Positive India:New Delhi:
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सोनोवाल ने कहा है कि गुजरात भारत का व्यापारिक प्रवेश द्वार है और दुनिया के पसंदीदा समुद्री स्थलों में से एक है। श्री सोनोवाल ने गांधीनगर में आज हरित पोत रीसाइक्लिंग और वाहन स्क्रैपिंग पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 1,600 किलोमीटर की समुद्र तटीय रेखा के साथ, गुजरात भारत के 40 प्रतिशत से अधिक कार्गो आवागमन को संभालता है। श्री सोनोवाल ने कहा की गुजरात तटीय पोत परिवहन क्षमता का उपयोग करके कुल कार्गो परिवहन का 18 प्रतिशत योगदान देता है। उन्होंने कहा कि गुजरात बंदरगाह क्षेत्र का निजीकरण करने वाला देश का पहला राज्य है और इसकी रणनीतिक स्थिति, सक्रिय नीतियों तथा मजबूत बुनियादी ढांचे के आधार पर भारत की समुद्री सफलता की कहानी के ध्वजवाहक के रूप में उभरा है। श्री सोनोवाल ने कहा कि भारत जहाजों के रिसाइक्लिङ्ग के लिए एक प्रमुख स्थान है और गुजरात में अलंग-सोसिया शिपयार्ड की क्षमता को दोगुना करने की योजना से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे तथा इससे न केवल गुजरात में बल्कि पूरे देश में आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होगी।
सागरमाला कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए, श्री सोनोवाल ने कहा कि इस कार्यक्रम ने गुजरात में बंदरगाह आधुनिकीकरण, रेल, सड़क, क्रूज पर्यटन, रो-रो और यात्री घाट, मत्स्य पालन, तटीय बुनियादी ढांचे, कौशल विकास आदि जैसी परियोजनाओं के साथ संपन्न समुद्री क्षेत्र को गति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि गुजरात में सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत 57,000 करोड़ रुपये की 74 परियोजनाएं हैं। इनमें से 15 परियोजनाएं 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को पूरा किया जा चुका है। श्री सोनोवाल ने कहा कि 25,000 करोड़ रुपये की 33 परियोजनाओं का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि 22,700 करोड़ रुपये की 26 परियोजनाएं विकास के अधीन हैं।
इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र भाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात अब बंदरगाह आधारित विकास की ओर बढ़ रहा है। श्री पटेल ने कहा कि गुजरात भारत का तटीय प्रवेश द्वार है। उन्होंने कहा कि राज्य अलंग का घर है, जो दुनिया का सबसे बड़ा जहाज तोड़ने वाला यार्ड है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह शिप ब्रेकिंग-रीसाइक्लिंग सेक्टर में गुजरात का दबदबा रहा है, उसी प्रकार गुजरात हरित रीसाइक्लिंग के क्षेत्र में भी आगे रहेगा। उन्होंने कहा कि गुजरात में हरित पोत रीसाइक्लिंग का विशाल केंद्र बनने की क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति है। गुजरात सरकार गुजरात को हरित रीसाइक्लिंग का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अलंग में एक अच्छी तरह से विकसित ईकोसिस्टम और वाहन स्क्रैपिंग की क्षमता भी है और यह वाहन स्क्रैपिंग नीति में प्रमुख योगदान देगा।
हरित पोत रीसाइक्लिंग और वाहन स्क्रैपिंग पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन गुजरात में पोत रीसाइक्लिंग उद्योग की वर्तमान स्थिति और एचकेसी कन्वेंशन अनुपालन को अपनाने की दिशा में प्रदर्शन कर रहा है। सम्मेलन इस बात पर भी चर्चा का अवसर प्रदान कर रहा है कि यूरोपीय संघ के पोत परिवहन उद्योग गुजरात में पोत रीसाइक्लिंग सुविधाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं और यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के साथ साझेदारी का पता लगा सकते हैं।
सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, गुजरात सरकार के पत्तन और परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, एमके दास ने कहा कि सम्मेलन अलंग को टिकाऊ पोत रीसाइक्लिंग के लिए एक पसंदीदा स्थल के रूप में वैश्विक मानचित्र पर रखेगा, जिसमें सुरक्षित और पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर पोत रीसाइक्लिंग की सर्वोत्तम प्रथाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि सम्मेलन वाहन स्क्रैपिंग उद्योग के साथ अलंग के पोत रीसाइक्लिंग उद्योग के बीच तालमेल बनाने में भी मदद करेगा, और अलंग को वाहन स्क्रैपिंग के विशाल केंद्र के रूप में उभरने में सक्षम करेगा।
सम्मेलन के एक हिस्से के रूप में दो सत्रों का भी आयोजन किया गया। पहला सत्र जहाज पुनर्चक्रण अधिनियम “भारत में जहाज पुनर्चक्रण उद्योग और अनुपालन” पर, जीएमबी की भूमिका, एचकेसी और यूरोपीय संघ के पोत पुनर्चक्रण विनियमन (ईयूएसआरआर) के अनुपालन और सुरक्षित तथा टिकाऊ रीसाइक्लिंग पर केंद्रित था।
दूसरा सत्र वाहन कबाड़ नीति पर था, जिसमें इस नीति का अवलोकन किया गया। इस सत्र में अलंग की क्षमताओं को वाहन स्क्रैपिंग के केंद्र के रूप में भी प्रदर्शित किया।
सम्मेलन में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के प्रतिनिधियों, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, और पोत परिवहन क्षेत्र के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उद्योग प्रतिनिधियों सहित शिपिंग लाइनों, जहाज रिसाइकलिंग करने वालों और जहाज मालिकों आदि ने भाग लिया। सम्मेलन के बाद 13 सितंबर को अलंग शिप ब्रेकिंग यार्ड का दौरा किया जाएगा।
श्री सोनोवाल ने लोथल के निकट प्रस्तावित राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर के स्थल का भी दौरा किया और गुजरात सरकार और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। यह परियोजना भारत सरकार द्वारा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के माध्यम से 3500 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि से विकसित की जा रही है। प्रस्तावित परिसर भारत की समृद्ध और विविध समुद्री धरोहर को प्रदर्शित करेगा और यह देश में अपनी तरह का पहला और भारत की समुद्री धरोहर को समर्पित दुनिया के सबसे बड़े समुद्री संग्रहालयों में से एक होगा।
संग्रहालय में लोथल की जीवन आकार की वास्तुकला को दर्शाया जाएगा। विभिन्न घटकों जैसे, निचला शहर, मध्य शहर, गढ़, कब्रिस्तान, घर, गली का पैटर्न, स्वच्छता प्रणाली, कुएं, उद्योग / कार्यशाला और बाज़ार आदि को संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा। आगंतुकों को प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करने के लिए, लोथल डॉकयार्ड का एक क्रियाशील मॉडल, गोदाम का कामकाज आदि भी विशिष्ट हड़प्पा कालीन घर के साथ ओवन, आदि जैसे घटकों के साथ प्रदर्शित किया जाएगा। संग्रहालय धोलावीरा के स्थल पर खुदाई के दौरान प्राप्त की गई प्रसिद्ध हड़प्पा कालीन जल संचयन और प्रबंधन प्रणाली को चित्रित करेगा।
प्रसिद्ध वास्तुकार फर्म मैसर्स आर्किटेक्ट हफीज कॉन्ट्रैक्टर को परियोजना के परियोजना प्रबंधन सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है और पहले ही चरण 1ए की 5 गैलरी के लिए मूलभूत डिजाइन एवं योजना तैयार कर ली है:
ए) गैलरी- 1 अभिविन्यास और महासागरीय पौराणिक कथाएं
बी) गैलरी-2 हड़प्पा कालीन: द पायनियर सीफर्स
सी) गैलरी- 3 हड़प्पा के बाद के प्रक्षेप पथ: जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
डी) गैलरी- 4 ग्रीको-रोमन दुनिया के साथ भारत का संपर्क
ई) गैलरी- 5 विशेष प्रदर्शनियां
मैसर्स आर्किटेक्ट हफीज कॉन्ट्रैक्टर द्वारा भारतीय नौसेना के अधिकारियों के परामर्श से गैलरी 6 (भारतीय नौसेना का उद्भव) की मूलभूत डिजाइन पर कार्य प्रगति पर है और दीर्घाओं के लिए कलाकृतियों की समेकित सूची को अंतिम रूप दिया गया है।
एनएमएचसी चरण 1ए का ईपीसी कार्य टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को मार्च 2022 में सौंपा गया है और मार्च 2024 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह परियोजना गुजरात राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देगी, जिससे आसपास के गांवों जैसे सरगवाला और उटेलिया सहित क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का विकास होगा। एनएमएचसी परियोजना में प्रस्तावित छह दीर्घाएं आगंतुकों के लिए समुद्री इतिहास के विभिन्न समयावधियों पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
श्री सोनोवाल ने अपनी यात्रा सम्पन्न करने के बाद कहा कि परियोजना को पर्यटन के लिए एक नए अंतरराष्ट्रीय स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सागरमाला कार्यक्रम के तहत दुनिया के अन्य प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय संग्रहालयों के बराबर लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा और उन्हें कई कुटीर उद्योगों को विकसित करने में मदद करेगा और इस प्रकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करेगा।