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अम्बेडकर किसी भी सूरत में वामपंथियों को क्यों पसंद नहीं करते थे?

-दयानंद पांडेय की कलम से-

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Positive India: Dayanand Pandey:
आज की तारीख़ में भले लोग भूल गए हैं लेकिन एक कड़वा सच यह है कि अम्बेडकर किसी सूरत वामपंथियों को पसंद नहीं करते थे । वामपंथी भी तब के दिनों में अम्बेडकर को नापसंद करते थे । आजिज आ कर वामपंथियों के लिए अम्बेडकर ने लिखा है बंच आफ़ ब्राह्मण ब्वायज। कमोवेश अम्बेडकर की यह बात आज भी लागू है।

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ज़्यादातर बड़े वामपंथी नेता ब्राह्मण ही हैं। लेकिन समय की मार देखिए कि आज की तारीख़ में वामपंथियों के पास अम्बेडकर नाम लेने के अलावा अब कुछ बचा ही नहीं है। मार्क्स , लेनिन और माओ को भूल कर वह दिन रात अम्बेडकर की ही माला जप रहे हैं।

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हारे को हरिनाम ऐसे ही थोड़े कहा गया है । फ़र्क बस इतना है कि अब सिर्फ़ दलित ही इन की उम्मीद हैं । और दिक्कत यह है कि अपने स्वार्थ में इन्हों ने अम्बेडकर को जहरीला बना कर प्रस्तुत करने का एक अभियान जैसा चला रखा है। अम्बेडकर के हवाले से दलित समुदाय में भी जितना जहर बो सकते हैं , निरंतर बो रहे हैं ।

साभार: दयानंद पांडेय-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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