आज ब्राह्मण सर्वाधिक दुष्प्रचार के शिकार क्यों हैं?
-राजकमल गोस्वामी की कलम से-
Positive India: Rajkamal Goswami:
सिविल सेवा की परीक्षा में कई बार प्रश्न पूछा गया है कि वह कौन सा सुल्तान था जिसने ब्राह्मणों पर भी जज़िया कर लगाया ? इसका उत्तर है फ़िरोज़शाह तुगलक ! यानी पूरा गुलाम वंश जिसमें इल्तुतमिश से लेकर बलबन तक कठोर शासक रहे , उसके बाद ख़िलजी वंश जिसमें बदनाम अलाउद्दीन ख़िलजी जैसा सिकंदरे सानी दिग्विजयी शासक रहा और फिर आधा तुग़लक वंश जिसमें मुहम्मद तुग़लक़ जैसा अनोखा शासक था इन सबमें किसी ने भी ब्राह्मणों पर जज़िया नहीं लगाया !
तारीख़े फ़िरोज़शाही में शम्से सिराज अफ़ीफ़ बड़ा रोचक विवरण देता है कि जब फ़िरोज़शाह ने जज़िया लगाने की घोषणा की तो ब्राह्मण राजमहल के आगे एकत्र हो गये और आत्मदाह की धमकी देने लगे ! सुल्तान ने कहा फौरन जल मरो या पहली फुरसत में जलो जैसे तुम लोगों को सुविधा हो ! फिर ब्राह्मण अनशन पर बैठ गये मगर सुल्तान ने कोई ध्यान नहीं दिया ! अंतत: यह तय हुआ कि शहर के धनी हिंदू अपने साथ साथ इन ब्राह्मणों का भी जज़िया भरेंगे !
ब्राह्मण के पास धन होता ही नहीं था ! केवल समाज से मिलने वाला सम्मान ही उसकी पूँजी थी ! हिंदू जाति व्यवस्था में उसे ऐसा कोई काम आवंटित नहीं हुआ था जिससे चार पैसे की कमाई हो सके ! वह केवल पठन पाठन पौरोहित्य कर्मकांड के अतिरिक्त आकाशचारी ग्रह नक्षत्रों की गणना और लगभग सभी प्रकार की विद्याओं का संरक्षक था !
अकबर ने तो जज़िया बिलकुल माफ कर दिया ! विद्वान सर्वत्र पूज्यते अत: मुग़ल दरबार में भी ब्राह्मण विद्वानों को राज्याश्रय मिला ! पंडितराज जगन्नाथ बहुत समय शाहजहाँ के दरबार में रहे !
आज ब्राह्मण सर्वाधिक दुष्प्रचार के शिकार हैं ! कोई उनका डी एन ए यहूदियों से मिलाता है तो कोई समस्त सामाजिक बुराइयों के लिये उन्हें ही जिम्मेदार मानता है ! जीविकोपार्जन के निमित्त ब्राह्मण भी कर्तव्य विमुख हो गये हैं ! अन्यथा कभी समाज का हर अंग उनके प्रति अगाध श्रद्धा रखता था !
विप्र वंस की अस प्रभुताई
अभय होइ जो तुमहि डराई !
साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)