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अगर योगी को हटाया तो अगले चुनावों में भाजपा का पूर्ण सफाया क्यों तय है ?

-राजकमल गोस्वामी की कलम से-

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Positive India: Rajkamal Goswami:
योगी आदित्यनाथ को लेकर टेलीफोन पर एक व्यापक सर्वे चल रहा है जो निश्चित रूप से भाजपा द्वारा किया जा रहा है । इसमें तरह तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं जिनका उत्तर दिये गये विकल्पों के अनुसार बटन दबा कर देना है । इसमें आपकी जाति शैक्षिक योग्यता के अतिरिक्त यह भी पूछा गया है कि आपने गत चुनावों में किस दल को वोट दिया था ।

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सर्वे का मंतव्य यही है कि योगी जी को हटाने का भाजपा के उप्र में भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा । प्रश्न बहुत घुमा फिरा कर पूछे गये हैं और आपको सीमित विकल्पों में ही उत्तर देना है । मुझे नहीं लगता कि इस तरह के सर्वे से कुछ हासिल होगा । प्रश्न यह भी है कि योगी को हटाने के पीछे कौन हो सकता है ? भाजपा के ओबीसी विधायक, केंद्रीय नेतृत्व या संघ ।

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होता यह है कि जब चुनाव होते हैं उससे पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिये लॉबीइंग होने लगती है लेकिन बनता कोई एक ही है । शेष दावेदार या तो मनोज सिन्हा की तरह पार्टी के अनुशासित कार्यकर्ता की तरह पीछे हट जाते हैं या फिर केशव मौर्य की तरह पार्टी में अपने रसूख़ का इस्तेमाल कर मोर्चे पर अपना मौका आने तक डटे रहते हैं । किसी कमजोर क्षण में ये हर्पीज़ के वाइरस की तरह सक्रिय हो जाते हैं ।

कल्पना कीजिये कि यदि गोधरा दंगों के बाद पार्टी नरेंद्र मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद से हटा देती तो भाजपा की चुनावी संभावनाओं पर कैसा प्रभाव पड़ता ? २०२४ के लोकसभा चुनाव योगी के विरुद्ध मतादेश नहीं थे । योगी की ईमानदारी और निष्ठा असंदिग्ध है लेकिन योगी को जो टीम दी गई है उसमें बहिरागतों और भ्रष्टों की भरमार है ।

बहुतेरे तो विशुद्ध अवसरवादी हैं जो पिछली सरकारों में भी मंत्री थे , इन आत्मनिष्ठ ब्रह्मवेत्ताओं की कोई निष्ठा भाजपा में नहीं है । अगर उप्र में ग्रास रूट लेवल पर भ्रष्टाचार है तो इन्हीं की वजह से है । कुछ वर्ष पहले एक मंत्री के विरुद्ध ट्रांसफर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार की व्यापक शिकायतें आईं तो योगी जी केवल उस मंत्री का विभाग बदल सके उसे मंत्रिमंडल से बाहर करने की अनुमति उन्हें केंद्रीय आलाकमान ने नहीं दी ।

योगी को अपना मंत्रिमंडल अपने हिसाब से गठित करने और काम करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए । उप्र की ज़मीनी हक़ीक़त को योगी ही जानते हैं गुजराती नहीं । फिर भी यदि योगी को हटाना है तो हटा दीजिये । अखिलेश का मानसून ऑफ़र तैयार है जिसे उन्होंने विंटर तक के लिए बढ़ा दिया है । अगले चुनावों में भाजपा का पूर्ण सफाया तय है । अभी उप्र में भाजपा के पास योगी के सिवा है कौन ? केशव मौर्य को इस बार स्टार प्रचारक बना कर महाराष्ट्र चुनावों में आज़मा लीजिये ।

साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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