Positive India:Rajkamal Goswami:
यूपी बिहार
क्षेत्रीय दलों की सरकारें तमिलनाडु और आंध्र में भी सत्ता में आईं लेकिन उन्होंने अपने प्रदेशों का जबरदस्त औद्योगिक विकास किया ! मगर उत्तर प्रदेश में जो उद्योगों का कब्रिस्तान बना है उसने यहाँ के निवासियों का सिर लज्जा से झुका दिया है ! कानपुर इतना बड़ा औद्योगिक नगर था कि उप्र के श्रमायुक्त और उद्योग विभाग का मुख्यालय कानपुर में ही खोला गया ! लाल इमली , एलगिन मिल ब्रिटिश इंडिया एलएमएल और न जाने कितने उद्योगों से शहर गुलज़ार रहता था ! बिजली कभी सैफई , कभी हैदरगढ़ और कभी हरदोई को राजनैतिक प्रभाव से मिलती रही और कानपुर के उद्योग बिजली के बिना मर गये !
बरेली में नेहरू युग में शीरे पर आधारित रबर बनाने वाली फैक्ट्री सिंथेटिक्स एण्ड केमिकल्स सन ६० के आस पास स्थापित हुई थी ! दिल्ली से ट्रेन से आते थे चमचमाती हुई रौशनी बरेली पहुँचने का संकेत देती थी फिर कपूर की खुशबू का एक झोंका कैंफर एंड एलाइड प्रोडक्टस की फैक्ट्री से आता था ! क्लटरबकगंज में उद्योग आबाद थे ! इंडियन टरपेंटाइन एंड रोज़िन फैक्ट्री के दस दस हज़ार गज में बने विशाल बंगले मैंने कौड़ियों के दाम बिकते देखे हैं !
कभी उप्र में यूपी शुगर कारपोरेशन का प्रबंध निदेशक बहुत प्रतिष्ठित पद हुआ करता था और बड़े सीनियर आईएएस अफसर वहाँ जाने को उत्सुक रहते थे ! उसके अधीन बीसियों चीनी मिलें थीं , बरेली में अमरोहा में सहारनपुर में बीच शहर में उसकी फैक्ट्रियाँ थीं ! मायावती राज में कौड़ी भाव बिक गईं ! बिक्री में शर्त यह भी थी कि खरीदार इन चीनी मिलों को चलायेगा ! चलती तो दिख नहीं रहीं ! यूपी सीमेंट कारपोरेशन की डाला चुर्क सोनभद्र की फैक्ट्रियाँ भी बिक गईं !
भदोही का कालीन उद्योग बालश्रम के चलते नष्ट हो गया ! और देश को इतने सारे प्रधानमंत्री देने वाले राज्य की आज यह दुर्दशा हो गई कि यहाँ का मजदूर अब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री तक के निशाने पर आ गया !
कमलनाथ के पूर्वज स्वयं बरेली जिले के अतरछेड़ी गाँव के रहने वाले थे जो पागल कुत्ते के काटने के देसी इलाज के लिये प्रसिद्ध है ! पता नहीं कमलनाथ पर किसका असर आ गया है !
कुल मिला कर यूपी बिहार को स्वार्थी जातिवादी , धर्मवादी राजनीति ने तबाह कर दिया ! क्षेत्रवादी पार्टियाँ अपने क्षेत्र का विकास करती हैं जिससे उस इलाके के सभी समुदायों का विकास होता है जो उनके जीवन स्तर को सुधारता है ! जातिवादी राजनीति केवल अपनी जाति का डंडा ऊँचा रखने में खुश रहती है और कभी पूरब का मांचेस्टर कहा जाने वाला कानपुर उद्योगों के कब्रगाह में तब्दील हो जाता है !
लूट का आलम ये है कि गाना तक हिट हो गया,
मैं आई हूँ यूपी बिहार लूटने !
साभार:राजकमल गोस्वामी-(ये लेखक के अपने विचार हैं)