भाजपा समर्थक केशव प्रसाद मौर्य से मुक्ति पाने के लिए क्यों छटपटा रहे हैं?
-राजकमल गोस्वामी की कलम से-
Positive India:Rajkamal Goswami:
केशव प्रसाद मौर्य का बयान आया है कि संगठन सरकार से बड़ा होता है । ऐसा है तो फिर मौर्य जी संगठन में ही रहें सरकार में क्यों बने हुए हैं ? उन्हें मालूम होना चाहिए कि जनता संगठन और सरकार दोनों से बड़ी होती है । और जनता में योगी की ही लोकप्रियता है वे भाजपा के स्टार प्रचारक बने हुए हैं ।
पिछले चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य को पल्लवी पटेल ने हरा दिया । उनके चुनाव क्षेत्र के लोग कह रहे थे कि केशव जी को तो कोई भी हरा देगा इस समय उनके योगी विरोधी लॉबी के नेता होने के चलते उनकी अपनी कोई भी लोकप्रियता नहीं है ।
संघ जो भी चाहता हो पर अब भाजपा समर्थक हैरान और परेशान है कि केशव प्रसाद मौर्य से मुक्ति पाने के लिए आखिर वह क्या करे ? अभी तो लोकसभा चुनाव में जनता ने अपना असंतोष दर्शाया है आगे २०२७ में देखिये क्या होता है ।
अगर केंद्रीय नेतृत्व मौर्य को योगी जी पर तरजीह देता है तो भाजपा की लुटिया डूबी समझिये । होना तो यही चाहिए कि उप्र मंत्रिमंडल से केशव मौर्य की छुट्टी हो और योगी के दोनों ओर जो तांगे वाले घोड़े के चश्मे की तरह दो उपमुख्य मंत्री लगाये गये हैं वे हटाये जायें ताकि योगी को काम करने के लिए फ्री हैंड मिल सके ।
साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)