादन आयुक्त के.डी.पी.राव
रबी वर्ष 2018 के प्रगति की समीक्षा तथा खरीफ वर्ष 2018-19 का निर्धारण हेतु संभागीय समीक्षा बैठक संपन्न
पॉजिटिव इंडिया:रायपुर,अपर मुख्य सचिव तथा कृषि उत्पादन आयुक्त के.डी.पी. राव ने कहा है कि किसानों की आर्थिक सशक्तिकरण के लिए छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना को खरीफ फसलों के साथ जोड़कर शासन की योजना का लाभ दिलाया जाना चाहिए। श्री राव आज सरगुजा जिले के मुख्यालय अम्बिकापुर के जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित बैठक में रबी वर्ष 2018 की प्रगति तथा खरीफ वर्ष 2018-19 की तैयारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि खरीफ मौसम के लिए किसानों की मांग के अनुरूप फसलों के प्रमाणिक एवं उत्तम गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध करायें ताकि उन्हें बीजों के लिए निजी प्रतिष्ठानों से अधिक कीमत पर बीज खरीदना ना पड़े। श्री राव ने बैठक में सरगुजा संभाग अंतर्गत सरगुजा, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर एवं बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना की क्रियान्वयन तथा रबी वर्ष 2018 के प्रगति के साथ आगामी खरीफ वर्ष 2018-19 के लिए क्षेत्राच्छादन एवं राज्य एवं केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के क्रियान्वयन की विस्तार से समीक्षा की। राव ने नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नरवा के तहत नदी-नालों के उद्गम स्थल से ही जल संरक्षण प्रारंभ करनी है ताकि क्षेत्र के भूमि में नमी बनी रह सके। उन्होंने कहा कि योजना के तहत चयनित ग्रामों को जल उद्गम क्षेत्र से जोड़कर किसानों को कृषि के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि रबी फसल से किसानों को सबसे ज्यादा लाभ मिलता है इसलिए रबी मौसम में कृषि क्षेत्र का दायरा बढ़ायें। श्री राव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के द्वारा किसानों के फसलों को क्षति पहुॅचाया जाता है तथा इस क्षति को रोकने के लिए उनके पास कोई कारगर उपाय भी नहीं होता है। इसके लिए जिलों में चयनित ग्रामों में गौठान का निर्माण किया जा रहा है जहॉ गौवंशीय एवं भैंसवंशीयों के लिए चारा, पानी तथा शेड निर्माण से लेकर दवाईयों की सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि गौठानों में पशुओं की नस्ल सुधार की दिशा में भी पहल करते हुए आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करायें। राव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में गोबर, जैविक खाद मुख्य स्रोत है जैविक खाद से उत्तम गुणवत्ता के फसल उत्पादन होता है। किसानों को जैविक खाद के प्रयोग के लिए प्रेरित करने के लिए घुरवा विकास के तहत स्मार्ट घुरवा का निर्माण करायें। इसके साथ ही किसानों को केंचुआ पालन की विधि से भी अवगत करायें ताकि केंचुआ के द्वारा किये जाने वाले नाइट्रोजन स्थिरीकरण की प्रक्रिया सतत रूप से चलती रहे। श्री राव ने बाड़ी विकास को किसानों के आय बढ़ाने का प्रमुख साधन बताते हुए कहा कि उद्यानिकी के माध्यम से किसानों को सब्जी खेती के लिए प्रोत्साहित करें तथा शासन की योजनाओं के तहत बीज एवं सिंचाई की सुविधा मुहैया करायें।श्री राव ने कृषि क्षेत्राच्छादन एवं पड़त भूमि के बढ़ते रकबे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी किसान कृषि कार्यों में रूचि नहीं लेने के कारण कृषि भूमि को पड़त छोड़ देते है जिससे कृषि की रकबा कम होते जा रही है और उत्पादन भी कम होते जा रही है। उन्होंने कहा कि जिले में पड़त भूमि की व्यापक सर्वे कराकर कृषि विभाग के अधिकारियों को संबंधित किसानों से भूमि को पड़त रखने के कारणों की जानकारी प्राप्त करें। प्राप्त जानकारी के आधार पर किसानों की समस्याओं का निराकरण कर उन्हें कृषि कार्य के लिए प्रेरित करें और खाद बीज मुफ्त में दिलवायें। श्री राव ने कहा कि पड़त भूमि वाले किसानों को कृषि कार्य में जोड़ने के लिए अभियान चलायें।
अपर मुख्य सचिव श्री राव ने कहा कि सभी कलेक्टर विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक के साथ ही प्रत्येक सप्ताह कृषि विभाग की समीक्षा बैठक लें। बैठक में सप्ताह भर में हुई प्रगति तथा आगामी लक्ष्यों के साथ ही किसानों द्वारा उठाये गये समस्याओं पर प्रतिवेदन एवं निराकरण पर भी गहन समीक्षा करें। गांवों में लगेंगे किसान चौपाल-कृषि उत्पादन आयुक्त श्री क.ेडी.पी. राव ने गांव में किसानों को खेती से संबंधित समस्यायें तथा नवीन जानकारियों के आदान-प्रदान के हेतु खुली चर्चा के लिए सभी गावों में किसान चौपाल लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसान चौपाल में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी किसान चौपाल में उपस्थित होकर किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड के बारे में बतायें ताकि उन्हें जमीन के अनुसार किस उर्वरक का कितनी मात्रा में उपयोग करना है उसकी जानकारी हो सके। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी जिला पंचायत से बेहतर समन्वय स्थापित कर किसानों की बेहतरी की दिशा में सार्थक प्रयास करें।
कृषि यांत्रिकीकरण के लिए अभियान-श्री राव ने कृषि क्षेत्र की आधुनिकीकरण पर जोर देते हुए कृषि में यांत्रिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश भर में विशेष अभियान चलाये जाने की बात कही। उन्होंने इसके लिए कृषि विभाग सहित समवर्गीय विभाग के अधिकारियों को अभियान के रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिये ताकि चरणबद्ध तरीके से क्षेत्रवार कृषि यांत्रिकीकरण का विस्तार हो सके।
जिला स्तरीय कण्ट्रोल रूम की होगी स्थापना- समीक्षा बैठक के दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त श्री केडीपी राव ने किसानों की कृषि आधारित समस्याओं के समाधान के लिए जिला स्तर पर कण्ट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिये। कण्ट्रोल रूम में 24 घण्टे ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी स्तर के अधिकारी की ड्यूटी लगायी जाएगी। कण्ट्रोल रूम से किसानों के संपर्क हेतु टोल फ्री नम्बर की सुविधा भी दी जाएगी। किसान कण्ट्रोल रूम से संपर्क कर अपनी समस्याओं का निराकरण करा सकते हैं।फसल बीमा हेतु 35 करोड़ राशि आबंटित- बैठक में बताया गया कि सरगुजा संभाग हेतु फसल बीमा के तहत करीब 35 करोड़ रूपये की राशि आबंटित कर दी गई है। फसल बीमा के दावे की राशि के लिए किसानों को आवश्यक जानकारी देने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया।बैठक में बताया गय कि नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना के अंतर्गत संभाग में 2 हजार 635 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। संभाग में रबी वर्ष 2018-19 हेतु रबी फसलों के अंतर्गत अनजा, दलहन, तिलहन एवं अन्य फसलों का क्षेत्राच्छादन 285.69 हेक्टेयर, खरीफ वर्ष 2019 में प्रस्तावित क्षेत्राच्छादन 889.65 हेक्टेयर, खरीफ 2019 हेतु प्रस्तावित उत्पादन कार्यक्रम 1644.04 मैट्रिक टन है। इसी प्रकार खरीफ 2019 हेतु प्रमाणित बीज वितरण लक्ष्य 57 हजार 544 क्विंटल, बीज भण्डारण लक्ष्य 22 हजार 14 क्विंटल, उर्वरक वितरण लक्ष्य 70 हजार 370 मैट्रिक टन रखा गया है।सरगुजा संभाग के आयुक्त श्री ए.के. टोप्पो, संचालक पशु चिकित्सा सेवायें श्री सी.आर प्रसन्ना, कृषि विभाग के संचालक एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के आयुक्त श्री भीम सिंह, मार्कफेड के प्रबंध संचालक श्री अन्बलगन पी, छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि निगम के प्रबंध संचालक श्री जन्मेजय महोबे, वाटरशेड मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मनीवाशगन, मण्डी बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री अभिनव, प्रभारी कलेक्टर सरगुजा श्रीमती नम्रता गांधी, कलेक्टर कोरिया श्री भोस्कर विलास संदीपान, कलेक्टर जशपुर श्री निलेश कुमार क्षीरसागर महादेवन, कलेक्टर सूरजपुर दीपक सोनी, कलेक्टर बलरामपुर-रामानुजगंज कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा सहित संभाग अंतर्गत सभी जिलों के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।