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भारतीय राजनीति के जननायक नरेंद्र मोदी को उनके विरोधी उन्हें तथा उनके परिजनों को गाली देने पर क्यों उतर आए है?

-अजीत सिंह की कलम से-

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Positive India:Ajit Singh:
मोदीजी भारत की राजनीति के वो जननायक बन चुके है जिनको सम्मान करने वाले उनको हद से ज्यादा जहां प्यार करते हैं…वहीं उनके विरोधी अब बौखला कर उन्हे ही नही उनके परिजनो को गाली देने पर उतर चुके हैं….यह गाली गलौज और कुछ नही केवल वो खीझ है,हताशा है,निराशा है…जब विपक्ष बहुत प्रयास के बाद भी वटवृक्ष की टहनी नही तोड़ पाता है….तब उपजती है ऐसी नकारात्मक बेबसी…!!

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बहरहाल बात प्रारम्भ करते है मोदीजी की गजब की राजनीति से………जिसे समझना खुद को राजनीति का धुरंधर समझने वाले देश के स्वयंभू और आत्ममुग्ध नेताओं के बूते की बात नही है….वैसे तो मोदी को समझना तो दुनिया के बड़े बड़े नेताओं के बस मे नही रहा है, तो पिछले आठ साल से लगातार कचरे जा रहे देश के नेताओं की क्या बिसात है!

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सच्चाई तो यह है कि बेचारे मोदी विरोधी अभी भी समझ नही पा रहें है कि दुनिया की सर्वाधिक पुरातन सनातन सभ्यता और संस्कृति धीरे-धीरे पिछले हजार साल से कुचले जाने के बाद अब अपने ऊपर जमी हरी और सफेद धूल को मोदी के नेतृत्व मे झाड़ कर फिर से खड़ी हो रही है………..केदारनाथ से होता हुआ काशी विश्वनाथ और प्रभू रामजी के मंदिर से आगे बढ़ कर अब महाकाल लोक तक की अध्यात्मिक यात्रा पूरी करने के बाद अब मोदी ने विपक्ष को बौखलाने पर विवश करते हुये कूटनीति की गेंद उन्ही विरोधियों के पाले मे फेंक दी है……..अब वो बेचारे विरोधी सनातन के पुनर्स्थापना के सार्थक पहल का समर्थन करें तो मजहबी वोटबैंक से हाथ धोयें…और विरोध करें तो सौ करोड़ का विरोध झेंले….बहरहाल जनरल रावत साहब के उस आधे मोर्चे की बात करते है जो सनातन की पुनर्थापना के लिये किये जा रहे मोदी के प्रयास से लगभग बौरा चुका है………..!
जहां PFI की कमर टूटने से गजवाये हिंद की रीढ़ दरक जाने के बाद से हरे टिड्डे बेहद बौखलाये हैं..इसीलिये वो अब जगह जगह सर तन से जुदा का नारा लगा कर उकसाने की बेहद सधी प्लानिंग पर काम कर रहे हैं…तभी तो वो कभी घर में घुसकर लड़कियों को उठाने की धमकी…घरों में घुसकर नमाज पढ़ने की धमकी देना….सार्वजनिक जगहों पर जानबूझ कर नमाज पढ़ने का नाटक कर रहे हैं…गणेश मंडपों व दुर्गा मंडपों को न लगाने की धमकी दे रहे थे…मंदिरो पर आघात कर रहे हैं…….पूरे गाँव के गाँव को वक्फ की सम्पत्ति घोषित करने की कोशिश कर रहे है….लव जेहाद को लेकर संगठित रूप अपना रहे हैं…लोन वूल्फ अटैक को बढ़वा देने मे जुटे हैं…गरबा पंडालों मे रूप बदल कर जाना उसी गजवाये हिंद का एक रूप था…यानी कुल मिला कर कहा जाये तो हरे टिड्डे अब धैर्य खो चुके हैं…तभी तो वो बात बात पर सड़कों पर उतर कर उकसा रहे हैं……इसी के साथ उनके संरक्षक,समर्थक आपियों द्वारा बिलबिला कर मोदी को गाली देते देते अब सौ साल की उनकी मां पूज्य मां हीरा बेन तक गाली देने पर उतर आये हैं…..यह और कुछ नही…..बस हाथ से गुजरात और हिमाचल ही नही 2024 के आम चुनाव की फिसलती लोकतांत्रिक रेत देख कर उपजी अराजक तत्वों की तिलमिलाहट की पराकाष्ठा है……..बहरहाल देश की जनता विशेष कर गुजरात और हिमांचल की…….यह सब कुछ…….सब कुछ जनता चुपचाप देख रही है…लेकिन आज की जनता भले ही चुप है,लेकिन उसकी आँखों मे जो ज्वाला धधक रही है…..विश्वास करिये उसका असर आने वाला चुनाव परिणाम बतायेगा..तब सौ साल की पावन मां,जिनका राजनीति से कोई लेना देना नही हो को गाली देने वाले यही अराजक,नक्सली और जेहादी EVM को कोसते दिखेंगे…..!

बहरहाल आप जान लीजिये कि यह सब कोई आकस्मिक घटनाएं नहीं बल्कि सोची समझी मजहबी और कांगियों की खाली होती जा रही जगह लेने के लिये पगलाये क्रिप्टो क्रिश्चियन कजरीलाल के दोगले आपियों की रणनीति है….यह एक ओर जहां मजहबी टिड्डों की साजिश हैं वहीं दूसरी ओर कजरी गैंग की पॉलिटिकल टेस्ट प्रक्रिया है…..वे टेस्ट कर रहे हैं कि राष्ट्रवादी सरकार का बॉयलिंग प्वाइंट क्या है?

अब आप समझिये कि क्या वो हमारे खौलने का स्तर नाप रहे हैं..??

नही बंधुवर….!!
बिल्कुल नही..!

हमारे खौलने का स्तर तो उन सबको पहले से ही पता है..हम तो धर्मग्रंथों और मूर्तियों को उठाकर अपने मकानो को बेचकर भागना ही जानते हैं…..और भागते ही तो जा रहे हैं…!

वास्तव मे वे तो सब मिल कर मोदी का टेस्ट ले रहे हैं कि इतना ट्राई करने के बाद भी गुजरात के इस कम्बख्त काफिर के बॉयलिंग प्वाइंट का पता ही नहीं चल रहा है…वो कब उबाल मारेगा…कब हरे टिड्डों और उनके संरक्षक और समर्थक एक बार फिर मोदी को उकसा कर बीस साल पुराने गुजरात की घटनाओं की तरह बदनाम करने का मौका पायेंगे…लेकिन मोदी है कि न उबल रहे हैं,न खौल रहे हैं…न ही परेशान हो रहे हैं,वरन् वो तो शांतचित्त होकर उन सबके पिछवाड़े हर बार एक नई चोट करके उन्हे बिलबिलाने पर मजबूर कर दे रहे हैं…एकदम उन्ही के अलतकिया के ठेकेदार और कट्टर ईमानदार वाले सड़ जी के अंदाज मे..उसी तरह उनके किले एक एक करके गिराते जा रहे हैं…अब समझे या ना समझे,लेकिन हरे टिड्डे और अर्बन नक्सली कायदे से समझ रहे हैं कि गिरवन के दोनो शेर उनका धीरे धीरे करके कैसे शिकार करते जा रहे हैं…पत्थरबाजी हो या गाली देना उसी का नतीजा है…..!!

दरअसल हरे टिड्डों,लुटियंस,लिबरल और अर्बन नक्सलियों के साथ सूतियों को अब हम पर थोपी गई सहिष्णुता के कारण हमसे डर नहीं लगता…वास्तव मे उन्हें मोदी से डर लगता है……………..उन्हे डर लगने लगा है मोदी की छत्रछाया मे वटवृक्ष बनते जा रहे शाह,योगी,विश्वशर्मा जैसे मोदी के नये अवतारों से……… और तैयार होती मोदी की नई राजनैतिक लेकिन ईमानदार सनातन राष्ट्रवादी फसलों से…. इसीलिये वे हमे उकसा कर अपने जेहादियों और नक्सलियों का मनोबल बढ़ाने की साजिश रचते हुये केवल मोदी के पहाड़ों में जाने का इंतजार भर कर रहे हैं..या कहें तो मोदी,शाह और योगी के कमजोर होने का इंतजार कर रहे हैं…वो पूरी तरह तैयार है और दूसरी तरफ हम या जातिवाद मे बंटे हैं…या तो फिर अपने निजी स्वार्थ मे विभाजित होकर हमारे ही कुछ लोग उनके साथ खड़े हैं. .!

बहरहाल जान लीजिये कि इतना भर समय बचा है हमारे पास…अपने को बचाने के लिये…अपने बच्चों को अस्तित्व के लिये हो रहे महायुद्ध के लिए मनसा,वाचा,कर्मणा तैयार कर सकते हैं कर लीजिये……नही तो आप समझिये कि घात लगाये हरे भेड़ियों के साथ खड़े सफेद चंगाई अजगरों और उनको बचाने वाले फिरंगन या कजरीलाल जैसे विषैले जीव किस तरह आपको नोचने और निगलने के लिये न केवल व्याकुल है….बल्कि एक मौके का बस इंतजार कर रहे हैं……….इससिये कह रहा हूं…..एकजुट और संगठित रहिये…..बाकी होइहैं वही जो राम रचि राखा!

#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh

साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार है)

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