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बस्तर कोंडागांव की बिटिया अपूर्वा त्रिपाठी ने अपने द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप “एमडी बॉटनिकल्स” के लिए सर्वश्रेष्ठ उद्यमी का पुरस्कार हासिल किया। यह एक्सीलेंस अवार्ड तथा पुरस्कार स्वर्गीय श्री जसराज बरड़िया की स्मृति में प्रदेश की सर्वाधिकार प्राप्त चयन समिति द्वारा अंतिम रूप से चयनित नव उद्यमियों को प्रदेश की राजधानी में वृंदावन सभागार में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में नौ अक्टूबर को प्रदान किया गया।
इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और विशिष्ट अतिथि विधायक बृजमोहन अग्रवाल थे।
यह पुरस्कार देश विदेश में सोने चांदी के आभूषणों के निर्माण तथा निर्यात के लिए विख्यात एटी ग्रुप द्वारा रोटरी हेरिटेज रायपुर के तत्वावधान में प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप को प्रदान किया जाता है। इसमें अवार्ड के साथ ही प्रतिभागियों को नगद राशि प्रदान करने की भी व्यवस्था है।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और विशिष्ट अतिथि बृजमोहन अग्रवाल ने मंच से बस्तर के किसानों द्वारा अपने खेतों में उगाई गई विभिन्न जड़ी बूटियों,मसालों ,काली मिर्च स्टीविया जैसे प्रमाणित जैविक उत्पादों को राष्ट्रीय और वैश्विक मंच पर लाने में अपूर्व त्रिपाठी तथा उनके स्टार्टअप एमडी बोटैनिकल्स के योगदान के लिए सराहना क करते हुए कहा कि, यह प्रदेश के अन्य युवाओं के लिए निश्चित रूप से प्रेरणादायक साबित होगा।
उल्लेखनीय है कि कोंडागांव बस्तर की एमडी बॉटनिकल्स, “माँ दंतेश्वरी हर्बल ग्रुप” का एक विस्तार है, जिसका उद्देश्य ग्राहकों को सीधे रिटेल रेंज में गुणवत्तापूर्ण जड़ी-बूटियाँ और खाद्य पूरक प्रदान कर रहा है।
अपूर्वा त्रिपाठी ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में अपने प्रेरणा स्रोत डॉ राजाराम त्रिपाठी, हर्बल वैज्ञानिक और प्रख्यात किसान नेता का उल्लेख करते हुए कहा कि ,डॉ त्रिपाठी ने वर्ष 1996 में जैविक और हर्बल किसानों के जिस एक छोटे से समूह “माँ दंतेश्वरी हर्बल समूह” की स्थापना की थी, तीन दशकों के कठिन संघर्ष के बाद, आज सामूहिक भागीदारी के सिद्धांत पर कार्य करने वाला वह समूह “एमडीएचपी ग्रुप” देश के प्रमाणिक जैविक जड़ी-बूटी उत्पादक किसानों का सबसे बड़ा समूह बन गया है। अपूर्वा बताया कि वह 2015 से एमडीएचपी समूह से जुड़ी हैं। अपूर्वा डबल एलएलएम के साथ एक “बौद्धिक संपदा अधिकार कानून” की कांऊसलर हैं और बस्तर की जनजातियों के पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के बौद्धिक संपदा अधिकारों विषय पर पीएचडी कर रही हैं। अपूर्वा ने खुदरा रेंज में सर्वोत्तम गुणवत्ता, विशुद्ध प्राकृतिक, सिंथेटिक वह जहरमुक्त जैविक जड़ी-बूटियों और खाद्यसंपूरकों की बढ़ती मांग और आवश्यकता को समझते हुए वर्ष 2022 में “एमडी बॉटनिकल ” की स्थापना की और 100 ग्राम और 200 ग्राम के खुदरा पैकिंग में और कैप्सूल के रूप में भी जैविक उत्पादों की एक श्रृंखला पेश की। उत्पादों में इम्युनिटी बूस्टर, सर्टिफाइड ऑर्गेनिक पाउडर्स और फूड सप्लीमेंट्स शामिल हैं। वर्तमान में उनके पास लगभग 34 उत्पाद है और जल्द ही वह अपने उत्पादों की श्रृंखला की संख्या में और वृद्धि करना चाहती हैं। बस्तर की आदिवासी महिलाओं का समूह इन उत्पादों को तैयार करने के लिए एमडी बॉटनिकल का मुख्य हिस्सा हैं।
एमडी बॉटनिकल्स की पहली यूएसपी यह है कि यह किसी भी कच्चे माल को आउटसोर्स नहीं करता है बल्कि उन्हें अपने खेतों में ही पैदा करते हैं, ताकि गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके। इस संस्थान की दूसरी यूएसपी यह है कि इस संस्था में 90% सहभागी बस्तर की आदिवासी महिलाएं हैं। इनके पास राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सभी स्तर पर सभी आवश्यक गुणवत्ता प्रमाणपत्र हैं। अपूर्वा ने टीएस सिंहदेव जी और बृजमोहन अग्रवाल जी को कोंडागांव के अपने जैविक एवं हर्बल खेतों पर पधारने आमंत्रित किया और दोनों ने इसे देखने की इच्छा जाहिर करते हुए, जल्द ही आकर इस अनूठी खेती को देखने का वायदा भी किया।*
श्री सनत जैन ने बताया कि इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के आवेदन और जूरी द्वारा पुरस्कारों के लिए बड़े ऊंचे मापदंड तय किए गए थे। चयन समिति के प्रतिष्ठित सदस्यों में श्रीमती इंदिरा मिश्रा (रि.आईएएस), अजय पांडे (आईआरएस),एटी ग्रुप के शांतिलाल बरड़िया, सनत जैन, महेंद्र कश्यप, पंकज शर्मा, तोशन चंद्राकर शामिल थे। पुरस्कार हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों के परीक्षण के उपरांत प्रतिभागियों के द्वारा अपने उद्यमों का प्रस्तुतीकरण तथा सघन साक्षात्कार आदि प्रक्रियाएं विगत 5 महीनों से चल रही थी।
यह पुरस्कार उन नए स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए दिये गए जो समाज में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला रहे हैं। अपूर्व त्रिपाठी के अलावा पुरस्कार पाने वालों रितेश अग्रवाल, देव गर्ग और द टेकमेम्ट टेक्नोलॉजी शामिल हैं।