आज अगर हिम्मत के साथ कोई लड़ रहा है तो वह रसिया ही है।
-विशाल झा की कलम से-
Positive India:Vishal Jha:
आज अगर हिम्मत के साथ कोई लड़ रहा है तो वह रसिया ही है। क्योंकि रसिया अकेला है। मैं दाद देता हूं रसिया को। यूक्रेन के पीछे नाटो देशों का पूरा एक समूह लड़ रहा है। विश्व का सुपर पावर अमेरिका भी रसिया के खिलाफ लड़ रहा है।
पूरे विश्व की सिंपैथी भी यूक्रेन के साथ ही है। भारत और चीन जैसा उभरता हुआ पावरफुल कंट्री भी यूक्रेन के साथ ना होते हुए भी खुलकर रसिया के साथ ना हो पाया। एब्सटैन कर गया। स्विफ्ट बैन के साथ-साथ रसिया की इकोनामी अमेरिका ने तबाह की है। रसिया के एटीएम में लंबी लाइनें लगी हुई है।
यूक्रेन समेत तमाम वामपंथी लॉबी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि रसिया में गृह युद्ध उत्पन्न कर दी जाए। रसिया के लोगों को सड़क पर निकलने के लिए मानवता की दुहाई दे रहे हैं।
कल को नेपाल-भूटान चीन के साथ विलय होने के लिए राजी हो जाए तो भारत युद्ध करेगा कि नहीं? तनिक बताइए! प्रश्न रसिया के आत्मरक्षा का है। और आत्मरक्षा का यह अधिकार विश्व के हर राष्ट्र को है। फिलहाल तो हमारी सहानुभूति रसिया के साथ ही है।
साभार:विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)