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मोदी राज मे बिलबिलाते विषैले कबीले कुर्सी के लिये क्यो छटपटा रहे हैं ?

-अजीत सिंह की कलम से-

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Positive India:Ajit Singh:
पटना मे लगातार कूटे जाने वाली हांफती हुई दगी कारतूसे फिर मोदी जैसे एटम बम से लड़ने के लिये इकट्ठा होकर मुकाबले की कोशिश कर रहीं थी…इस ठगबंधन को देख कर मुझे 1974 का पटना याद आ गया,जहां विपक्ष एकजुट हुआ था….लेकिन उस विपक्ष और कल जमा हुये विपक्ष मे दो सबसे बड़ा और आधारभूत अंतर है..उस समय पूरा विपक्ष कांग्रेस के भ्रष्टाचार,तुष्टीकरण की नीतियों के विरोध मे एकत्र हुआ था,जिसका नेतृत्व जयप्रकाश नारायण जैसा कालजयी व्यक्तित्व कर रहा था.!!

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पटना मे कांग्रेस समेत सभी भ्रष्टाचारी,मुस्लिम तुष्टीकरण और वंशवाद का पोषण करने वाली पार्टियां मोदी जैसे देशभक्त और विकासवादी नेता के विरोध मे अपनी लूट खसोट की बंद पड़ी दुकान फिर से खोलने के लिये इकट्ठा हुई थी,जिसका नेतृत्व कोई नही कर रहा है…सबके अंदर पी.म. बनने का सपना पल रहा है…..यही वो बड़ा अंतर है जो बताता है कि मोदी राज मे बिलबिलाते विषैले कबीले किस प्रकार कुर्सी के लिये छटपटा रहे हैं…..इनकी यह मुलाकात और कुछ नही मोदी से लगातार कूटे गये हताश,लाचार,निराश और कलपते उन लोगो के बीच हुई है,जो अंतत: यह मान चुके हैं कि अकेले मोदी को हराने की न उनकी औकात है,न वो कर सकते हैं और न ही उनके पास मोदी का सार्थक विरोध का कोई विजन है…बस इसीलिये मोदी जैसे शेर का शिकार करने के लिये लोमड़ी,सियार,भेड़िये,गिरगिट,मगरमच्छ एकजुट हो रहें है……….बाकी मोदी से अपनेपन की हद से ज्यादा प्यार और सम्मान करने वाली देश की जनता भी देख रही है कि अभी तक तो एक दूसरे से श्वानो की तरह लड़ने वाले दल आज एकता की बात कर रहें है….!!

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कुल मिला कर साफ हो गया है कि भ्रष्टाचारियों,लुटेरों,डाकुओं,मुस्लिम तुष्टीकरण और वंशवादी मदारियों और सनातन राष्ट्रवाद के विरोधियों ने मोदी खौफ मे ठगबंधन करने मे जुट गये हैं…खैर जनता भी जानती है कि इनकी नौटंकी से कुछ होने वाला नही है……बहरहाल इनके असल खूनी चेहरे को ढ़ंग से पहचान चुकी सुधी जनता न केवल इनका ड्रामा समझ रही है वरन् इन सबको एक बार फिर लताड़ने के लिये EVM का बटन दबाने के लिये अपनी तर्जन पर धार देना अभी से शुरू भी कर दिया है……….वैसे गजब के बेहया हैं ये लोग…जो अपने अपने राज्य मे एक दूसरे को फूटी आँख तो नही देखना चाहते हैं लेकिन जनमानस को बहकाने और भरमाने के लिये बेहद बेशर्मी से एक साथ मोदी के मुकाबिल खड़ा होने का प्रयास कर रहे हैं…यह बताता है कि मानसिक रूप से हार स्वीकार कर चुकी विपक्ष की यह घटिया प्रजाति अब केवल एकजुटता की खोखली नौटंकी पर उतर कर अपने चमचो,गुलामो,चाटुकारो का मनोबल बनाये रखने के लिये तिरिया चरित्तर कर रही है….बाकी विपक्ष जानता है कि 2024 मे उसका हश्र क्या होने वाला है!!!

फिलहाल पटना मे कूटे पीटे गये जीवों को देख कर मुझे तो यशोदानंदन और बलराम के बीच हुआ संवाद याद आ रहा है,जिसमे बलराम पूछते हैं की आप हर बार जरासंध को छोड़ क्यों देतें है…तब द्वारिकाधीश मंद मंद मुस्काते हुये कहा कि दाऊ समझिये…कहां पूरी दुनिया मे हम अपने शत्रुओं को खोजते फिरेंगे,जरासंध सबको इकट्ठा करके हमारे सामने लाता है और तब हमे उनका संहार करने मे आसानी हो जाती है…………!!!
बस 2014…2019 की तरह वही परिस्थितियां एक बार फिर सामने आ रही हैं और सफेद दाढ़ी वाला भी इनकी उछल कूद देख कर मंद मंद मुस्कुरा कह रहा है कि थैंक्यू जरासंध @इशरत के अब्बू….. तुमने सबको एकत्र करके संहार के संग्राम को मेरे लिये आसान कर दिया है…..मेरी ऊर्जा को बचा दिया….!!

अंत मे कहूंगा….

#मक्कारों_की_छाती_पर_फिर_चोट_करेंगे,
#हम_2024_मे_मोदी_को_ही_वोट_करेंगे!

#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh
साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार है)

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