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जितना विरोध कांग्रेस आज मोदी का कर रही है, इतना विरोध तो नेहरू ने कभी अंग्रेजों का भी नहीं किया था।

-विशाल झा की कलम से-

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Positive India:Vishal Jha:
ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री नहीं बने, ऐसा लग रहा मोदी का भारत में प्रधानमंत्री होना पाप हो गया है। लोकतंत्र का सबसे बड़ा पाप मोदी का लोकतांत्रिक तरीके से पीएम चुना जाना। तमाम अंधविरोध तमाम कांग्रेस कुनबा आज पूरे दिन यह प्रमाणित करने में लगा हुआ है कि भारत के लोकतंत्र ने मोदी को चुनकर कितना बड़ा पाप किया है।

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जितना विरोध कांग्रेस आज मोदी का कर रही है, इतना विरोध तो नेहरू ने कभी अंग्रेजों का भी नहीं किया था। आजाद भारत में अंग्रेज माउंटबैटन को गवर्नर जनरल बनाकर नेहरू जी ने रखा था। लेकिन आज यदि ये लोग मोदी को सहन नहीं कर पा रहे, तो इसका सीधा मतलब है कि ये लोग असल में लोकतंत्र को सह नहीं पा रहे है। कांग्रेस ने इसी प्रकार से हमेशा पार्टी और देश को चलाया है, लोकतंत्र को पैताने रख कर।
साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार है)

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राशिद अल्वी जैसे तमाम नेता स्वयं ही इस परिदृश्य में सोनिया गांधी को घसीट कर ले आते हैं। कहते हैं कि ऋषि सुनक को ब्रिटेन ने स्वीकार लिया, लेकिन सोनिया गांधी जब प्रधानमंत्री बनने वाली थी तब भाजपा ने और सुषमा स्वराज ने क्या कहा था। कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि भले ऋषि सुनक से भारत हित की कोई आशा ना हो फिर भी कहना चाहता हूं, सुनक और सोनिया में जमीन आसमान का फर्क है। सुनक को भारत छोड़े दो पीढ़ी बीत चुकी है, तब वे आज प्रधानमंत्री बने हैं। न कि सोनिया गांधी के जैसे वासनात्मक मवाद की तरह जो किसी बार से उठकर दूसरे देश के प्रधानमंत्री बनने चली आई।

आज भाजपा अथवा मोदी के ऊपर बड़ी जांच है। राष्ट्र का प्रशासन चाहे कितना भी तंदुरुस्त चल रहा हो, यह भारत की सफलता नहीं है। भारत की सफलता केवल तब होगी जब मोदी स्वयं इस्तीफा दे दें और किसी मुस्लिम को प्रधानमंत्री नॉमिनेट कर दें। इलेक्शन नहीं नॉमिनेशन। उसी में असल लोकतंत्र है। फिर मौका मिलने पर किसी हिजाब वाली स्त्री को भी प्रधानमंत्री बनावें। आज भारत के सामने एकमात्र सवाल, सबसे ज्वलंत सवाल बस इतना कि, क्या कोई मुस्लिम भारत का प्रधानमंत्री बन सकता है?

विशाल झा

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