ऋषि सुनक और अक्षिता मूर्ति का जोड़ा बहुत प्रिय और बिल्कुल अपने भाई भउजाई जैसा !!
सर्वेश तिवारी श्रीमुख
Positive India:Sarvesh Kumar Tiwari:
घण्टे भर से सोच रहा हूँ कि इस तस्वीर पर कुछ लिखूं, पर
कुछ सूझ नहीं रहा। बस इतना है कि यह जोड़ा बहुत प्रिय लग रहा है, सुन्दर लग रहा है। बिल्कुल अपने भाई भउजाई जैसा… जिस ब्रिटेन ने लगभग दो सौ वर्ष तक हमारे देश पर शासन किया, उसके प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी में एक प्राइमरी के अल्प वेतनभोगी मास्टर को भाई-भउजाई दिख रहे हों तो यह बहुत बड़ी बात है। धर्म मनुष्य को इतनी सहजता दे ही देता है। धर्म न हो तो सत्ता कभी आम जन के साथ खड़ी नहीं होती।
पिछले दिनों ऋषि सुनक की सास सुधा मूर्ति कपिल शर्मा के शो में आईं थी और तब उनका इंटरव्यू बहुत चर्चित हुआ था। एक खरबपति व्यवसायी परिवार की रीढ़ होने के बाद भी उनके व्यवहार में जो गँवईपना था, जिस तरह से उन्होंने अपने आँचल में पारिवारिक, सामाजिक और धार्मिक मूल्यों की गांठ बांधी थी, वह देख कर समझ आ गया कि वे इतने आगे क्यों खड़े हैं। और अब अपने प्रधानमंत्री पति के साथ ढीले ढाले सामान्य कपड़ों में अपना मायका घूम रही उनकी बेटी जैसे बता रही है कि ब्रिटेन में होने के बाद भी उन्होंने अपने हृदय में भारत को बसा रखा है। किसी ने कहा था न! भारत एक भूमि का टुकड़ा नहीं, एक जीता जागता राष्ट्रपुरुष है…
एक बात पर अब पूर्ण विश्वास हो चुका है कि धर्म में खोट ढूंढ कर चिल्ल-पों करना दलिद्दर जन का ही स्वभाव होता है। किसी भी प्रकार का अभाव ही मनुष्य में यह झल्लाहट भरता है। जो लोग सचमुच बौद्धिक, पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से सम्पन्न होते हैं, वे श्रद्धा की डोर नहीं छोड़ते। वस्तुतः उन्हें चर्चा पाने के लिए बकवास की आवश्यकता नहीं होती।
इस तस्वीर में बहुत कुछ नहीं है। इस जोड़े को आधुनिक कपड़ों में भी बहुत बार देखा जाता होगा। राष्ट्र के मामले में उनकी निष्ठा भारत से अधिक ब्रिटेन में है, तो वे ब्रिटेन में रह कर भारतीय परिधान नहीं ही पहनते होंगे। पर वे भारत की तरुणाई को इतना तो समझा ही रहे हैं कि मन्दिर कैसे जाते हैं।
हाथ में कलावा बांधे और माथे पर तिलक लगाए यह दूर देश का शासक हमें अपने जैसा लग रहा है, यह उसकी विजय है। कहीं पढ़ा कि अक्षिता मूर्ति ब्रिटेन की महारानी से अधिक सम्पत्ति की मालकिन हैं। यह सत्य तो नहीं लगता, फिर भी… वह अक्षिता यदि अजीब से लगते इन ढीले ढाले कपड़ों में संसार के समक्ष आने में तनिक भी नहीं झिझकतीं, तो यह उनके चरित्र की जीत है। इंग्लैंड वाले जब आते हैं, लूटने ही आते हैं। यह जोड़ा भी G-20 की महफ़िल लूट चुका है।
अब कुछ लोग इस जोड़े की आधुनिक कपड़ों वाली तस्वीर लेकर घूमेंगे। निष्ठा और विष्ठा एक ही देह में निवास करती है न! भरी महफ़िल में हवा छोड़ कर हीहीहीही करने वाले दंतचियारोँ की यहाँ कभी कमी नहीं रही। बाकी नारायणमूर्ति के बेटी-दामाद छा गए हैं, इसमें कहीं कोई संदेह नहीं।
सर्वेश तिवारी श्रीमुख
गोपालगंज, बिहार।