www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

डॉ राकेश गुप्ता ने चिकित्सा जगत के मानक सिद्धांतों को फिर से क्यों किया रेखांकित ?

Why doctor Rakesh Gupta is pointing towards standardisation of medical fraternity?

Ad 1

Positive India:Raipur:
विगत दिनों डॉ राकेश गुप्ता, वरिष्ठ कान नाक गला विशेषज्ञ के पास इलाज के लिए पहुंचे 30 वर्षीय युवक के इलाज पश्चात अनुभवों को साझा करते हुए चिकित्सा जगत के मानक सिद्धांतों को फिर से रेखांकित किया है।

Gatiman Ad Inside News Ad

5 माह की विस्तृत हिस्ट्री के अनुसार बिना हेलमेट दोपहिया सवार यह युवक रोड एक्सीडेंट का शिकार हो गया था । एक्सीडेंट में युवक की दाईं आंख के निचले हिस्से में रोड किनारे लगे हुए लेमन ग्रास की सुखी टहनियां घुस गई थी, जिसे प्राथमिक उपचार में सूखी टहनियों को निकाल कर डॉक्टर द्वारा कटी हुई चमड़ी के घाव पर टांके लगाए गए । दाई आंख के नीचे के घाव से लगातार मवाद बहने तकलीफ के कारण ही क्रमशः कुछ दिनों के अंतराल में नाक का दूरबीन से आंसू की थैली और उसके बाद इन्फेक्शन की आशंका होने पर साइनस दूरबीन ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन पश्चात भी वांछित लाभ ना होने के बाद अन्य शहरों के विशेषज्ञों की राय लेने के बाद वरिष्ठ कान नाक गला विशेषज्ञ डॉ राकेश गुप्ता के पास युवक के परिजन परामर्श के लिए आए।
विस्तृत घटनाक्रम की पूछताछ, पूर्व इलाज के रिकॉर्ड परीक्षण और जांच के बाद डॉ राकेश गुप्ता ने साइनस का आवश्यक सीटी स्कैन परीक्षण कराया ,जिसमें उन्हें दाएं आंख और साइनस में गंभीर संक्रमण और नाक की संक्रमित झिल्ली के बीच में कुछ बाहरी तत्व फंसे होने की आशंका के बाद साइनस के दूरबीन द्वारा ऑपरेशन की सलाह दी गई। नाक का दूरबीन ऑपरेशन करते हुए लेमनग्रास की 3 से 4 इंच लंबी धंसी हुई सुखी टहनियां दाई आंख के निचले तल और मुख्य साइनस से होते हुए दिमाग की सतह के पास से सफलतापूर्वक निकाली गई. करीब डेढ़ घंटे चले इस ऑपरेशन को डॉ राकेश गुप्ता सहयोगी स्टाफ राजू वर्मा ,सावित्री साहू और जितेंद्र साहू सहित निषचेतना विशेषज्ञ डॉक्टर श्रद्धा अग्रवाल की प्रमुख भूमिका रही। युवक मरीज को 24 घंटे में अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। अब वह पूर्णतः स्वस्थ हो जाएगा। चिकित्सा जगत में सड़क दुर्घटना से आंख के निचले हिस्से से साइनस में बाहरी वस्तुओं के फंसे होने का यह अनोखा बिरला केस है।

Naryana Health Ad

डॉ राकेश गुप्ता ने इस दुर्लभ केस के अनुभव में मरीज की सड़क दुर्घटना के दौरान विस्तृत घटनाक्रम, आंख और नाक के संबंधित लक्षण वांछित रेडियोलॉजिकल जांच तथा मरीजों का इलाज के बाद निमित्त फॉलो अप के साथ को चिकित्सा अनुशासन में फिर से रेखांकित किया है चिकित्सा व्यवसाय में निरंतर अध्ययन और सभी चिकित्सा विभाग के सभी सहयोगियों से अनुभव साझा होने पर ही इलाज की गुणवत्ता मैं बढ़ोतरी होती है, इससे मानवीय भूल की संभावनाएं न्यूनतम हो जाती हैं।

डॉ राकेश गुप्ता ने अपने इस अनोखे अनुभव को कान नाक गला विशेषज्ञ के छत्तीसगढ़ और राष्ट्रीय व्हाट्सएप ग्रुप में भी अनुभव के नाते शेयर किया है।

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.