Positive India:Ajit Singh:
कल से रामलला को देख देख कर मन अह्लादित है,भावुक है,नयन नम हैं..!
किंतु सावधान!!!!
बिल्कुल सावधान!!
नव्य,दिव्य और भव्य मंदिर का शीघ्रातिशीघ् दर्शन,पूजन करने को आतुर अति उत्साही आप दर्शनार्थिंयो के सैलाब को भी अब बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली है…रामलला के भवन की मर्यादा बनाये रखने की..क्योंकि आप दर्शनार्थियों ने आज विरोधियों द्वारा जातिवाद,क्षेत्रवाद,भाषावाद की बोई फसलों की धज्जियां उड़ा कर रख दी है..!
किंतु हमेशा याद रखिये प्रभू रामलला के मंदिर को देख कर जलने,कुढ़ने और ईर्ष्या करने वाले भी बहुतायत हैं…अब आप यह सोच रहे होंगे कि इस शुभ अवसर पर मै ऐसा क्यों कह रहा हूं?
दरअसल आज टी.वी. पर रामलला के मंदिर परिसर मे धक्का मुक्की करते बेकाबू जनमानस को देख कर अंदर ही अंदर एक अनजाना भय भी पैदा हो गया कि केवल दो महीने आम चुनाव मे रह गये हैं….और इसी भीड़ मे जलनखोरो के टूलकिटिये सक्रिय हो गये तो कल्पना करिये कि क्या क्या हो सकता है??
सोचिये आखिर योगीजी को अचानक आज वो भी बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के क्यों अयोध्याजी आकर अधिकारियों से मीटिंग करके दर्शनार्थियों को सम्मानजनक तरीके से सम्भालने का निर्देश देना पड़ा……यह मंदिर हमारा है…रामलला हमारे हैं…मोदी,योगी,बलिदानी कार्यसेवकों,राम भक्तों और संतो सन्यासियों के त्याग,तपस्या,परिश्रम और बलिदान का मान रखने का दायित्व भी हमारा है….मेरा यह सब कहने का मतलब है कि आपके अति उत्साह से सरकार,व्यवस्था और अपनी सुरक्षा के प्रति उत्पन्न हो सकने वाले खतरे के प्रति भी सावधान रहें…नियंत्रित होकर दर्शन ही नही करें वरन् टूलकिटियों से भी सजग भी रहें…क्योंकि आने वाले समय मे आप लगातार चोट खाये बेरहम भेड़ियों के विरूद्ध वोट करने का पुन: मन बना चुके है…बस इसी तथ्य को समझिये….आज नही तो कल,दर्शन तो होंगे ही,रामलला कम से कम हजार साल तक कहीं जाने वाले नही है…..बाकी आप समझ रहे होंगे कि मै क्या कहना चाह रहा हूं!
#जयश्रीरामललाकी
#वंदेमातरम्
साभार: अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार हैं)