Positive India: Rajesh Jain Rahi:
फिर खून बिखरा है, फिर भूमि लाल हुई,
प्रार्थना के पुष्प पर, क्रूरता का साया है।
धर्म के आधार पर, मौत की सौगात मिले,
मानवों के बीच फिर, दैत्य कौन आया है।
आंसुओं की धार पर, ढोल पीटता है कौन,
शवों की बारात फिर, दुष्ट कौन लाया है।
वसुधा पुकारती है, लाल सब एक से हैं,
अपनों से अपनों को, किसने लड़ाया है।
राजेश जैन राही, रायपुर