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#हिजाब तो एक बहाना है..असल मकसद तो देश में शरिया लाना है

- अजीत सिंह की कलम से-

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Positive India:Ajit Singh:
#हिजाब तो एक बहाना है..असल मकसद तो देश में शरिया लाना और इसी बहाने फिर आग लगाना है…. वरना कितनी ही जगहों पर कितनी मुस्लिम महिलाओं को हिजाब तो छोड़िये सिर पर दुपट्टा रखे हुए भी नहीं देखता हूं……जरा बॉलीवुड,पत्रकार जगत,खिलाड़ियों,वकीलों,डाक्टरों,नौकरीपेशा को देख लीजिये…दरअसल कर्नाटक मे हिजाब(Hizab) पहनने की जिद के बहाने जो बवाल मचाया जा रहा है,उसके पीछे राजनैतिक पृष्ठभूमि होने के प्रमाण तो है ही…………लेकिन कश्मीरी पत्थरबाज महिलाओं की तरह हाथ उठा कर उसी अंदाज मे पत्थर फेंक रही छात्राओं को..उसी बेखौफ तरीके से मजहबी नारे लगाते देख कर लग रहा है कि यह मामला केवल हिजाब पहनने का नही है बल्कि इसके पीछे जरूर #शरिया_वाली_वही_मजहबी_सोच है जो सदियों से #भारत_को_कब्जाने के लिये तड़प रही है…वही अब स्कूलों के नाम पर न केवल एक नये बहाने से गजवाये हिंद की नीव मजबूत कर रही है,न केवल नये जेहादी तैयार किये जा रहे हैं…..बल्कि वैधानिक रोक टोक पर हमेशा की तरह शिक्षा से वंचित कर देने वाले नैरेटिव को आगे बढ़ा कर मजहब को खतरे मे बताने वाले एजेंडे को धार दिया जा रहा…बाद मे डर वाला विक्टिम कार्ड खेला जा सके…बड़ी #सधी_रणनीति पर काम हो रहा है……मै तो कहूंगा कि इस हिजाब विवाद को जानने के लिये आपको भारत की वर्तमान स्थिति को न केवल जानना और पहचानना चाहिये बल्कि समझना भी चाहिये कि जहां एक एक करके दुनिया के लोकतंत्र को निगलते जा रहे हरे टिड्डे कितने संगठित तरीके से काम कर रहे हैं और वहीं भारत का बहुसंख्यक समाज अपने भविष्य को लेकर कितना संवेदनहीन और अनमयस्क है……बात यहीं से प्रारम्भ करता हूं…!!

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कि अगर इसमे सफल होने की स्थिति मे कल सेना,पुलिस आदि बलों मे मुस्लिम महिलायें हिजाब की मांग करने तब?

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अगर कोर्ट मे काम करने वाली मुस्लिम कर्मचारी और वकील आदि हिजाब की मांग करने लगें,तब?

ऐसे अनेक व्यवसायों मे अगर हिजाब की मांग होने लगे तब?

तब न मानने पर मजहब खतरे मे आ जायेगा…है कि नही…तब विक्टिम वाला ऐजेंडा काम करने लगेगा…!!
जबकि जब वो डाक्टर को दिखाने जाती हैं,जब बैनामा लेने या देने के लिये रजिस्ट्रार के सामने खड़ी होती हैं,जब अदालतों मे गवाही के लिये पहचान हेतु मुंह खोलना पड़ता है,जब …जाने दीजिये कितना बताऊं कि कहां कहां बिना हिजाब के टहलती है….तब तो मजहब खतरे मे नही आता है…यानी मीठा मीठा गप्प और कड़वा कड़वा थू…गजब का दोगलापन है!!

बहरहाल आप सब समझ नही पा रहें हैं….कि अब स्थितियां दिनों दिन कितनी बद से बदतर होती ही नही जा रही है…बल्कि बनाई जा रही हैं…इसी क्रम मे यह प्रकरण कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाने का प्रत्यक्ष प्रमाण है……क्योंकि अगर हिजाब पहनना आपका संवैधानिक अधिकार है तो उस स्कूल मे एडमिशन क्यों लिया जहां हिजाब बैन है…पसंद आये तो पढ़ो वरना छोड़ दो…जहां हिजाब बुर्का पहनने को मिले वहां जाकर पढ़ो…हर संस्था के अपने ड्रेस नियम और कायदे होते हैं…जैसे हिजाब को अधिकार बताया जा रहा है…वैसे ही उस संस्था के भी अपने नियम,कानून और अधिकार होते हैं…फिर कह रहा हूं कि हिजाब वाले मामले के पीछे भी वही कथित किसानो के आंदोलन मे मात खा चुका और देश और विदेश के डालर और दीनारों के बल पर उछलने वाले गिरोह का #टूलकिटिया_गैंग है जो न केवल देश मे आग लगाना चाह रहा है…अपितु अपनी असली मंशा यानी गजवाये हिंद के लिये एक कदम और आगे बढ़ाने की साजिश रची है…..दीनी तालीम के कारण भले वो सरकारी नौकरियों मे धीरे से आते जा रहे हैं…जिस पर कभी कभी बहस हो जाती है…..लेकिन आप ध्यान नही दे रहें हैं कि जहां वो आपके हर पारंपरिक व्यवसाय की हर जगह कब्जाते जा रहे हैं…वहीं हिंदू मोहल्लों मे चुपचाप मस्जिदें बना कर वो अपने फाइनल एक्शन डे के लिये बेहद सोचे समझे तरीके से न केवल तैयार हो रहें है अपितु एक एक करके अपना #वॉर_रूम बनाते जा रहें हैं…..जहां उनकी जरूरत का हर सामान मौजूद है…जो अक्सर छापे पड़ने के बाद सबूत के रूप मे सामने भी आता रहा है……कम से कम अपने अगल बगल देखिये तो सही कि कितने सधे तरीके से वो रोज आपको अपने कब्जे मे धीरे धीरे लेते जा रहे हैं…..सनातनी बंधुओं…मान लीजिये कि यह जागने का सर्वोत्तम समय है….सूतिये सेकुलरों की भाईचारा वाली एकतरफा और तर्कहीन बातों पर जवाब देना सीखिये…अब नही तो कभी नही..अब जाग कर एकजुट न हुये तो बुरा मत मानियेगा कि आपको कोई बचा नही पायेगा…!!

आपको यह जरूर जानना चाहिये कि आपको वो घेर चुके हैं………….आपको विश्वास नही ही होगा,यह सुन कर..क्योंकि आप तो पेट्रोल से लेकर गैस के दाम और आलू से लेकर प्याज के दामो का हिसाब लगा कर योगी मोदी को कोसने मे व्यस्त हैं..आप भूल चुके हैं कि आपका शत्रु कौन है…और वो दुश्मन कबसे आपको निगलने के लिये आपके दरवाजे पर बैठ कर अलतकिया का ड्रामा करते हुये सही समय का इंतजार कर रहा है….यह इसलिये कह रहा हूं कि कुछ केसरिया गमछा पहन कर गंगा जमुनी तहजीब की बात करने वाली मुस्लिम महिलाओं का प्लांटेड वीडियो को मार्केट मे घुमाया जा रहा है…दरअसल बहुसंख्यक समाज तो भूलने वाली वो नस्ल है,जो अपने अपमान को छोड़िये..जातिवाद मे तो अपने आराध्य तक के अपमान करने वालो को भूल जाती है…मेरी बातो का बुरा मत मानिये..तो जरा बताइये कि पूरब से लेकर पश्चिम तक योगी ने अपने पांच साल मे सर्व समाज के हितार्थ की कितनी विकास योजनाओं को मूर्त रूप दिया….सदियों से छले गये बहुसंख्यक समाज के कितने धर्मस्थलो का पुरातन गौरव वापस किया है..अपराधों पर जबरदस्त नियंत्रण मे क्या किया है…याद है……..इसके साथ कोरोना काल की दिक्कतो को कितने परिश्रम से बिना किसी भेदभाव से संभाला था…ये परिश्रम,योजनायें,याद है आप मे किसी को…बता सकते हैं…नही ना…जबकि इसी बीच योगी ने अपने पिता को खो दिया था,लेकिन उन्होने पिता के अंतिम दर्शन की जगह यूपी की जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दिया था…यह याद है कि यह भी भूल गये?

खैर…!!
भावुकता मे विषयांतर हो गया…बात हो रही थी हिजाब के कंधे पर बैठे गजवा और उसके रोज मजबूत होते जा रहे जिहादियों की…आप को अंदाजा तक नही है कि चुपचाप बिजनेस जेहाद कितना हावी हो चुका है…हर जिले मे जहां छोटे छोटे पाकिस्तान बन चुके हैं…वहीं जरा गौर से निगाह दौड़ाइये तो दिखाई देगा कि हर व्यवसाय..हर महत्वपूर्ण जगहों पर इनका कब्जा होता जा रहा है..उतनी जमीन पर आप के पूजास्थलों के पास नही हैं जितनी जमीनें उनके पास मदरसों,मस्जिदों और कब्रिस्तान के नाम पर हो चुकी हैं……इनसे निपटने का उपाय इतना आसान भी नही है..हमे संगठित तरीके से और गहराई से काम करना होगा,जातिवाद को भूलना होगा,हर व्यवसाय के लिये एक दूसरे की मदद से अपनी दुकानें बनानी होंगी,अपने स्वधर्मियों को हर जगह बैठाना होगा और हरे टिड्डों का पूर्णतया बहिष्कार करना होगा………इस रणनीति को सफल बनाना ही होगा…वरना गजवाये हिंद को रोकना इसलिये भी मुश्किल होगा क्योंकि जहां हम बटें हुये हैं…वहीं बीजेपी के अतिरिक्त हर पार्टी इनका पिछवाड़ा धोकर तुष्टीकरण करने मे मरी जा रही है….#मोदी_योगी_जैसों_के_डर_के_कारण_अभी_ये_शांत_बैठे_हैं_बस_आपकी_एक_गलती_से_मोदी_योगी_को_हटने_तो_दीजिये,फिर अलतकिया के पीछे छिपे इनका वो भयानक और बर्बर चेहरा दिखेगा,जिसकी कल्पना नही की जा सकती है…जरा अपनी आँखे बंद करिए और ध्यान से सुनिये तो प्रत्यक्ष ही नही नेपथ्य से भी आपको हर जगह नारा ए तकबीर अल्लाहु अकबर ही सुनाई देगा…जैसे कल कर्नाटक की एक जेहादन मुट्ठी बांध कर चीख रही थी….और अब भी अगर आपको नहीं सुनाई दे रहा है तो बड़ी गलतफहमी की नीद मे आप जी रहे हैं….बस इतना और बता दीजिए कि कब और कैसे जागेंगे आप…क्योंकि हम जैसे लोग दिन रात परिश्रम करके आपके कान के पास सनातन राष्ट्रवाद का बिगुल इस आशा मे बजा रहें कि आप जागिये….उठिये और बोलिये…न बोल सकें तो लिखिये…न लिख सकें तो उनका सहयोग दें,जो रात रात भर जाग कर मनसा,वाचा,कर्मणा धर्मयुद्ध मे योगदान दे रहें हैं…अगर यह भी नही कर सकतें हैं तो कम से कम चुप रह कर ही सही अपने योद्धाओं का मनोबल बढ़ायें….!!

फिलहाल अंत मे पुन: कहूंगा कि यह #हिजाब_वाला_बवाल जानबूझकर फैलाया जा रहा है…यह भी #टूलकिट का एक हिस्सा और इसके पीछे हरे टिड्डों और उनके संरक्षकों द्वारा ताकत नापने का वो प्रयोग है,जिसके बहाने न केवल शरिया लाने की दिशा मे एक कदम बढ़ाना है वरन् #देश_मे_एक_बार_फिर_आग_लगाना_है….देख लीजियेगा!!

#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh

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