www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

गाजा के अल अहली अस्पताल को किसने उड़ाया?

-विशाल झा की कलम से-

Ad 1

Positive India:Vishal Jha:
गाजा के अल अहली अस्पताल को किसने उड़ाया? हमास पक्ष का कहना है कि इसराइल ने अटैक किया है। जबकि इसराइल पक्ष के हिसाब से यह हमास का सेल्फ गोल है। कि गाजा के तरफ से आने वाली रॉकेट की दिशा को ही मोड़ दिया गया। जिसने भी किया हो अस्पताल में मरीज और डॉक्टर होते हैं, जिनका कोई धर्म नहीं होता। और 500 से अधिक लोग मरे हैं। हमारे प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने कहा है इसमें इंवॉल्व लोगों की जिम्मेवारी तय की जानी चाहिए। बाईडेन ने कहा कि अस्पताल पर अटैक के पीछे इसराइल नहीं है कोई दूसरी पार्टी है।

Gatiman Ad Inside News Ad

हम गाजा की जनता की बहादुरी की प्रशंसा करते हैं। वे अपने अस्पताल खो रहे हैं। पोस्ट लिखते समय ही खबर आ रही है कि एक स्कूल पर भी ब्लास्ट हो गया है। किसी भी देश में युद्ध के दौरान स्कूलों और अस्पतालों पर अटैक होना साथ-साथ कैजुअल्टी भी होना युद्ध की गंभीर स्थिति होती है। और ऐसी स्थिति में भी गाजा की जनता सीना तानकर खड़ी है और अपने तरफ से लड़ने वाले हमास के लोगों को आश्रय दे रही है। हमास के हर आश्रय पर इजराइल का अटैक हो जाता है। वेस्ट बैंक स्वयं ही लचर है। हिजबुल्ला भी काम नहीं आ रहा। बिजली-पानी-भोजन का संकट है फिर भी लड़ रहे हैं।

Naryana Health Ad

प्रशंसा इस बात की करता हूं कि गाजा की जनता हमास के साथ खड़ी है। डिप्लोमेटिक समेत तमाम मोर्चे पर हार के बावजूद गाजा की तरफ से सरेंडर की दूर-दूर तक कोई सुगबुगाहट भी नहीं है। इसका मतलब डोमेस्टिक तौर पर हमास बहादुर है और हमास को अंतिम सांस तक लड़ना चाहिए। हमास का शीर्ष नेतृत्व एक-एक कर मारा जा रहा। तो यह बहुत जरूरी है कि हमास के बाकी के सदस्य हिम्मत से जिम्मेदारी संभाले और सदस्यों की कमी को हमास की जनता से पूरा करे। इस प्रकार हमास को जंग तब तक जारी रखना चाहिए जब तक गाजा का एक मुसलमान जीवित है। हर एक मुसलमान मुजाहिद होता है। गाजा के अंतिम मुजाहिद के अंतिम सांस तक समर्पण की बात नहीं होनी चाहिए।

बस एक बार गाजा समतल हो जाए। फिर गाजापट्टी में नए फूल खिलेंगे। सुंदर हरियाली होगी। चारों ओर शांति होगी। इसी शांति के लिए युद्ध होता है‌। इसराइल ने ऐलान किया था कि उत्तरी गाजा से सभी लोग इवेक्यूट होकर दूसरी तरफ चले जाएं। उत्तरी गाजा के कुछ लोग इस चेतावनी पाकर जगह खाली भी करने लगे हैं। दुखद है। नहीं करनी चाहिए। क्योंकि वे जहां भी जाएंगे जिहाद अपने साथ रखेंगे और जहां भी जिहाद होगा वहां युद्ध होगा। अब भागने से कोई फायदा नहीं है। इसराइल ने जिहाद की चुनौती ली है तो भागने का क्या लाभ? यह तो बहादुरी दिखाने का समय है।

हमास को हम भी आतंकवादी संगठन नहीं मनाना चाहते। फिलिस्तीन के हर एक मुसलमान को हमास के साथ खड़े होना चाहिए। और कंधे से कंधा मिलाकर इसराइल के खिलाफ जिहाद की जंग लड़नी चाहिए। एक-एक मुसलमान एक-एक मुजाहिद इस जंग में खुद उतरना चाहिए। भारत से भी हमारे कुछ मुजाहिद उलबुला रहे हैं। उन्हें भी जाकर हमास के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मोर्चा संभाल लेनी चाहिए। मोदी को झिरकने से या भड़काने से कोई फायदा नहीं है। मोदी फिलहाल पांच राज्यों के चुनाव में लगा हुआ है। उसे तो बस इन पांच राज्यों का चुनाव जीतना है। फिर 2024 भी जीतना है। लेकिन मुसलमानों को जिहाद जीतने पर ध्यान देनी चाहिए। हम शांति चाहने वाले लोग हैं जो इस वैश्विक सा जंग के बाद बड़ी लंबी मिलने वाली है। इस रोमांचक जंग में हमारी ताल-ठोक हमास के साथ है। शुभकामना भले हम इजरायल के मोल हार चुके हैं।

साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.