भारत को अगर अस्मिता का युद्ध जीतना है तो इस्राइल जैसा क्यों बनना पड़ेगा?
-अजीत सिंह की कलम से-
Positive India:Ajit Singh:
कांगियो और सपाइयों की अभद्र भाषा के जवाब मे यूपी के डिप्टी सी.म. केशव प्रसाद मौर्य ने बिल्कुल सटीक जवाब क्या दे दे दिया…कांगी,सफाई ही नही बेचारे लिबरलो,सिकुलरों और सूतिये टाइप के हिंदुओं को भाषा की मर्यादा और आदर्शवाद याद आ गया…इसी पर मुझे लगा कि और किसी पर तो नही लेकिन इन सूतिये प्रजाति के हिंदुओ पर कुछ कहना चाहिये…जिनकी आँखे अभी भी और इतने के बाद भी नही खुल रही है….आज भी कुछ आत्ममुग्ध सूतिये हिंदू, सनातन और देश विरोधियों के साथ बेशर्मी से खड़े दिखते हैं..!!
इतना जान लीजिये कि केवल नैतिकता के आधार पर कोई भी युद्ध नहीं जीता जा सकता….और हम भी वर्तमान मे अस्तित्व,अखंडता और अस्मिता का युद्ध ही तो मोदी और योगी के नेतृत्व मे लड़ रहे हैं…….!!!!
महाभारत का युद्ध याद कीजिये जब अर्जुन ने अपने भाईयों,अपने तात श्री,अपने गुरू जनों पर प्रहार करने से मना किया तो श्रीकृष्ण ने क्या कहा था???
ये सनातन के अस्तित्व को लेकर आधुनिक महाभारत का युद्ध चल रहा है..असत्य और सत्य की लड़ाई है..धर्म और अधर्म के बीच हो रहा संग्राम है..और इस लड़ाई को नैतिकता के आधार पर नहीं जीता जा सकता!!
जैसे अर्जुन ने छल से कर्ण का वध किया था…तो कर्ण और उसके साथियों ने छल से ही अभिमन्यु का वध किया था…..तो दुर्योधन और उसके मामा शकुनि ने छल से ही पांडव को शतरंज के खेल में हरा दिया था…..जवाब मे अर्जुन ने छल से शिखंडी का सहारा लेकर ही भीष्म का वध किया था….तो भीम ने भी छल से ही दुर्योधन का वध किया था…ऐसे हजारों उदाहरण हैं छल के….सच्चाई तो यह है कि बिना छल के शायद ही कोई युद्ध जीता गया हो……छल के भिन्न भिन्न रूप हो सकते है..लेकिन कोई भी युद्ध बिना साम,दाम,दण्ण और भेद के बिना जीता नही गया है…इसलिये वर्तमैन कालखंड मे यौद्धिक आदर्शवाद और नैतिकता को मापदंड मत बनाइये….टिट फॉर टैट जैसा जवाब दिया जा रहा है,उसे सराहइये….!!
अमेरिका ने छल से ही जापान पर परमाणु बम गिरा कर द्वितीय विश्व युद्ध जीत लिया और आज विश्व का चौधरी बन बैठा है..!
मुसलमान छल से ही मात्र १४०० साल में इस्लाम को विश्व के सबसे बड़ा बड़ा मजहब बना दिया और ५७ देश बना लिए….!
और हम हिन्दू (नैतिकता की दुहाई देते देते आज अल्पसंख्यक बन गय और अफगानिस्तान, पाकिस्तान,बांग्लादेश और अपनी लाखो एकड़ जमीन गवां बैठे और अब भारत के हर कोने मे पीटे जा रहे हैं….!!
अस्मिता का युद्ध जीतना है तो इस्राइल जैसा बनिए और छल से लेकर साम,दाम,दण्ड,भेद लगाना और ठोकना सीखिये…!!
आज हमारे पास समय नहीं है की राजा हरिश्चंद्र जैसे सत्यवादी बनकर सब कुछ गंवा दें………….और आदर्शवादी होने की अग्नि परीक्षा देते फिरें….!
भाजपा ने कभी मुफ़्ती का साथ लेकर ३७० हटाने जमीन तैयार करके हटा दिया और उसके बाद से लेकर आज तक कश्मीर के सारे आतंकियो को ठोक कर वहां के हिंदुओं की रक्षा कर रही है….तो क्या गलत कर रही है..?
भाजपा दुश्मनों को नानी याद दिला रही है..कांग्रेस और कम्युनिस्ट रूपी सनातन राष्ट्रवाद विरोधी पार्टियों की जड़ो मे मट्ठा डाल कर उनको धीरे धीरे समाप्ति की ओर ले जा रही है तो क्या गलत कर रही है?
छल,साम,दाम,दण्ड,भेद कोई भी युक्ति लगाओ लेकिन शासन केवल सनातन राष्ट्रवाद की विचारधारा के अनुरूप चाहिए……इसी नीति पर मोदी चल कर हिंदू राष्ट्र की स्थापना करना चाह रहे हैं…!
एक बात जान लीजिये कि जब युद्ध जीत जाएंगे तब ही हम जिंदा बचेंगे और तभी नैतिकता भी शोभा देगी।
मुर्दे क्या खाक नैतिकता सिखाएंगे..????
यह कलियुग है,इसमें तो इतने से भी काम नहीं चलेगा,आज सनातनियों को धर्म के प्रति निरंतर चैतन्य और जागरूक रहना होगा….नहीं तो धर्म समाप्त हो जाएगा…!!!
जब क्रूर और अनैतिक शक्तियाँ सत्य एवं धर्म का समूल नाश करने के लिए आक्रमण कर रही हों, तो नैतिकता अर्थहीन हो जाती है..तब महत्वपूर्ण होती है विजय केवल विजय..विजय ही शक्ति देती है…शक्ति ही सत्ता होती है…हमे सत्ता मिलने के कारण ही यूपी को इस्लामाबाद बनाने का ख्वाब देखने वाले कटपीस कौम के डॉन आज या तो जेलों मे है…या फिर ऊपर पहुंचा दिये गये हैं….. !!
सब कुछ ईश्वर के भरोसे छोड़ कर बैठना मूर्खता होती है….ईश्वर स्वयं कुछ न करके केवल मार्ग दर्शन करते हैं…….सब मनुष्य को ही स्वयं करना पड़ता है ………………महाभारत के युद्घ में भी तो सब कुछ पांडवो ने किया…श्रीकृष्ण तो मात्र दिशा निर्देशक की भूमिका मे थे….प्रभू का यही निर्देश तो आज भी है,बस सनातनी समझ नही पा रहे हैं!
जब अनैतिक और क्रूर शक्तियाँ सत्य और धर्म का विनाश करने के लिए आक्रमण कर रही हों, तो नैतिकता का पाठ आत्मघाती होता है ….बहरहाल अंत मे दोगले सनातन विरोधियों को बताना चाहता हूं कि हिंदू कभी दंगा फसाद नही करता,नाक के ऊपर पानी जाने पर हिंदू महाभारत करता है जिसमें अधर्मियों
और दुष्टों की नस्लें मिटा दी जाती है…त्रेता,द्वापर से लेकर कलियुग तक इसके अनगिनत साक्ष्य है…बस संगठित होने की देर है…!!
#जाति_पाती_को_छोड़कर_कूद_पड़ो_संग्राम_में,
#अबकी_भगवा_लहराना_है_यदुनंदन_के_धाम_में_!
#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh
साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार हैं)