Positive India:अजीत सिंह वाया WA ग्रुप राष्ट्रसर्वोपरि:
भारत और मोदी के दुश्मन देश मे ही नही हैं….बल्कि देश के बाहर बैठ कर जेहादियों,चंगाइयों के साथ अब खालिस्तानी एजेंडा चला रहे ब्रिटिश और कनाडाई खालिस्तानी शत्रुओं ने भी भारत को एक बार फिर से खालिस्तान की आग में झोंकने का मन बना लिया है..जार्ज सोरास की अगुवाई मे बुरी तरह खौलती ये सभी ताकतें पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद से भी मिल गई हैं और पंजाब में हिंदू नेताओं के सफाए के लिए उन्होंने ISIS की बची खुची ताकतों से भी मदद मांगी है….जिसमे असल मदद ISI कर रही है….क्योंकि अमृतसर में शिवसेना नेता सुधीर सूरी की हत्या के बाद जांच एजेंसियों के हाथ अनेक पुख्ता सुबूत लगे हैं….कनाडा में बैठे भगोड़े खालिस्तानी अब पंजाब में एक नहीं करीब अनेक भिंडरावाले तैयार करने की मुहिम पर काम कर रहे हैं…….यह बेहद खतरनाक है…पंजाब पहले भी दो दशकों तक खालिस्तानी आतंकवाद का अत्यन्त कड़ुआ जहर पी चुका है…..अब खुलासा हो रहा है कि जिस तरह पीएफआई 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का षड्यंत्र कर रही थी………….उसी तरह अविभाजित पंजाब, हरियाणा,हिमाचल तथा दिल्ली को मिलाकर खालिस्तानी राष्ट्र बनाने का तानाबाना खलिस्तानियों द्वारा विदेशी ताकतों के बल पर बुना जा रहा है…हमेशा की तरह पंजाब के रास्ते भी कश्मीर को घेरने की साजिश चल रही है।
मतलब कश्मीर पाकिस्तान का और पंजाब खालिस्तान का…..अफसोस की बात है कि इस काम में मदद के लिए हाफिज एंड संस एंड कंपनी ही नहीं…बल्कि ISI की खुल कर मदद लेने को भी कनाडाई शैतान अब तैयार हो चुके हैं….जिन्हे झाड़ू सरकार की अंदरखाने से मदद भी मिल रही है…तभी तो सूरी की हत्या के समय वहां खड़े दर्जनो पुलिसवालों का खून नही खौला…उन्हे अपने कर्तव्य का ध्यान नही आया…उन्हे अपनी कायरता पर लाज तक नही आई…!!
सुधीर सूरी की हत्या को सामान्य संयोग बताकर न टालिए…क्योंकि अब तो पंजाब शिवसेना अध्यक्ष तक को भी मनबढ़ अपराधियों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई है….याद कीजिए जनमानस की चुप्पी के कारण ही किसान आंदोलन के दौरान लालकिले पर चढ़ आया था खालिस्तानी षडयंत्र…साफ है कि खालिस्तान के एजेंडा रेफरेंडम 2020 के तहत ही पंजाब मे झाडू को समर्थन मिला था…लगता है उसी एहसान का बदला चुकाते हुये,उनके बल पर जीत कर कथित कट्टर ईमानदार कजरीलाल ने पंजाब को ख़ालिस्तानियों के हवाले कर दिया है…तभी तो वहां की पुलिस बजाय कानून व्यवस्था को मजबूत करने की जगह,हिंदुओ को ही घर से बाहर न निकलने की सलाह दे रही है……!
यहां बताते चलें कि इतना ही नही,वरन् महाराष्ट्र में नांदेड़ साहिब, बिहार में पटना साहिब और दिल्ली के शीशगंज गुरुद्वारे पर भी आतंकी ताकतों लंबे समय से नजर है….जहां सतर्क रहने की जरूरत है!
1947 में आजादी पाने की जल्दी में पाकिस्तान बना दिया गया था…और देश के आजाद होने के बाद अंग्रेजो की साजिश से बनी भारत की सरकार सो गई और आधा कश्मीर चला गया….कश्मीरी पंडितों के पलायन पर भी देश ने चुप्पी साध ली और कश्मीर आतंकियों के हवाले हो गया…निवेदन है आप से,अब जरा सी भूल न करियेगा….न लालकिले पर खालिस्तानी निशान फहराने वालों और न ही सुधीर सूरी के हत्यारों को हल्के में लीजियेगा…सबसे अच्छा होगा कि इन जहरीले नागों और इनको पालने पोसने वाले संपेरों के फन और दांत तत्काल कुचल दिये जाएं…नही तो विश्वास करिये कल बहुत देर हो जाएगी…!
इस बड़े खतरे की बाबत कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भारत सरकार को बड़ी अहम जानकारियां दी थी……..विश्वास है कि जिस पर केन्द्र सरकार के अंदरखाने मे जरूर गंभीरता से परवान चढ़ाया जा रहा होगा..बहरहाल अब तो आप जैसी नई पार्टी की सरकार पंजाब में है जिसके बस में चुनाव जीतना तो है,लेकिन राज्य संभालना की औकात नहीं है…..!
यहा जरूर कहूंगा कि मेरा मानना है कि पंजाब,कश्मीर या संवेदनशील,अतिसंवेदनशील या फिर किसी भी बॉर्डर राज्य की जागरूक जनता को अपने जरा से मुफ्त मे मिलने वाले स्वार्थ से ऊपर उठ कर सोचना चाहिये कि उनके राज्यों में केवल राष्ट्रवादी पार्टियां ही सत्ता में रहें तो ज्यादा बेहतर है…क्योंकि चुनावो के दौरान मुफ्त की रेवड़ी बांट कर सत्ता हासिल करने वाले विचारहीन,सिद्धांतहीन कथित नेताओं द्वारा उनको मुफ्तखोरी के बहकाने वाले बयानो के जरिये उनको फांसने की साजिश करके देश और धर्म को क्षति पहुंचाते हैं…दिल्ली,पंजाब इसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं……………………..!
लेकिन यहां लोकतंत्र है जिसमें जनता जिसे चुने,सिकंदर वही कहलाता है..लेकिन इसी पर अफसोस है कि लोकतंत्र की ओट मे छिप कर पंजाब में कजरीलाल और दिल्ली दंगे के आरोपी उसके चेले ताहिर हसन,अमानतउल्ला की पार्टी वाली वो सरकार आ चुकी है…जिसके मुंह मे खालिस्तान का नाम सुन कर दही जम जाता है…जो जेहादियों के नाम पर अपने हर छेद मे फेवीकोल चिपका लेती है…बहुत खतरनाक है ये गिरोह…इसे पहचानिये!!
बहरहाल ऐसी देशद्रोही और आतंकी गतिविधियों को रोकने का जिम्मा केंद्र सरकार का है..वो अपना काम कर रही है..!!
लेकिन अब समय आ गया है कि पंजाब मे फैलते खलिस्तानी गिद्धों के पंख उड़ने से पहले ही कुचल दिए जाएं..इसके पहले कि पंजाब में हिंसक घटनाओं की बाढ़ आए..आइये मिलकर आवाज उठाएं….इसी आतंकवाद के कारण अस्सी और नब्बे के दशक वाले आतंकवादी दौर में पंजाब के तमाम बड़े उद्योग राज्य से बाहर चले गए थे…!
याद रखिये सोना उगलने वाला पंजाब…नशा उगलने वाला उड़ता पंजाब भी आतंकवाद के उसी दौर में बना था…आपका जहां कर्तव्य है कि गुरूओं की धरती को लहुलुहान होने से बचायें….वहीं अब आज आपका धर्म है कि झाड़ू वाले गिद्धों को गुजरात और हिमाचल की हर सीट से मार कर ही नही वरन् दुत्कार कर भगायें…!!
(WA ग्रुप राष्ट्रसर्वोपरि)
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साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार है)