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शत्रुघ्न सिन्हा और सोनाक्षी मुकेश खन्ना पर भड़के हुए हैं

-सर्वेश कुमार तिवारी की कलम से-

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Positive India: Sarvesh Kumar Tiwari:
खबरों में है कि श्री शत्रुघ्न सिन्हा जी मुकेश खन्ना पर भड़के हुए हैं। अकेले शत्रुघ्न जी ही नहीं, बल्कि उनकी बिटिया सोनाक्षी जी भी भड़की हुई हैं।

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दरअसल हुआ यह कि कुछ समय पहले सोनाक्षी मैडम केबीसी खेलने गयी थीं। वहाँ प्रश्न आया कि हनुमान जी महाराज किसके लिए संजीवनी बूटी लाने गए थे। इस प्रश्न पर सोनाक्षी जी दांत दिखाती रह गईं क्योंकि उन्हें उत्तर नहीं पता था।

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अब हमारे खन्ना साहब ठहरे कड़क बुजुर्ग! उन्होंने कहीं बोल दिया कि शत्रुघ्न अपनी बिटिया को संस्कार नहीं दे सके। यह बात गलत तो नहीं ही है। एक सामान्य हिन्दू परिवार में दस साल का बच्चा भी इतनी सामान्य जानकारी अवश्य रखता है, फिर एक अड़तीस साल की लड़की को इतनी जानकारी नहीं हो तो किसी को भी अजीब लगेगा।

खन्ना साहब ने जो कहा वह सहज बात है। सिन्हा का धर्मभाव कम नहीं रहा। माता-पिता ने चार भाइयों का नाम राम, लक्ष्मण,भरत, शत्रुघ्न रखा था। सिन्हा ने अपने बच्चों का नाम लव-कुश रखा था। इससे यह तो सिद्ध होता ही है कि उनमें धर्मभाव था। वे बस अपनी बिटिया को धार्मिक संस्कार देना भूल गए। और इसका फल क्या हुआ, यह भी शत्रुघ्न देख ही चुके हैं।

यह बात अनावश्यक नहीं थी, आजकल ऐसा खूब हो रहा है। लोग अपने बच्चों को बड़ा आदमी बनाने के लोभ में इस कदर डूबे हुए हैं कि संस्कार देना भूल ही जाते हैं, और उन्ही अभिभावकों को अपना बुढापा सड़क पर या बृद्धाश्रम में काटना पड़ रहा है। बच्चे उनके आत्मविश्वास को तोड़ देते हैं, उनके हर संकल्प को तोड़ देते हैं, उनकी प्रतिष्ठा को खा जाते हैं। सोनाक्षी इसका सटीक उदाहरण तो हैं ही… तो खन्ना जी की बात में कुछ भी अजीब नहीं ही था।

अजीब है शत्रुघ्न सिन्हा का भड़कना! वे अपनी प्यारी बेटी को हिन्दू संस्कारों वाली बता रहे हैं। यह बात कितनी हास्यास्पद है, यह श्री सिन्हा भी जान ही रहे होंगे। पर एक मोछभदरा (गूगल से अर्थ पूछियेगा, पर उसे भी शायद ही पता हो…) और कर भी क्या सकता है?

सोना बेगम कह रही हैं कि यह उनके बाप के दिए हुए संस्कार ही हैं कि वे खन्ना साहब को गाली नहीं दे रहीं, वरना उन्हें वह भी आता है। वाह! क्या बात है। क्या संस्कार हैं। अद्भुत… यह कहते हुए सोनाक्षी अपने संस्कार ही बता रही थीं।

हालांकि सोनाक्षी की उस उत्तर न दे पाने वाली घटना को मैं दूसरी दृष्टि से देखता हूँ। सम्भव है सोनाक्षी को इस बात के लिए पैसे दिए गए हों कि तुम उत्तर मत देना, ताकि सिनेमा की दुनिया को फॉलो करने वाले लड़के लड़कियों तक यह संदेश जाय कि यह सब जानना कोई विशेष जरूरी नहीं। इस देश में मूर्खता को ‘कूल’ बताया जाना यूँ भी चलन में है। मुझे इस बात पर रत्ती भर भी संदेह नहीं कि पैसे मिलें तो वे लोग कुछ भी कर सकते हैं।

वैसे इस प्रकरण में मैं खन्ना साहब की ही बात दुहराना चाहूंगा। यदि आप अपने बच्चों को संस्कार नहीं देते, धर्म अधर्म का भेद नहीं समझाते, अपनी परंपराओं का ज्ञान नहीं देते, तो घर का नाम रामायण रखने से कोई लाभ नहीं। अंततः उन्हें गड्ढे में ही गिरना होगा… और इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि मां बाप को भी अपने बच्चों के कुकर्मों को स्वीकार करना और उन्हें डिफेंड करना पड़ता है।

साभार:सर्वेश तिवारी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)
गोपालगंज, बिहार।

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