Positive India:Ajit Singh(WA):
पश्चिम बंगाल की ममता बानो शायद देश के राजनैतिक गलियारे की सबसे होशियार और बेहद चालाक महिला हैं इसी लिए गैर भाजपा वाले राज्य के मुख्यमंत्री उन्हीं को फॉलो करते हैं। ममता बानो की ये हार्दिक इच्छा थी कि वो आजीवन पश्चिम बंगाल की गद्दी पर बनी रहें…उनकी नीति परक सोच है कि लाख चुनाव होते रहें…लेकिन जब जनसंख्या की डेमोग्राफी बदल जायेगी तो चुनाव मात्र एक खानापूरी बन कर रह जायेगा और इसी सोच के तहत उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों को अथाह सुविधाओं और नौकरी का लालच देकर पश्चिम बंगाल में न केवल बसाया वरन हिंदुओं के शोषण और पलायन का भी इंतजाम कर दिया,जब बांग्लादेशी घुसपैठियों से भी मन नहीं भरा तो रोहिंज्ञाओं के लिए भी द्वार खोल दिये..ऊपर से सरकारी नौकरियों में केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के दिये निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए सौ प्रतिशत तक मोमिनों की भर्ती कर डाली,उसका आज नतीजा सामने है…………..बीजेपी के चाणक्य अमित शाह,जेपी नड्डा और मोदी जी पश्चिम बंगाल में लाख रैलियां कर लें पर नतीजा तृणमूल के ही पक्ष में आना है।
आखिर आजीवन सत्ता सुख के लिए इतने हिट फार्मूले को भला कौन मुख्यमंत्री छोड़ना चाहेगा ?
इसी फार्मूले पर चलती हुई केजरीवाल की दिल्ली भी बांग्लादेशियों और रोहिंज्ञाओं के लिए स्वर्ग बनी हुई है।
इतना ही नही…अब तो राजस्थान,केरल तेलंगाना की सरकार के साथ हरियाणा और महाराष्ट्र का विपक्ष भी इसी डेमोग्राफी वाले फार्मूले पर चल निकला हैं अर्थात शान्तिदूत बसाओं हिन्दू भगाओ।
इसी तरह उत्तर प्रदेश के नमाजवादी तो कब से डेमोग्राफी बदलने के चक्कर मे है पर योगी जी के रहते उनकी ये इच्छा परवान नहीं चढ़ पा रही है, अन्यथा विश्वास करिये………आज यूपी तो सबसे खतरनाक स्टेट होता।
अब ताजा मामला बिहार का सामने आ रहा है…उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव( RJD) ने शपथ ली और कम से कम 10000 उर्दू टीचरों की नियुक्ति का रास्ता क्लियर किया…………….सर्कुलर में साफ साफ सिर्फ 24 घण्टे के शार्ट नोटिस पर पूछा जा रहा है कि अल्पसंख्यकों (मोमिनों) की राजकीय टीचरों की भागीदारी कितनी है..बंगला भाषा के टीचरों की संख्या भी पूछी जा रही है…..बिहार में कम से कम दस जिलों में बांग्लादेशी मोमिन घुसपैठियों का प्रभुत्व है,जिन्होंने भारतीय नागरिकता से सम्बंधित कागज़ जुटा लिए है को भी सरकारी अध्यापक के रूप में रोजगार देने की मंशा है नयी बिहार सरकार की..!
एक तरफ भारत की साख बढ़ रही है पर हिन्दू दिन प्रतिदिन खतरे में आता जा रहा है जिससे किसी को कोई मतलब नही भारत तेजी से इस्लामिक राष्ट्र की ओर बढ़ रहा हैआने वाले दस वर्षों में भारत मे चुनाव पाकिस्तान की तर्ज पर होंगे अर्थात केवल औपचारिकता भर रह जायेंगे……क्योकि मोदी विरोध मे तुष्टिकरण के रहनुमा अल्पसंख्यकों को एक तरफ विशेष सुविधा देने के लिये मरे जा रहे हैं… और दूसरी तरफ हिंदुओं को आपसी भेदभाव,जात-पात,अगड़ा पिछड़ा,अमीर गरीब में लड़ाने की कुटिलता मे कोई कमी नही कर रहें हैं…ऊपर से आलू,प्याज,पेट्रोल,गैस के दो कौड़ी के चक्कर मे फंस कर कोसने वाले लालची हिंदू अभी भी नही समझ पा रहें हैं कि कौन उनका अपना है और कौन उनका शिकारी है……बहरहाल अगर कंट्रोल नही किया गया तो आज नही तो कल बिहार में भी बंगाल वाला खेल शुरू होने वाला ही है…ताकि इशरत के अब्बू और चारा चोर के खून की गद्दी बची रहे…..!!!”
इसी तरह पंजाब मे खालिस्तान के धाराशाई हो चुके किले का जीर्णोद्धार कराने वाले कजरीलाल जैसे शातिर आपिये को बधाई कि वो सूतिये हिंदू और बहकावे मे आये मतान्ध सिक्खो के कंधे पर चढ़ कर ISI की साजिशों को फलने फूलने का खुला मौका दे रहा है….दे भी क्यों न….आखिर सत्ता मे आये भी तो उन्ही के बल पर…फिर…!!
फिलहाल…..अगर विपक्ष की इस मानसिकता पर संवैधानिक नकेल जल्द ही न कसी गई तो वो दिन दूर नही जब शासन हरे टिड्डों के हाथ मे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चला जायेगा और मोदी,योगी चिल्लाने वाले स्वर धीरे धीरे मद्धिम होकर खत्म हो जाएंगे…..फिर जो होगा…उसे सोच कर तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं…आप कितना सचेत हैं,यह आप जानिये…!
डरिये नही…..मै डरा नही रहा हूं….लेकिन आगत भविष्य को परखने की क्षमता विकसित करिये..समय है क्योंकि अभी मोदी हैं….तो सब कुछ मुमकिन है…..मोदी पर भरोसा है…लेकिन खुद को सौ करोड़ मे जोड़ने वालो के बीच मे छिप कर बैठे,खुद को हिंदू कहने वाले एक वर्ग पर बिल्कुल भरोसा नही रह गया है कि वो कब हरे टिड्डों के जाल मे फंस कर सनातन सरकार की पीठ पर वार कर दें…..ऐसी प्रजाति को पहचानिये और उनसे सजग रहें,सावधान रहें,सचेत रहें और अंत मे कहूंगा कि समस्त सनातनी संगठित रहें…न केवल एकजुट रहें…वरन् एक स्वर मे सनातन राष्ट्रवाद की हुंकार भर कर शत्रुओं के कलेजे मे कंपन पैदा दें………जय रामजी की।
(साभार वाया WA)
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#AjitSingh-(ये लेखक के अपने विचार है)