

Positive India: Rajkamal Goswami:
रूस जब कुर्स्क पर भीषण बमबारी कर रहा होता है तब मीडिया यह नहीं कहता कि पुतिन युद्धविराम नहीं चाहते । लेकिन जब ज़ेलेंस्की मॉस्को में पलटवार करते हैं तब मीडिया शोर मचाने लगता है कि ज़ेलेंस्की पुतिन को चिढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं और वे युद्धविराम की कोशिशों को सफल नहीं होने देना चाहते ।
जब तक रूस के साथ युद्धविराम पर सहमति बन नहीं जाती तब तक दोनों पक्ष अपनी अपनी रणनीति पर अमल करने के लिये स्वतंत्र हैं । न रूस कुर्स्क में रियायत बरत रहा है न यूक्रेन मॉस्को और अन्य रूसी सैन्य ठिकानों पर हमले करना बंद कर रहा है ।
जैसे ही पुतिन समर्थकों को आशा बँधती है कि अब रूस जीत गया है और यूक्रेन समर्पण करने वाला है उसी समय यूक्रेन के ड्रोन रूस के भीतरी सैन्य ठिकानों को भस्म करने लगते हैं । पुतिन के लिए यूक्रेन की राह इतनी आसान नहीं है ।
ज़ेलेंस्की का बयान है कि रूस के हमले जितने भीषण होंगे जवाब भी उतनी ही भयंकरता से दिया जाएगा ।
आश्चर्य है कि दुनिया का सबसे अधिक क्षेत्रफल वाला देश रूस ज़मीन के लिए इतना लालची क्यों हो गया है कि दोनों तरफ़ के लाखों लोगों को युद्ध की वेदी पर होम किये जा रहा है ।
साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)