नेहरू ही नहीं , इंदिरा गांधी भी योग प्रेमी थीं जिन्हें धीरेंद्र ब्रह्मचारी योग सिखाते थे
-दयानंद पांडेय की कलम से-
Positive India:Dayanand Pandey:
भाजपाई लाख तंज कसें पर यह तो सही है कि पंडित नेहरू योग करते थे और कि नेहरू का शीर्षासन उन के समय में भी चर्चित था। लेकिन कांग्रेसियों ने आज जिस तरह प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के योग प्रेम और उन के शीर्षासन का बखान किया उस में इंदिरा गांधी का नाम लेना क्यों भूल गए ? सच यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री और पंडित नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी भी योग करती थीं। धीरेंद्र ब्रह्मचारी इंदिरा जी को योग सिखाते थे।
कैथरीन फ़्रैंक इंदिरा गांधी की जीवनी में लिखती हैं, “ब्रह्मचारी ने सबसे पहले नेहरू को योग सिखाना शुरू किया। कुछ ही दिनों में दूसरे कई राजनेता जैसे लाल बहादुर शास्त्री, जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई और डाक्टर राजेंद्र प्रसाद भी उनके अनुयायी बन गए थे। ‘ कैथरीन फ़्रैंक लिखती हैं, “ब्रह्मचारी अकेले पुरुष थे जो योग सिखाने के बहाने इंदिरा गांधी के कमरे में अकेले जा सकते थे। धीरे-धीरे इंदिरा गांधी के साथ नज़दीकी के कारण उन्हें भारत का रासपुतिन कहा जाने लगा था। ” इंदिरा जी को ही नहीं बल्कि दूरदर्शन के मार्फ़त धीरेंद्र ब्रह्मचारी पूरे देश को रोज योग सिखाते थे। धीरेंद्र ब्रह्मचारी का जलवा उन दिनों देखने के लायक़ था। अडानी से ज़्यादा चर्चा तब के दिनों धीरेंद्र ब्रह्मचारी की हुआ करती थी। धीरेंद्र ब्रह्मचारी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर सरकारी बंगला भी आवंटित किया गया था। धीरेंद्र ब्रह्मचारी के पास अपना जहाज था जिसे बिना कस्टम ड्यूटी दिए उन्हों ने ख़रीदा था। बिहार में मधुबनी के धीरेंद्र चौधरी ने लखनऊ में योग सीखा और वह धीरेंद्र ब्रह्मचारी बन गए। रामदेव को क्या सुविधा मिली है। सुविधा और संपन्नता तो धीरेंद्र ब्रह्मचारी को मिली थी। सत्ता में पैठ ऐसी थी कि इंद्र कुमार गुजराल और उमाशंकर दीक्षित जैसों की वह मंत्री पद से छुट्टी करवा देते थे। संजय गांधी के भी बहुत करीब थे , धीरेंद्र ब्रह्मचारी। संयोग ही था कि संजय गांधी की तरह अपने विमान में ही वह दुर्घटना में मारे गए। उस समय वह अपने आश्रम के लिए सौ एकड़ ज़मीन का हवाई सर्वेक्षण कर रहे थे।
खैर , योग की शरण में रहने वाली कांग्रेस सोनिया की शरण में आ गई। बाद के दिनों में कांग्रेस राज के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार ने अचानक योग गुरू रामदेव को जिस छल-कपट के साथ अपमानित कर उन्हें गिरफ़्तार किया और उन्हें सलवारी बाबा बना दिया , वह भी ठीक नहीं था।
फिर तो ऐसे ही अनाचारों से आजिज भारतीय मतदाता ने मोदी सरकार बनवा दी। आगे के दिनों में मोदी विरोध के नशे में धुत्त कांग्रेस ने भारतीय अस्मिता के सभी चिन्ह का अपमान करना ही अपना मक़सद बना लिया है। भले नेस्तनाबूद हो जाए कांग्रेस पर मोदी विरोध के विष में आकंठ डूब कर ध्वस्त हो जाने का जैसे लक्ष्य ही बना बैठी है। मोदी द्वारा शुरू किए गए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मजाक बनाना और करना भी कांग्रेस का यही आत्मघाती क़दम है। योग का बुखार उतरते ही जाहिर है अमरीका से ख़रीदे जाने वाले ड्रोन का विरोध भी होना दूसरा क़दम होगा। तीसरा क़दम अमरीकी राष्ट्रपति वाइडेन द्वारा दिया जाने वाला भोज का विरोध और मज़ाक उड़ाना होगा।
अभी ट्वीटर के एक पूर्व सी ई ओ द्वारा मोदी सरकार पर हमलावर रही कांग्रेस आज वैसे भी ट्वीटर के मालिक द्वारा मैं भी मोदी का फैन हूं , कहने पर ही बेहोश हो कर , गश खा कर , अफना कर बता ही रही है कि मोदी ने ट्वीटर को ख़रीद लिया है। बताइए कि दुनिया के सब से अमीर आदमी एलन मस्क को भी मोदी ख़रीद लेता है। अदभुत है यह भी। गरज यह कि मोदी की अमरीका की यह राजकीय यात्रा कांग्रेस और विपक्ष की राय में दो कौड़ी की हो कर रहेगी।
साभार:दयानंद पांडेय-(ये लेखक के अपने विचार है)