पुतिन की मोदी प्रशंसा,इमरान का जबरदस्त मार्च,उसका ISI पर प्रहार,राजनाथ सिंह का पीओके वाला ताजा बयान- क्या कुछ बड़ा होने वाला है?
-अजीत सिंह की कलम से-
Positive India:Ajit Singh:
गुजरात के वडनगर का वो चाय वाला बच्चा आज न केवल वैश्विक नेता बन चुका है बल्कि जिसके एक एक शब्द को दुनिया के बड़े बड़े धुरंधर न केवल सुनते है….वरन् उसके अनुसार ही अपने को ढ़ाल कर स्वयं को राष्ट्रनायक समझते और समझाते हैं….उसकी कूटनीति,राजनीति और नि:स्वार्थ राष्ट्रहित की नीति पर पूरी पुस्तक लिखी जा सकती है…मां हीराबेन के यशस्वी सपूत की प्रशंसा आज पूरी दुनिया दिल खोल कर कर रही है….!!
पुतिन ने की मोदी प्रशंसा,इमरान का जबरदस्त मार्च,उसका ISI पर प्रहार,राजनाथ सिंह का पीओके वाला ताजा बयान या उनका पुराना बयान कि शारदा पीठ वहां और अमरनाथ यहां…शिव और शक्ति की दूरी स्वीकार नही है,ऊपर से इस समय ग्रह नक्षत्रों का दुर्लभ संयोग बहुत कुछ कह रहा है…जिसे समझने वाले सब समझ रहे हैं….शायद एक बार पुन: विध्वंस से ही सृजन का सिद्धांत सार्थक होने वाला है…यह मेरा मानना है!
बहरहाल धीरज धर कर देखते हैं कि नियति क्या करने जा रही है…लेकिन कुछ तो बड़ा और बहुत बड़ा होगा…जो भारत के विश्वगुरू बनने का मार्ग समय से पहले प्रशस्त करने मे अपनी भूमिका निर्वहन करने मे कोई कसर नही छोड़ेगा….!
हो सकता है कि मै गलत सिद्ध हो जाऊं…लेकिन गिरवन के दोनो शेर अपने लक्ष्य को हासिल करने मे कभी गलत साबित नही होंगे….जो कुछ होगा या होने वाला है…उसकी व्युह रचना दोनो ने बहुत पहले ही कर ली होगी और अपने अनुसार ही रणनीति को अंजाम तक पहुंचायेंगे….सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर एयर स्ट्राइक तक…या फिर नोटबंदी से लेकर 370 को दुत्कार कर हटाये जाने तक जैसे किसी को भनक नही लगी…..वैसे ही हो सकता है कि सनातन राष्ट्रवाद का सूर्य सुदूर पश्चिम की पहाड़ियों के बीच उगने के लिये अंगड़ाई लेने की तैयारी कर रहा है,लेकिन किस प्रचंड रूप मे भगवा सूर्योदय होगा….इसकी जानकारी केवल उन्ही को होगी,जिन्होने चौसर पर गजवा की अम्मी को हमेशा के लिये बांझ कर देने की केसरिया बिसात बिछाई है……बाकी इसका केवल अनुमान ही लगाया जा सकता…और मेरी तरह ही अनगिनत लोग भी यही कर रहे हैं…..लेकिन मोदी हैं तो मुमकिन पर मुझे इतना विश्वास है कि यह होगा जरूर…नेपथ्य से आते स्वर और उसके अस्पष्ट संकेत भी मिल रहे हैं…देख लीजियेगा कि यह मोदी के समय मे ही होगा…बस आज नही तो कल….मेरी तरह धैर्य धारण कर आप भी बस प्रतीक्षा करिये…!
फिलहाल…अंत मे केवल इतना कहूंगा कि पोस्ट के कथन मेरे अंतर्मन की उपज है,जो मेरी छठी इंद्री को प्राप्त संकेतो से उत्पन्न है….अब भविष्य के गर्भ मे क्या छिपा है…यह तो आसन्न समय बता सकता है….बहरहाल नियति भी प्रतीक्षारत है कि राष्ट्रसर्वोपरि और अखंडभारत-श्रेष्ठ भारत के महामंत्र को साकार करने का संकल्प ले चुके महामानव शिव और शक्ति को एक करने के लिये सरहद वाली बाधा कब और कैसे हटाने वाले हैं…देखते हैं!!
#वंदेमातरम्
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साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार है)