एक थी गुनगुन-मेरी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
अफ़सोस कि यह बच्ची भाग्यशाली नहीं थी।
Positive India:Ashish Mishra:अखबार में छपी खबर दिल दहला देने वाली है।एक छोटी सी भूल या यूं कहें एक बड़ी लापरवाही से एक तारा अपने जिंदगी की शुरुआत से पहले ही मां के आंचल से बिछड़ गया। रास्ते में गुजरते हुए मेरी तरह आपने भी कई बाईक सवार महिलाओं को पल्लू या चुन्नी सम्हाल कर रखने की समझाइश दी होगी और नादान परिंदे मुस्कुरा कर कपड़े सहेजते आभार जताते आगे बढ़ते भी मिले होंगे। अफ़सोस कि यह बच्ची भाग्यशाली नहीं थी कि कोई समय रहते इनके मां पिता को समझाइश देने पहुंचता। सिर्फ दुपट्टा और चुनरी को ही कफ़न का राहगीर मानने की गलती क्यूं मानें।बिना हेलमेट और बिना सीट बेल्ट के नियम तोड़कर यमराज के चौखट को रोज ठोकर मारने वाले नासमझ लोगों से भी तो दुनियां भरी पड़ी है। सामाजिक सरोकार से जुड़े जागरूकता कार्यक्रम को मैं करीब से देखता,समझता रहा हूं,पर हमेशा यह बात आहत करती है कि लोग जानबूझकर मक्खी निगलने के लिए तैयार क्यों है, क्यूं लोग यातायात के नियमों को तोड़ने और दूसरों की जान पर खेलने वालों को गैर सामाजिक या समाज परिवार के लिए खतरा मानने में इतनी देरी करते हैं। समाज की इसी सोच के कारण अमूमन रोज किसी न किसी घर का चिराग घर लौटने से महरूम रह जाता है। रायपुर की पुलिस की सराहना होनी चाहिए जो पूरी शिद्दत से लोगों को समझाने की कोशिश कर रही है कि यातायात के कायदे कानून चालान बनाने या इससे बचने की कलाकारी नहीं है बल्कि आपके परिवार की सुरक्षित यात्रा के लिए कानून बनें हैं, हेलमेट लगाना शर्म का नहीं,गर्व का विषय है, सिग्नलों को मानकर चलना आपके छोटेपन की नहीं समझदार और जिम्मेदार होने की निशानी है और यकीन मानिए यदि दुलार में अपने कम उम्र के बच्चों के हाथों में गाड़ी की चाबी सौप रहे तो जाने अनजाने हम और आप अपने बच्चों की अंतिम यात्रा की तैयारी कर रहे हैं। रायपुर की पुलिस हमराह के जंग के बाद यमराज के तंज के साथ सड़कों पर समझाइश देते दिखाई दे रही है और पूरी ताकत से सड़क हादसों को शून्य करने कड़ी मेहनत कर रही है, पर यकीन मानिए यदि आम आदमी गाड़ी पर सवार होने से पहले यातायात के नियम मानने की कसम खाकर सफर की शुरुआत ही यदि कर लें तो दुर्घटना की ऐसी पीड़ादायक और मर्माहत करने वाली खबर और तस्वीरें अखबारों में कभी नहीं दिखेगी। अकाल मौत के आगोश में समाए गुनगुन को मेरी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि और उम्मीद करता हूं हर राहगीर यातायात के नियमों को मानकर जिंदगी के सफर को पूरा करेंगे, क्योंकि हर सदस्य हर घर का सितारा है और हर शाम को उसके घर लौटने का इंतजार परिवार वालों को जरूर रहता है। यातायात के नियमों का पालन करें और दूसरों को भी जरूर समझाइश दें।
****आशीष मिश्रा****