क्या मोदी का हर घर तिरंगा विपक्ष को मटिया मेट कर देगा?
- पुरुषोत्तम मिश्रा की कलम से-
Positive India:Purshottam Mishra: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर भारत पूरे जोशो खरोश से हर घर तिरंगा की तैयारी कर रहा है, जो 13 से 15 अगस्त के दौरान मनाया जाएगा; जिसमें हर भारतीय अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा मास्टरस्ट्रोक चला है जिसकी काट विपक्षी पार्टियों के पास ना के बराबर है। हर घर तिरंगा अभियान को विपक्षी ना समर्थन दे सकते हैं ना ही वे सिरे से खारिज कर सकते हैं। अगर समर्थन देते हैं तो यह माना जाएगा कि वह मोदी के साथ हैं और अगर खारिज करते हैं तो उन्हें देश विरोधी करार दिया जाएगा, क्योंकि तिरंगा भारतीयों के भावना से जुड़ा हुआ है।
2014 की जीत के बाद से ही भाजपा ने राष्ट्रीय भावना का भरपूर दोहन किया है। 2014 में जब भाजपा जीती थी तब उसका वोट शेयर मात्र 18.6% था। ठीक 5 साल के बाद 2019 के चुनाव में यह वोट शेयर 37.4 प्रतिशत बढ़ गया। केंद्र पर भाजपा काबिज तो दूसरी बार हो ही गई, राज्यों की स्थिति भी अपने आप बहुत मजबूत कर लिया। धीरे-धीरे अट्ठारह राज्य में भाजपा की सरकार बन गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाना तथा श्री राम मंदिर का निर्माण शुरू होना दोनों ही अपने आप में मास्टर स्ट्रोक से कम नहीं है। यह एक ऐसा मास्टर स्ट्रोक था जिससे विपक्षी कुनबा एकदम बिखर गया। वह पुरजोर तरीके से धारा 370 हटाने का ना विरोध कर पाया ना ही उसके सपोर्ट में खड़ा हो पाया। ऐसा ही राम मंदिर के साथ हुआ। राम मंदिर के मामले पर तो विपक्षी पार्टियों ने अपना मुंह एकदम बंद कर लिए। हालात ऐसे हैं कि राष्ट्रवाद के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां अब चुनौती देने से कतरा रही हैं।
राष्ट्रवाद का उभार अचानक से नहीं हुआ है। भाजपा ने सोची-समझी रणनीति के तहत इसको इंप्लीमेंट किया है, जिसकी शुरुआत होती है सार्वजनिक स्थलों पर भारत माता की जय बोलने से तथा सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के दौरान ससम्मान में खड़े होने से। कई बार तो अप्रिय स्थितियाँ भी निर्मित हुई परंतु उसके बावजूद आम लोगों ने इसे दिल से सहर्ष स्वीकार किया।
अभी 2022 चल रहा है परंतु भाजपा ने 2024 की तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। हर घर तिरंगा 2024 के लिए एक मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है क्योंकि बिखरे हुए विपक्ष के पास इसकी काट का कोई जवाब नहीं है।