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भगवान कल्कि का दंड

- तत्वज्ञ देवस्य की कलम से-

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Positive India:Tatvagya Devasya:
#भगवान_कल्कि_का_दंड
कई लोग कह रहे हैं,भगवान श्री हरि विष्णु के,दसवें अवतार, भगवान कल्कि का अवतरण होने वाला है,सब ठीक हो जाएगा,वो सब ठीक कर देंगे,हमें कुछ नहीं करना पड़ेगा,हम बस बैठ कर,उनकी लीला देखेंगे…

आहा..कितना सुंदर दृश्य होगा..हैं ना?

कभी विचार किया है,भारत भूमि में ही भगवान अवतरित क्यों हुए?भगवान तो स्वयं कहते हैं,जब जब धरती पर,धर्म की हानि होगी और अधर्म बढ़ेगा,तब तब मैं,जन्म लूंगा,पर दसों अवतार का जन्म,भारत में ही क्यों?

दूसरा,कर्मफल सिद्धांत की बात करें,तो भारत पर और खासकर हिंदुओं पर,जितने भी आक्रमण हुए या हो रहे हैं,तो वो क्यों हो रहे हैं?कहीं तो दोगलाई की होगी हिंदुओं ने?उसी का फल है ना?या कोई और बात है?

तीसरा,जब भगवान कहते हैं,कि वो कल्कि अवतार ले कर आएंगे और अधर्मियों को धरती से हटा कर,साफ़ करेंगे,तो वो अधर्मी क्या केवल,अमन पसंद कौम और बोरी वाली मिशनरियां से संबंधित लोग हैं?या वो अधर्मी हिंदू भी हैं,जो हर तरह का पाप कर रहें हैं,और बच जा रहे हैं?

ज़रा स्वयं से पूछिए आदरणीय,कल्कि अवतार आएंगे,तो क्या उनके दंड से,निकृष्ट हिंदू,बच जाएंगे?कल्कि अवतार आएंगे,तो क्या उनके दंड से,अपनी रक्षा न करने की जिद्द पालने वाले,हिंदू,बच जाएंगे?क्या बच पा रहे हैं वो हिंदू बंगाल में?क्या बचे थे,वो हिंदू कश्मीर में?
क्या बच रहे हैं बांग्लादेश में?

कल्कि अवतार आएंगे,तो स्वार्थी हिंदू बच जाएंगे?कल्कि अवतार आएंगे,तो पाखंड करने वाले हिंदू बच जाएंगे?कल्कि अधर्म करने वालों का नाश करेंगे,ये कहा गया है,हिंदुओं से अधिक अधर्म कौन कर रहा है भला?

है कोई और,इतना मक्कार इस धरती पर?
है कोई और ,इतना दोगला इस धरती पर?

अपने धर्म से विमुख हिंदू,क्या वो नहीं है,जो कुंभ के नाम पे,करोड़ों का गबन कर रहा है?पैसे दे दे कर,पोस्टिंग करवा रहा है हिंदू अधिकारी,कुंभ क्षेत्र में,ताकि गलत पैसा कमा सके,एक एक काम से लाखों और कुंभ अवधि में करोड़ों कमाएगा हिंदू अधिकारी..

फिर परिवार में किसी अपने को एक्सीडेंट या आत्महत्या में खोएगा,उसके किसी अपने को कोई असाध्य रोग होगा,
वंश आगे नहीं बढ़ेगा,वंश होगा तो मानसिक रूप से अस्वस्थ होगा,तो भगवान को ही कोसेगा,ये ही हिंदू ठेकेदार,ये ही हिंदू अधिकारी,ये ही हिंदू नेता और छुठभैया नेता और कर्मचारी…

फिर क्या?
फिर कुछ नहीं,ये स्वार्थी हिंदू,
अपना भगवान बदल लेगा…
(पहले भी कई बार कर चुका है,आगे भी कई बार करेगा)
किसी राक्षस,किसी प्रेत को पूजना आरंभ कर देगा..
(इस समय भी कर रहा है,परिणाम दिखेंगे उसके भी)

आप कहेंगे,क्यों करेगा भला हिंदू ऐसा?क्योंकि मित्र मेरे,हिंदू बड़ा स्वार्थी है,वो फायदे के लिए कालनेमी को भी अपना गुरु बना लेगा,देखो जैसे अभी दिल्ली में केजरीवाल को सनातन सेवा समिति का हिंदू हृदय सम्राट घोषित कर दिया है हिंदुओं ने,उसके सारे हिंदू विरोधीकार्य,भुलाकर..बिलकुल वैसे ही…क्यूंकि,
ऐसा ही है हिंदू..
टोटल–अधर्मी..

18 करोड़ का सड़क चौड़ीकरण का प्रोजेक्ट है,तो 3 करोड़ हिंदू अधिकारी घूस ले रहा है,उसमें ऊपर हिंदू नेता को वो कट दे रहा है,वाह वाह क्या पुण्य कमाया जा रहा है…

क्या ये धन हिंदू हित में उपयोग होगा?
क्या कभी हुआ है?
नहीं हुआ है,ना ही होगा..
होता तो आज 9 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक न होता
होता तो आज भारत और विश्व भर में हिंदुओं पर अत्याचार करने की किसी की हिम्मत नहीं हो रही होती,और होती तो उसे त्वरित दंड भी दिया जाता,पर हिंदुओं को तो अपने ही अत्याचारियों को,
“फलाना डिकाना द ग्रेट” बताने की,चुल मची रहती है…

7500 करोड़ आया है,कुंभ नगरी के लिए,दोनों सरकारों की ओर से बजट,पर सड़कें,अंतिम समय में बनाई जा रही हैं,ताकि गुणवत्ता की जांच ना हो पाए,
और कुछ महीनों बाद,ढाक के तीन पात..

फिर पैसा रिलीज़ हो,फिर पैसा कमाया जाए..
उड़ाया जाए,पाप से पाप किया जाए,
और उसको धुलने का,
कोई नया उपाय आज़माया जाए।

कुंभ होगा,करोड़ों हिंदू आएंगे,हर बार आते हैं,
हर बार आएंगे..पर क्या वो अपना कर्तव्य,अपना धर्म निभाएंगे?इससे पहले कभी निभाया है?क्या वो जाति भेद भुला पाएंगे?क्या वो सब जातियों के बच्चों को,वेद उपनिषद की शिक्षा देना,आरंभ कर पाएंगे?वो आत्मरक्षा और शस्त्र विद्या,हर जाति के बच्चों को,दिला पाएंगे?अखंड हिंदू राष्ट्र के लिए,असंख्य हिंदू क्या करेंगे?

हिंदू इकोनॉमी,हिंदू ईको सिस्टम के लिए क्या करेंगे?कितने हिंदुओं की,घरपवापसी करवाएंगे?घर वापसी करवाना,कितनों का आसान करवाएंगे?कितनी वक्फ की जमीनों को छुड़वाएंगे?कितनी मजारों को हटवाएंगे?कितनी मजारों पर हिंदू युवक युवतियों और अधेड़ उम्र की माताओं बहनों का जाना रुकवाएंगे?घर वापसी के पश्चात,कितनों को अपनी रक्षा करने हेतु ट्रेन करेंगे?कितने दूर दराज रहने वाले हिंदुओं तक पहुंचने का प्रण लेंगे?कितने हिंदू उनकी आर्थिक सहायता करने का प्रण लेंगे,ताकि वो कन्वर्जन माफिया से बच पाएं,कितने आदिवासी हिंदुओं तक,संत समाज पहुंचेगा?कितने आदिवासी हिंदुओं तक आम,समर्थ हिंदू पहुंचेगा?

कितने हिंदुओं को लीगल हेल्प दिलाई जाएगी?कितने हिंदू बच्चियों को,लव–जेहाद और ग्रूमिंग गैंग से संत बिरादरी की महिलाएं सतर्क रहना सिखा पाएंगी?कितने हिंदुओं की लैंड जेहाद में गई ज़मीन,उन्हें वापस दिलाई जाएगी?

या बस अपना अपना स्वार्थ सिद्ध करके,अपना अपना पाप धो कर,मल त्याग कर,सेल्फी ले कर,हिंदू लौट जाएगा?

और मन ही मन सोचेगा,बन गया हिंदू राष्ट्र…
फिर कुछ दिन बाद ही पुनः उसका भ्रम टूटेगा
फिर एक राज्य में हिंदू अल्पसंख्यक होगा,
उससे उसका घर छूटेगा…

वहां जो हिंदू जा रहा है,ये सोचकर कि वो पाप मुक्त होगा,तो क्या सच में,वो पाप मुक्त होगा,गंगा नहाने से?उसी गंगा में नहाने से,जिसे वो मां तो कहता है,पर रोज़ गंदा करता है और कुंभ में भी गंदा करना नहीं छोड़ेगा,कानपुर में स्वच्छ जल परियोजना से जुड़े जलनिगम के हिंदू अधिकारी क्या कर रहे हैं पता है?चमड़े का पानी,पुनः भूमि में,रिवर्सरिबोर क्या जा रहा है,ताकि भूजल में चमड़े का पानी मिक्स हो जाए,कैंसर बढ़ता जा रहा है इस क्षेत्र में,और अधिकारी अपना बंगला लखनऊ के गोमती नगर से लेकर रायपुर में बनवा कर,
बैठे हैं गिफ्ट में मिला आईफोन चला रहे हैं…

अधिकारी सबको बनना है,सबसे अधिक अधिकारी हिंदू वर्ग को ही बनना है,लाखों प्रतियोगी छात्र,अधिकारी बनने के लिए,नगर–नगर भटकाए जा रहे हैं,और अधिकारी बनते ही वो सबसे पहले करते क्या हैं?

हिंदुओं का ही शोषण..

दिल्ली में यमुना का हाल क्या है?
केजरीवाल के समर्थन में,कल संत समाज आ गया,वही केजरीवाल,जिसने यमुना स्वच्छ करने का बीड़ा उठाया था,जिसने दिल्ली को सबसे बड़ा कूड़े का ढेर बना रखा है,उसी कूड़े के ढेर से सारी दिल्ली एनसीआर में सब्जी,मीट और दूध सप्लाई होता है,वहीं से यमुना गंदी होती हैं और वही यमुना,प्रयागराज में संगम में,गंगा जी से मिलती हैं..

अपनी मां के साथ ऐसा कौन करता है?

उत्तर है,हम करते हैं,
हम हिंदू..करते हैं अपनी मां के साथ ऐसा..
फिर वो गंगा मां हों या भारत मां..
हम हैं,वो नालायक हिंदू..कपूत हिंदू हम ही हैं..

चलिए साहब,आपने कहा,वो दिल्ली है,जो संत कालनेमी केजरीवाल को सनातन सेवा समिति का हिंदू हृदय सम्राट घोषित कर चुके हैं,वो तो दिल्ली वाले हिंदू हैं..

पर साहब ये यूपी वाले हिंदुओं का क्या?

कुंभ है सर पर,पर प्रयागराज में ही कितने नाले अभी भी गिर रहे हैं,क्या कर रहे हैं हिंदू अधिकारी?अधिकारी बनना है ना सब हिंदुओं को?प्रयागराज से तो सबसे अधिक अधिकारी बने हैं एक समय,क्या कर रहे हैं वो अधिकारी?
क्या कर रहे हैं वो नेता?

बस फोटो खिंचाना,फीता काटना नेता गिरी है?सड़क पर तभी उतरना है,मोहल्लों में तभी जाना है जब चुनाव सर पर हों?बाकी समय मिलने का समय देना नहीं,कोई उचित मांग है तो सुनना नहीं,इनसे पैसा लेना,यहां जमीन खरीदना,वहां अपने बच्चों के लिए हॉस्पिटल,जिम,स्कूल और कोचिंग खोलना,बस ये ही हिंदू नेताओं का काम?ये अधर्म नहीं है?

और हिंदू जनता भी तो धन्य है,
कितनी धार्मिक है…
आहा..

हज़ारों हिंदू कलाकार आए हैं प्रयागराज,नगर का कोना कोना,हिंदू कला से परिपूर्ण किया जा रहा है,पर उत्तरप्रदेश और बिहार का हिंदू मानुष उन्हीं चित्रों पर,अपनी चिरपरिचित लाल गुटखे और पान वाली कलाकारी करने से बाज़ नहीं आ रहा,वो देवताओं के चित्रों से लेकर,क्रांतिकारी चंद्र शेखर आज़ाद के चित्र पर पेशाब करने से भी बाज़ नहीं आ रहा,उसे कोई शर्म नहीं..वो पेंटिंग पर पेशाब करना,अपना कर्तव्य,अपना धर्म समझता है और पूरी तल्लीनता से निभाता है।

एक ओर पेंटर पेंट कर रहा है,और दूसरी तरफ़ हिंदू उस पर थूक रहा है,और पेशाब कर रहा है..

तीसरा हिंदू,अपने हिंदू भाई का,
थूक और पेशाब पानी से धो रहा है…

क्योंकि थूकने और पेशाब करने वाला हिंदू,
स्वयं को अच्छा हिंदू समझता है,
और उसकी थूक और पेशाब को धोने वाले को घृणित हिंदू..

हिंदुओं के साथ थूक जेहाद नहीं होगा तो किसके साथ होगा?कर्म किया है ना,भगवान भुगतवाएंगे..तुमको थूक और पेशाब वाला खाना खिलवाएंगे…

थूको..थूको..

लाखों पोर्टेबल टॉयलेट लाए जा रहे हैं,पर हिंदू समाज,उन टॉयलेट में जाएगा,पर पानी बहाने का अपना कर्तव्य नहीं निभाएगा,नहीं नहीं ये अनपढ़ हिंदू जनता नहीं है,अधिकारियों का भी ये ही हाल है,वो चाहता है,उसका मल कोई सफाई कर्मचारी बहाए,जैसे पहले अंग्रेज़ों और बाकी अमीर हिंदुओं का किया जाता था,उसी देश में जहां हड़प्पा सभ्यता में सीवेज और ड्रेनेज सिस्टम मिला,है तो आज भी सारी टेक्नोलॉजी,पर हिंदू इस्तेमाल करना चाहे तब न..

उसको तो बोलना पड़ता है,ये मंदिर है,यहां गुटखा मत थूको
ये स्कूल की दीवार है,यहां पेशाब मत करो…

सोचिए कैसे हिंदू हैं?
जो ये नहीं समझते कि कहां थूकना है..
कहां पेशाब करनी है..
इतना भी कर्तव्य बोध नहीं है..
इतना भी नहीं सिखा पाया उन्हें कोई…

प्रयागराज में,फ्लाईओवर पर पेशाब करने वाले हिंदू भी पाए जाते हैं,जो ये तक नहीं समझते,कल को उसी फ्लाईओवर के नीचे से,वो या उनके बच्चे भी गुजरेंगे,तो पेशाब उनके सर पर टपक टपक टपकेगा…

कानपुर की ओर से जब आप नगर में एंट्री करेंगे,तो चौफटका फ्लाईओवर पड़ेगा,उसके नीचे बौछार होती रहती है,वो बौछार आपके साथी हिंदू भाई के पेशाब की है..

उससे आपका धर्म नहीं नष्ट होगा..
तो पड़ने दीजिएगा
जहां एक ओर फूल वर्षा होगी,वहां दूसरी ओर हिंदू पेशाब वर्षा हो जाए तो क्या ही फर्क पड़ता है..

हैं ना?

कोई फर्क नहीं पड़ता साहब,
उसके पीछे भी,
किसी और को दोषी बना देगा,
हमारा ज्ञानी हिंदू समाज..

ये बताइए ज्ञानी हिंदू भाइयों,अपने धर्म से विमुख हिंदू क्या वो हिंदू शिक्षक और गुरु नहीं हैं,जो शिक्षा देने के नाम पर,व्यापार कर,बच्चों का जीवन उनसे छीन रहे हैं?

अपने धर्म से विमुख हिंदू वो नहीं है,जो रक्षक बनने की जगह,भक्षक बनने के लिए सदैव तैयार रहता है,और उसके बाद,असहाय को मानसिक,शारीरिक तौर पर यातना देता रहता है,जब तक पीड़ित आत्महत्या न कर ले,या वो स्ट्रेस से मर न जाए,वो उसे लूटता रहता है…लूटता रहता है जैसे कोई गिद्ध हो,जो मृत जीव से मांस नोचता है,
जब तक हड्डी नहीं रह जाती।

अधिकांश हिंदू अपनी आत्मरक्षा की बात पर,बिफर जाता है,जब जब मैंने कहा,आत्मरक्षा करना सीखो,तब तब हिंदू मुझसे दूर भागा,मेरे हर जन्म में मुझसे दूर भागा,मेरा विरोध किया,मुझे धोखा दिया,कभी एक जाति पर निर्भर हो गया,और सोमनाथ समेत हजारों नगरों और मंदिरों को गंवाया,लेकिन शस्त्र नहीं उठाया,ना ही उठाएगा,क्योंकि वो जिम्मेदारी लेना नहीं चाहता,वो बस धन पशु और शांति चाहता है,पर उसके लिए कुछ करना नहीं चाहता,क्या ये अकर्मण्यता अधर्म नहीं है?क्या इससे वो बच जाएगा?

कर्मफल सिद्धांत के अनुसार,दंड पाएगा,कल्कि भगवान आएं या न आएं,दंड अवश्य मिलेगा,और हां पाप से कोई मुक्ति नहीं,कोई उपाय नहीं,जितना पैसा खर्च करना है करवा लो,जितने मंदिर दर्शन करने हैं कर लो,पाप कर्म का फल तो मिलेगा ही मिलेगा,जैसे अच्छे का मिलता है,एक बार पाप किया,तो उसका दंड है,अधर्म किया तो उसका दंड है,पर ये अधर्म क्या है,ये पहले समझे हिंदू,अपना कर्तव्य न निभाना,अपनी जिम्मेदारियों से भागना,अपना दोष किसी और पर मढ़ना,अपने हित के लिए,दूसरों को धोखा देना,अपनी ईगो के लिए,किसी काबिल को रास्ते से हटाना,सब अधर्म है,और सबका दंड है,
कभी इस जन्म में,कभी अगले में..
बचाव कोई नहीं…कोई भी नहीं…

कल्कि भगवान आएंगे,तो अधर्म करने वाले हिंदू भी,उनकी खड़ग द्वारा,काटे जाएंगे,क्योंकि कलि हिंदुओं की नस नस में भर गया है,हिंदुओं ने कलि को धारण कर लिया है,इसलिए कोई अधर्मी हिंदू नहीं बचेगा,पर उससे पहले जितने अकर्मण्य,कायर हिंदू हैं,वो कटपीस कौम द्वारा,अच्छे से क्षत विक्षत किए जाएंगे,उसके बाद जो अधर्मी हिंदू बचेंगे,वो प्रभु की खड़ग द्वारा,दंड पाएंगे,क्योंकि वो अपने धर्म का पालन करना,
प्रभु के 9 अवतारों के पश्चात भी,सीख नहीं पाए…
तो प्रभु का 10 वां अवतार,
उन्हें मात्र,दंड देगा…मात्र दंड.!🗡️

साभार:तत्वज्ञ देवस्य-(ये लेखक के अपने विचार हैं)
पौष शुक्ला दशमी
शाकंभरी नवरात्रि
📿 गुरुवार,९ जनवरी २०२५
विक्रम संवत् २०८१
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