Positive India: Dayanand Pandey:
है राम के वजूद पे हिन्दोस्ताँ को नाज़
अहल-ए-नज़र समझते हैं उस को इमाम-ए-हिंद
– मोहम्मद इक़बाल
मोहम्मद इक़बाल बहुत बड़े शायर हैं। लेकिन मत भूलिए कि वह कट्टर लीगी भी हैं। पाकिस्तान बनवाने वालों में प्रमुख स्तंभ हैं। अपने इस शेर में राम को इमाम कह कर वह राम का अपमान करते हैं। नहीं मालूम है तो अब से जान लीजिए इमाम का अर्थ। रेख़्ता की डिक्शनरी बताती है :कि इमाम मूलत : अरबी का शब्द है।
इमाम मतलब :
नमाज़ पढ़ाने वाला, जो नमाज़ में अग्रणि हो या संचालन कराए
मुसलमानों के धार्मिक कृत्य कराने वाला मनुष्य, धार्मिक नेता, पेशवा, पथ-प्रदर्शक, पुरोहित
नेता, अग्रसर, अगुआ
अली के बेटों की उपाधि
मुसलमानों की तसबीह या माला का सुमेर
किसी विशेष विद्या या कला का विशेषज्ञ
पताका या झंडा जो महर्रम के प्रांभिक दस दिनों में ताज़िया के जुलूस में आगे-आगे रहता है
राम इन में से क्या थे , आप ख़ुद तय कर लीजिए। तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के जूनून में अगर आप नहीं जानते तो अब से जान लीजिए कि राम भगवान हैं। आराध्य हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। नमाज पढ़ाने वाले इमाम नहीं।
साभार:दयानंद पांडेय-(ये लेखक के अपने विचार हैं)