राही की फुलझड़ी-टी.वी चैनलों की फूहड़ता पर व्यंग का तमाचा
चैनल के डायरेक्टर ने हँसते हुए बतलाया- आपका काम सिर्फ हँसना, ठहाके लगाना, उपहास उड़ाना रहेगा।
Positive India:Rajesh Jain Rahi:
आज सुबह-सुबह मोबाइल पर एक बेहतरीन प्रस्ताव आया।
देश के एक प्रसिद्ध लाफ्टर चैनल ने मुझे फोन पर अपना इरादा बतलाया-
राही जी, हम आपको अपने चैनल के लोकप्रिय हास्य धारावाहिक में एक कलाकार के रूप में शामिल करना चाहते हैं। अपनी मन्शा बतलाइए,
हमारे साथ जुड़कर आप भी प्रसिद्धि पाइए।
अपनी खुशी छुपाते हुए मैंने पूछा-
श्रीमन मुझे करना क्या होगा?
मेरा पारिश्रमिक कितना होगा ?
चैनल के डायरेक्टर ने हँसते हुए बतलाया-
आपका काम सिर्फ हँसना, ठहाके लगाना, उपहास उड़ाना रहेगा। अभी अभी हमने राजनीति में आए एक कलाकार को हटाया है,
उसकी जगह आपको घुसाने का मन बनाया है। आपको बात बात में हँसना है, बीच-बीच में कविताओं का रस मलना है,
ध्यान रहे यह लाफ्टर चैनल है,
यहां गीत नहीं गात चमकता है,
यहां ग़ज़ल नहीं हजल का जलवा है,
यहां छंद पर प्रतिबंध है।
द्वि अर्थी संवादों का यहां शोर है,
फूहड़ता का जोर है ।
मुख्य उद्देश्य टीआरपी बढ़ाना है,
जितना हो सके धन कमाना है।
मैंने कहा विचार आपका नेक है ,
मगर क्षीण आपका विवेक है।
मैं हँसता नहीं हूँ, हँसाता हूँ ,व्यंग लिखता हूँ, उपहास नहीं उड़ाता हूँ।
मुझे माफ कीजिए मैं द्विअर्थी संवाद नहीं, कविताओं में कुछ न कुछ संदेश लेकर आता हूँ।
लेखक: राजेश जैन राही