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गोवा शिपयार्ड में तटरक्षक के दो प्रदूषण नियंत्रण पोत (पीसीवी) के निर्माण हेतु कील रखी गई

पीसीवी एक नई पीढ़ी का स्पेशल रोल वेसल है जिसमें अनेक भूमिकाएँ निभाने में सक्षम सबसे उन्नत उपकरण हैं जो विविध हैं।

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Positive India:New Delhi:
एमएसएमई समेत स्वदेशी फर्मों से उपकरणों और प्रणालियों की सोर्सिंग के लिए देश की मेक इन इंडिया प्रतिबद्धता के अनुरूप, भारतीय तटरक्षक ने 21 नवंबर 2022 को गोवा शिपयार्ड में दो तटरक्षक प्रदूषण नियंत्रण पोत, जीएसएल यार्ड 1267 और 1268 की नींव रखी। दो प्रदूषण नियंत्रण जहाजों को गोवा शिपयार्ड द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है, जिनकी क्रमशः फरवरी 2025 और अगस्त 2025 तक आपूर्ति की जाएगी।

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जहाजों के निर्माण में कील लेइंग एक प्रमुख घटना है, जो कि बिल्डिंग बर्थ पर जहाजों के ढांचे को खड़ा करने की प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक है। इस अवसर पर बोलते हुए श्री वीएस पठानिया, महानिदेशक, भारतीय तटरक्षक ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण पोत एक नई पीढ़ी का विशेष भूमिका वाला पोत होगा, यह सबसे उन्नत एवं परिष्कृत उपकरणों से लैस होगा, जो भारतीय तटरक्षक बल की विविध भूमिकाओं को निभाने में सक्षम होगा जिनमें से प्रमुख भूमिका समुद्र के भीतर विस्तारित सीमाओं पर समुद्री प्रदूषण का मुकाबला करना होगा।

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पीसीवी अत्याधुनिक तकनीक, उन्नत एवं अत्यधिक संवेदनशील प्रदूषण नियंत्रण उपकरण, नेविगेशन और संचार उपकरण, सेंसर तथा मशीनरी से लैस होंगे। जहाज प्रदूषकों की रोकथाम, वसूली, पृथक्करण और फैलाव के लिए समर्पित तेल रिसाव प्रतिक्रिया संचालन करने में सक्षम होंगे। पोत को नवीनतम प्रदूषण नियंत्रण उपकरण के साथ लगाया जाएगा जिसमें दो फ्लश टाइप साइड स्वीपिंग आर्म शामिल होंगे जो गति के दौरान तेल रिसाव को रोकने में सक्षम होंगे।

जहाजों में एक उन्नत सॉफ्टवेयर जटिल तेल रिसाव पैटर्न के प्रसार की भविष्यवाणी करने में सहायता करेगा और डायनेमिक पोजिशनिंग सिस्टम पोत को सटीक रूप से प्रतिबंधित क्षेत्रों में संचालन को सक्षम बनाएगा। इस पोत को 300 टन प्रति घंटे की दर से सबसे हल्के से सबसे अधिक चिपचिपे तेल को पुनर्प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है। यह पोत अग्निशमन और बचाव प्रणालियों से भी लैस है।

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