Positive India:Rajesh Jain Rahi:
*हाय चांद*
हाय चाँद जी, कैसे हो?
कल तो करवा चौथ के दिन खूब मौज की है आपने। क्या जलवा है आपका ! दुनिया भर की अप्सराएं आपको निहार कर अपना उपवास खोलती हैं। तकदीर हो तो आपके जैसी।
वैसे कल आप कहाँ छुप गए थे ? रात 11:00 बजे दिखे हो। मुझे भी छत के चार चक्कर लगाने पड़े कल।
मैंने कुछ महिलाओं को कहते सुना- यह चाँद भी न नौटंकी कर रहा है। जो सबको नचाती हैं उन्हें आपने करवा चौथ के दिन खूब नचाया।
कुछ व्यस्तता रही होगी आपकी, आप दिल के तो बहुत अच्छे हो।
अच्छा चाँद भैया यह बताओ मरहूम शायर राहत इंदौरी ने जब यह कहा-
*चाँद पागल है, अंधेरे में निकल पड़ता है।*
आपको गुस्सा नहीं आया?
सच कहा जाए तो साबित हो गया आप शीतल हो। शायद ही कोई शायर, कवि, गीतकार हो जिसने आपको बख्शा हो।
आप किसी की बात का बुरा नहीं मानते।
आप बच्चों के मामा हो, शुक्र हो फूफा नहीं हो। मामा अच्छे होते हैं, कंस अपवाद है। आप बच्चों के मामा कैसे हो ? यह शोध का विषय है।
प्रसिद्ध शायर बशीर बद्र जी कहते हैं –
*वो ग़ज़ल वालो का, असलूब समझते होंगे,*
*चाँद कहते है किसे, ख़ूब समझते होंगे।*
हर कोई आपका अपनी मर्जी के अनुसार उपयोग कर लेता है। कहीं आप महबूब बन जाते हो, कहीं महबूबा बन जाते हो, कहीं त्योहार के आने की सूचना, कहीं मीठी खीर का कारण हो जाते हो।
आप 16 कलाओं से युक्त होकर भी अभिमान नहीं करते। सबसे प्रमुख बात है आप सभी धर्मों को स्वीकार्य हो। काश पृथ्वी पर कोई मनुष्य चाँद सरीखा होता। सारे झगड़े निपट जाते।
चाँद भैया अपना ख्याल रखना, दुनिया बड़ी जुल्मी है। कभी-कभी आप जैसे का भी दिल टूट जाता है मेरा भी एक शेर आपको समर्पित-
*खट-खटा कर आ गया, सांकल लगी थी द्वार पर,*
*चांद है मायूस तेरे, बेरहम इंकार पर।*
ओके चाँद जी, भूल चूक माफ़
नाराज़ मत होना।
.. राजेश जैन ‘राही’