
औरंगज़ेब ने भारी संख्या में हिंदुओं का धर्म परिवर्तन के लिये केवल तलवार का सहारा नहीं लिया
-राजकमल गोस्वामी की कलम से-

Positive India: Rajkamal Goswami:
आधुनिक औरंगज़ेब !
औरंगज़ेब ने भारी संख्या में हिंदुओं का धर्म परिवर्तन के लिये केवल तलवार का सहारा नहीं लिया, तलवार तो अंतिम उपाय था । पहले उसने सीधी उंगली से घी निकालने का प्रयास किया । १६७९ में उसने हिंदुओं पर जज़िया दुबारा ठोंक दिया जो अकबर ने हटाया था । १६८५ में उसने पूरे मुल्क में हिंदुओं को मुसलमान बनाने का फ़रमान ज़ारी कर दिया जिसमें हिंदू मर्दों को पाँच रुपये और हिंदू औरतों को दो रुपये सरकारी खजाने से धर्मपरिवर्तन के लिए दिये जाने थे । हिंदू व्यापारियों पर मुसलमानों की तुलना में दो गुना व्यापार कर लगा दिया । मथुरा में जन्मभूमि मंदिर काशी में विश्वनाथ मंदिर गुजरात में सोमनाथ और चिंतामनि मंदिर वृंदावन में गोविंद देव मंदिर समेत सैकड़ों मंदिर तुड़वा दिये । हिंदू पाठशालायें बंद करा दीं और नई खुलने पर रोक लगा दी । राजपूतों को छोड़ अन्य जातियों का घोड़े हाथी और पालकी पर चलना प्रतिबंधित कर दिया । अदालतों में मुस्लिम अपराधियों के विरुद्ध हिंदुओं की गवाही तो इस्लामी हुकूमत में पहले से ही स्वीकार्य नहीं थी ।
इन तमाम साम दाम दंड भेद का असर यह हुआ कि बड़ी संख्या में हिंदुओं का कनवर्ज़न शुरू हो गया ।
आधुनिक भारत में भी सरकार धर्मपरिवर्तन के लिए कम प्रलोभन नहीं दे रही है । मुसलमान बनते ही आप उन तमाम योजनाओं से लाभान्वित होने के लिए पात्र हो जायेंगे जो हिंदू होने के चलते आपको कभी नहीं मिलने वाले ।
मुस्लिम बच्चों के प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक के साथ साथ मौलाना आज़ाद स्कॉलरशिप योजना है । इसके अतिरिक्त हमदर्द जैसे संगठन भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं । अलीगढ़ में इंटरनल कोटे के तहत आपका बच्चा आसानी से मेडिकल इंजीनियरिंग आदि में प्रवेश पा सकता है । फीस नगण्य है । प्रत्येक राज्य में अल्पसंख्यकों के लिये असंख्य योजनायें हैं सबकी गिनती गिनाना यहाँ संभव नहीं है । अरब देशों से आने वाली ज़कात और मदद इसके सिवा है
मुसलमानों के लिये विशेष सुनिधायें धर्मपरिवर्तन के लिये उसी तरह प्रोत्साहित करती हैं जैसे औरंगज़ेब के समय करती थीं बस वह थोड़ा क्रूर अधिक था और देश में राजतंत्र था ।
यह सब सुविघायें तो भाजपा शासन में हैं यदि सपा और कांग्रेस की सरकारें आ जायें तो तुष्टीकरण की गति और तीव्र हो जायेगी ।
इन औरंगज़ेबी तौर तरीकों के चलते भारत में इस्लाम का प्रचार प्रसार और धर्मपरिवर्तन कराना कोई आश्चर्य की बात नहीं है । संविधान पहले से ही अल्पसंख्यकों को संरक्षण देता है जबकि संरक्षण की आवश्यकता तो हिंदू समुदाय को थी जो धर्मपरिवर्तन को कभी बढ़ावा नहीं देता ।
साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)