Positive India:Satish Chandra Mishra:
विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा हो गयी है। तिथियां अपेक्षानुरूप ही हैं। चुनाव प्रक्रिया में केवल एक क्रांतिकारी बदलाव इसबार हुआ है। चुनावी रैलियों और रोड शो पर फिलहाल 15 जनवरी तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। अगर यह प्रतिबंध आगे बढ़ाया गया तो हर पार्टी की डिजिटल संगठनात्मक शक्ति की बहुत कड़ी अग्निपरीक्षा होगी। इस स्थिति में हर पार्टी के आईटी सेल की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण और निर्णायक हो गयीं है। हालांकि भाजपा के पार्टी प्रवक्ता न्यूजचैनलों पर ताल ठोंक रहे हैं कि हमारी डिजिटल संगठनात्मक शक्ति जबरदस्त है और पन्ना प्रमुखों की बहुत बड़ी फौज है। लेकिन मेरा मानना है कि इस प्रतिबंध से सर्वाधिक हानि भाजपा को होगी। इसका कारण बहुत संक्षेप में बताए देता हूं।
सबसे पहले ताजा उदाहरण। फिरोजपुर की घटना के बाद प्रधानमंत्री के विरुद्ध बहुत भद्दे और गंदे ट्रेंड 5 जनवरी से ट्विटर पर अलग अलग समूहों द्वारा लगातार चलाए जा रहे हैं। जवाब में भाजपाई आईटी सेल द्वारा प्रधानमंत्री के समर्थन में चलाए गए एक दो ट्रेंड संख्याबल की कसौटी पर बहुत बुरी तरह पिटे। मेरे विचार से प्रधानमंत्री से संबंधित यह मुद्दा सर्वाधिक महत्वपूर्ण और संवेदनशील है। जिसमें आईटी सेल बहुत बुरी तरह लुटा पिटा आज भी दिख रहा है। दूसरा उदाहरण यह देख लीजिए कि भाजपा और प्रधानमंत्री के यूट्यूब चैनल पर प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं के वीडियो के लाइक्स से दसियों बीसियों गुना अधिक लाइक्स आपको अजित अंजुम, रविशकुमार, अभिसार और आशुतोष सरीखे छुटभैयों के वीडियो पर दिखेंगे। अंत में एक और उदाहरण दे रहा हूं… 2019 के लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह को वोट देने के 3 संदेश मेरे मोबाईल पर आए, लेकिन वो तीनों संदेश तब आये जब लखनऊ में मतदान हो चुका था। आईटी सेल की सजगता कर्मठता का यह नायाब नमूना था।😊
केन्द्र में मोदी सरकार बने 7 वर्ष और उप्र में योगी सरकार बने 5 वर्ष हो रहे हैं। लेकिन इन सरकारों की उपलब्धियों सफलताओं से संबंधित एक भी संदेश मेरे मोबाईल, ईमेल, वाट्सएप, फेसबुक या ट्विटर पर पिछले 7 वर्षों में नहीं आया है। केवल प्रधानमंत्री मोदी के एप और पीएमओ की वेबसाइट से नियमित ईमेल मेरे पास आते रहते हैं क्योंकि मैंने सब्सक्राइब किया हुआ है। छोटे से बड़े भाजपाई नेता तक की फेसबुक वॉल/टाइमलाइन चेक करिए। 90% की प्रोफाइल पर योगी मोदी सरकार की उपलब्धियां नदारद मिलेंगी और बड़े नेताओं से मिलने, उनके स्वागत करने के सौभाग्य की फोटुओं तथा तथा लखनऊ से दिल्ली तक के बड़े नेताओं को जन्मदिन की शुभकामनाओं के संदेशों वाली पोस्टों से उनकी प्रोफ़ाइल लबालब नजर आएगी।
पन्ना प्रमुखों की दशा यह है कि 2014, 2017 तथा 2019 के तीनों चुनाव में मेरे और मेरे आसपास के किसी घर में कभी कोई पन्ना प्रमुख नहीं आया।
सच यह है कि मोदी को विक्रमादित्य बनाकर वेताल की तरह उनकी पीठ पर लदकर अभीतक चुनावी महाभारत जीतती रही भाजपाई सफेद हाथियों की फौज की बहुत कड़ी परीक्षा इसबार का चुनाव लेने जा रहा है।
इन विपरीत परिस्थितियों में प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी पर ईश्वर कृपा करें।
अशेष शुभकामनाएं।
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-(ये लेखक के अपने विचार है)