रायपुर. “नेकी की दीवार” का उद्घाटन माननीय मंत्री श्री राजेश मूणत जी ने किया, इस अवसर पर महापौर प्रमोद दुबे , जोन अध्यक्ष श्रीमती मीनल चौबे , एजाज ढेबर, निगमायुक्त श्री रजत बंसल तथा शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद थे। उद्घाटन का मुख्य आकर्षण विशिंग वेल कॉन्सेट रहा जहाँ आभास संस्था द्वारा एकत्रित जरूरतमंद बच्चों की इच्छाओं को सामने लाया गया तथा शहर के आम लोगो द्वारा उनकी इन इच्छाओं को पूरा कर एक संदेश दिया गया , कि आप भी अपने जन्मदिन, सालगिरह, किसी की याद “नेकी की दीवार” के माध्यम से एक उम्दा तरीके से मना सकते हैं। छोटे-छोटे प्रयासों से हर चेहरे पर खुशी बिखेरने की इस अनूठी पहल की शुरुआत छत्तीसगढ़ के मंत्री राजेश मूनत ने आम जन की भागीदारी से शुरु की। यह “नेकी की दीवार ” खुशियों को उन लोगों तक पहुंचाएगी जो ख्वाब तो देखते है परन्तु हालात की लाचारी के कारण उन्हें पूरा नहीं कर पाते. . किसी को कुछ देने और बदले में मिलने वाले सुख का नाम ही तो है “नेकी की दीवार”.
दान को पाने के लिये नेकी की दीवार पर “बुक ट्री” बनाई गई है, यह उसी वृक्ष का प्रतीक है जिसके नीचे बैठकर भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था. इस ट्री में कुछ सेल्फ बनाए गए हैं जिसमें आप नई या पुरानी किताबों को बच्चों के लिए दान कर सकते हैं. “बुक ट्री” के ठीक बाजू में एक “विशिंग वेल” बनाया गया है. इस “विशिंग वेल” यानी मन्नतों के कुएं से मन्नतें मांगी भी जा सकती है या किसी की मन्नतें पूरी भी कर सकते हैं. बच्चों की शिक्षा, स्कूली कपड़े, पेंसिल या जो आप चाहें विशिंग वेल में डाल सकते हैं. मन्नतों को बाकायदा यहां रिकार्ड किया जाएगा. यदि मदद करने वाले चाहें तो दान का कार्य सम्हाल रही संस्था से बच्चों की मन्नतों की जानकारी लेकर उसके मुताबिक उनकी जरूरतों का सामान बदले में दान दे सकते हैं. “नेकी की दीवार ” मे एक ऐसी आंख है जो सब कुछ देखती है
हमारे द्वारा किये जाने वाले दान पुण्य को ना सिर्फ देखेगी, बल्कि हमारे अंदर के अच्छाईयों की साक्षी भी बनेंगी. “नेकी की दीवार ” पर बनी कैंडी ट्री के द्वारा
जन्मदिन, शादी की सालगिरह या फिर किसी भी खुशी के मौके पर माता पिता बच्चों के बीच अपनी बेशकीमती खुशियों को साझा कर सकते हैं. उन बच्चों के बीच जिन्हें शायद ही कभी किसी की खुशियों में शामिल होने का मौका मिलता है. “नेकी की दीवार ” पर बना सफेद पक्षी मासूमियत तथा सादगी का सन्देश दे रहा है. यहाँ पर बना सेंटाक्लॉज जरूरतमंदों के लिए कुछ करने औए उनकी जिंदगी में खुशियां बिखेरने की प्रेरणा दे रहा है. मन्त्री राजेश मूनत ने लोगो को आह्वान करते हुये उनसे अपील की कि वे खुशियों में उन्हें भागी बनाने का मौका दे जिन्हें वे भले ही ना जानते हों लेकिन उनके चेहरे पर खिलने वाली खुशी को वे सतत महसूस करते हैं.
मुख्य अतिथि राजेश मूनत ने स्मार्ट सिटी की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुये कहा कि “नेकी की दीवार ” की इस परिकल्पना को लोगों तक इस भाव और शब्द से पहुंचाना इतना आसान नहीं था. उन्होने ने तारीफ की नगर निगम कमिश्नर रजत बंसल की, जिन्होने इस “नेकी की दीवार ” की परिकल्पना की और जिसको मूर्त रूप दिया “तथास्तु” नामक संस्था ने. इतना ही नही
दान करने की परंपरा को बेहद आसान बनाने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत की है. “आभास” संस्था द्वारा संचालित 07049063361 नंबर पर कोई भी फोन करके बेहद आसानी से दान कर सकता हैं. आपके द्वारा दिये जाने वाली सामग्री को बड़े जतन के साथ संजो कर रखा जाएगा. ताकि जरूरतमंद व्यक्ति तक इस मदद को पहुंचाया जा सके. आप चाहें तो विशिंग वेल में बच्चों के द्वारा मांगी जाने वाली मन्नतों को जानकारी लेकर उसका दान कर सकते हैं. इस अवसर पर
आर के स्वर्णकार ने अपनी शादी की 41वी सालगिरह के मौके पर एक साईकिल दी
डॉ सुनंदा ढींगे ने निहारिका की याद में एक साईकिल भेंट की।
अनूप सोनी ने भी अपनी बेटी की शादी की तीसरी सालगिरह पर साईकिल भेंट की।
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