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भांड है सलमान खान,कोई अवतारी पुरुष नहीं

-तत्वज्ञ की कलम से-

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Positive India:Tatvagya:
#खरी_खरी
भांड है वो,कोई अवतारी पुरुष नहीं है,जो उसकी मृत्यु से भारत की वैश्विक छवि को धब्बा लगेगा,और वो भांड जिसके संबंध भारत विरोधी,#हिंदू विरोधी माफियाओं से रहे हैं,जिसे माफियाओं ने ही #हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का भाईजान बनाया,या बादशाह या #सुलतान बनाया,मात्र एक भांड है वो,एक पैसों पर नाचने वाला भांड,एक ऐसा भांड,जो अपने पॉवर और पैसों के नशे में,फुटपाथ पर सो रहे निर्दोषों को कुचल देता है,एक ऐसा भांड,जो लुप्त प्राय बिश्नोई समाज में पूज्य प्रजाति के जीवों की,अपने साथी भांडों के साथ मिल,हत्या करता है,और उनका मांस नोच–नोच कर खा जाता है..

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भांड ने तुम्हारे नेता का चुनावों में साथ दिया,इसका ये कदापि अर्थ नहीं,कि वो तुम्हारे नेता का हितैषी है,तुम्हारा नेता भी अच्छे से समझता है कि,इस भांड ने हवा जिस ओर देखी मुड़ते हुए,उसने उस ओर,अपनी पतंग मोड़ दी,क्योंकि वो अवसरवादी भांड है।

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तुम ये क्यों भूल जाते हो,कि तुम्हारे नेता को सपोर्ट करने के बाद,उसने अपने भांडों की फौज लगा रखी है,तुम्हारी हिंदू वादी सरकार के विरुद्ध,ये वही छोटे मोटे भांड हैं,जो उसकी पार्टियों में लार बहाते हुए,दुम हिलाते हुए नाचते हैं,ताकि बड़ा भांड,उनके लिए अपनी बची हुई रोटी और बोटी छोड़ दे..

उसकी मृत्यु से तुम कह रहे हो दंगे होंगे? दंगे कब और कहां नहीं हो रहे बंधु?पत्थरबाज कौम तो हर त्योहार पर तुम्हारे भाई–बहनों को मार रही,तुम्हारी हर शोभा यात्रा पर,पत्थर बरसाए जा रहे,तिरंगा लहराने पर चंदन मारे जा रहे,बिन बात के कन्हैया दिन दहाड़े,गर्दन उतार कर,हलाल किए जा रहे,पत्थरबाज कौम के तुम्हारी माता के विग्रह पर पत्थर बरसाने के विरोध में,उनकी छत पर,भगवा लहराने पर,तुम्हारे गोपाल के हाथ–पैरों के नाखून तक,नोचे जा रहे,उसके सीने को गोलियों से छलनी किया जा रहा,उसका कौम का नारा लगाते हुए धीरे–धीरे गला रेतकर,उसे हलाल किया जा रहा।

जाति पूछी इनकी,उन्होंने?
जाति देख कर मारा उन्हें?
जन्मना जाति देख कर मारा?
या बस काफिर है,इसलिए मारा?

पता है,इसमें भी तुम अपना कोई जातिवादी कुतर्क,घुसेड़ दोगे,क्योंकि तुम डरते हो,हिंदू एक हो गया,तो तुम्हारा क्या होगा?जिस एक कारण से तुमको श्रेष्ठता का अनुभव हो रहा,जिस एक कारण से तुमको लगता है,तुमको सम्मान मिल रहा,अवसर मिल रहा,जिसके कारण तुम्हारी पूछ है,वो कारण ही नहीं रहेगा, और सब को बराबरी का दर्जा मिलेगा तो कहां जाओगे तुम?

बताऊं कहां,वहीं अपने भांड के पास,तुम्हारा वही सहारा है, भांडवुड का भांड ही,तुमको सबसे प्यारा है।

पर उसके लिए भी,तुम बाकी हिंदुओं की भांति,
मात्र एक काफ़िर हो..
और उसके छपरी फैंस के लिए भी..

तुम्हारी बहन,तुम्हारे इस भांड के छपरी फैंस के मकड़जाल वाले प्रपोजल को “ना” बोल रही है,तो निकिता की भांति,घात लगा कर,मार दी जा रही,कहीं “हां” बोल कर फंस रही है,तो श्रद्धा की भांति काट कर फ्रिज में ठूंस दी जा रही,जंगलों में फेंक दी जा रही।

ना बोले,तो भी मारी जा रही है..
हां बोल रही है तो भी काटी जा रही है..

पर लड़कियों का यौन शोषण करने वाले,भाईजान तो लड़कियों के रक्षक हैं,तुम्हारे हिसाब से..क्यों?

तुम्हारे मंदिरों की मूर्तियों को तोड़ा जा रहा,तुम्हारे मंदिरों के प्रसाद को गौ मांस की चर्बी वाले घी से बनाया जा रहा,तुम्हारे खाने में थूका और जूस में मूत्र मिलाया जा रहा,तुम्हारी बेटियों की अस्मत को,दुर्गा पंडालों से लेकर गरबों में जाने पर,झुंड बना कर लूटा जा रहा,तुम्हारे गांव के गांव वक्फ अपनी संपत्ति घोषित कर रहा है,और तुम कहते हो,एक भांड के मरने से देश में दंगा होगा?
जो हो रहा है,वो कम है क्या?

सच बताओ,तुम्हें भांडवुड से मोह है ना?तुम भी उस भांड के छपरी फैन हो ना?तुम्हारा भांडवुड की चाटुकारिता करने से घर चलता है ना?तुम सस्ती लोकप्रियता के लिए,कश्मीर के आतंकवादियों की फंडिंग करने वाले,बच्चों का यौन शोषण करने वाले,मुंबई में रात को अपने चेले चपाटों के साथ,लकड़बग्घों का झुंड बना कर निकले लड़कियों का शिकार कर,रेप करने वाले भांडों को गीता पकड़ने पर क्लीन चिट देने वाले मूर्ख भांडवुड के मोहग्रस्त जातिवादी हिंदू हो ना?तुम करते रहो चाटुकारी,इन भांडों की,क्योंकि तुमने अपनी आत्मा बेच खाई है,उनकी तरह।

पर सुन लो,एक भांड के मरने से कुछ नहीं बदलने वाला हिंदुओं के साथ,जो हो रहा है,होता रहेगा,कारण कुछ हो या न हो,हम अघोषित गृह युद्ध में प्रवेश कर चुके हैं,पत्थरबाज कौम पत्थर बरसाएगी,हां बहराइच की तरह प्रतिकार हुआ,तो वो कौम भी घबराएगी,क्योंकि जब सरकार और न्यायालय के भरोसे बैठना छोड़ हिंदू,अपने लोगों की हत्या पर प्रतिक्रिया देने लगेगा,तो फिर वो तांडव करेगा,और तब तक नहीं रुकेगा जब तक वो पत्थरबाजों के वंश के वंश को समाप्त नहीं कर देता।उसने देख लिया,तुम्हारे प्रिय भांड की सरकारें और अदालतें कैसे आवभगत करती हैं,कैसे पुलिस उसके कदमों में बिछती है,क्योंकि हैं तो वो भी,
तुम्हारे जैसे मोह ग्रस्त,रीढ़ विहीन लोग..

पर सुनो भांडवुड प्रेमी खतना प्राप्त,पोटेंशियल कनवर्टेड हिंदू सुनो,अपने मृत जोंबी जैसी देह के,सारे छिद्र खोल कर सुनो,कुछ देशप्रेमी हिंदू बहुत क्रूर होते हैं,और उन्हें लोगों का इस्तेमाल करना,और सर उठाने पर,उनका सर कुचलना आता है,दुष्ट के साथ,दुष्टता करने से वो पीछे नहीं हटते,कपटी के साथ कपट करने से,उनके हाथ नहीं कांपते,उनके लिए राष्ट्र सर्वोपरि,धर्म सर्वोपरि होता है,उसके लिए किसी भी सीमा तक जाना पड़े,वो जाते हैं..

कभी अपराधी इस्तेमाल होता है,कभी तुम्हारे भांड का,भांड स्वयं को सरकार जब समझता है,तो उसको उसकी औकात दिखाई जाती है,पहले उसे पार्टियों में,सारी मीडिया के समक्ष नचाया भी जाता है,फिर उसके दोस्तों को,हमदर्द भूमाफियाओं को,मरवाया भी जाता है,और ये होता रहेगा,तुम्हारा भांड अपनी औकात में रहेगा,दुम दबाएगा और सर झुकाएगा,तो कुछ दिन और,बोटोक्स के साथ साथ,भर भर के स्टेरियाइड्स के इंजेक्शन लेकर,ज़िंदा रहेगा,नहीं तो कुत्ते की मौत मरेगा,और उसकी मौत से किसी राष्ट्रवादी हिंदू को रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ेगा,भारत की छवि को इन भांडों की मृत्यु से फर्क नहीं पड़ने वाला,माफिया का बनाया भांड,दूसरे माफिया द्वारा मारा गया,बस इतनी सी होगी कहानी,जो होगी दूसरे राष्ट्रों को बतानी,असली बात ये है समझानी कि,जब छपरियों के अब्बा,सेफ नहीं हैं,तो छपरी कैसे सेफ होंगे?

बाकी जिस माफिया ने मारा,वो माफिया है,या सरकारों और सुरक्षा एजेंसियों का चेला,ये बातें 19 बरस बाद,किसी उपन्यास में पढ़ना,जो तुम्हारे लिखे उपन्यासों और वेब सिरीज़ से,बिना पब्लिसिटी के,बिना भांडवुड की चाटुकारिता के कहीं ज़्यादा चलेगी।

ये स्मरण रखो,तुम्हारा भांड,तुम्हारा भगवान होगा,हमारे लिए बस एक अधर्मी है,विधर्मी है,और हम उसके लिए काफ़िर,तुम जाओ अपना गद्दारी धर्म निभाओ,दाढ़ी मूंछ वाली मंथरा बन जाओ,जाओ चुगली करो,जाओ स्क्रीनशॉट खींचो,मैसेंजर पर,व्हाट्सएप पर,कॉल पर और मयखानों में अपने आकाओं को दिखाओ,दुम हिलाओ,बोटी मिलेगी..

पर याद रखना बाबू,पेले तुम भी जाओगे,जब वानर सेना आएगी,बड़के कुत्तों के साथ,तुम पिस्सू भी धूं धूं कर,जलाए जाओगे,बदबू बहुत करोगे,पर वो बदबू तुम्हारी इस बदबू से कम है,जो तुम यहां वहां फैलाते रहते हो..

अच्छा है ना?
एक बार में,सारी बदबू खत्म..!

Till then,Take Care🙂

साभार:✒️ तत्वज्ञ देवस्य(ये लेखक के अपने विचार हैं)
एक काफ़िर
(भाषा के लिए खेद है,पर नहीं भी है,क्या करूं,
कुछ खतनाधारी हिंदू,ये ही भाषा समझते हैं🙏🏻)

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