Positive India:Ajit Singh:
यूपी मे कुर्सी के लिये जीभ लपलपाते टोंटी जादौ कह रहे है कि सत्ता में आए तो अयोध्या का नाम बदल देंगे….इससे पहले जिन्ना को आजादी का नायक और साधु संतो को चिलमजीवी बता कर मुस्लिम तुष्टीकरण मे ओवैसी से मुकाबला करने वाले टोंटी अब रामभक्तो पर गोली चलवाने वाले अपने बाप को भी पीछे छोड़ कर मुस्लिम पोतोत्तोलक का खिताब हासिल करना चाहते है…बहरहाल यह सब देख सुन कर अब भी जिन हिंदुओं के मन मे टोंटी बसा है,वो अपने साथ अपने सहोदरों के विनाश को तो आमंत्रित कर ही रहे हैं..साथ साथ जागृत हो रहे हिंदू समाज के मनोबल पर भी चोट पहुंचा रहे हैं…..यह अलग बात है कि भले ही कितना उछल कूद कर ले…टोंटी के उखाड़े कुछ नही उखड़ने वाला है…..लेकिन सदियों बाद पिछले सात साल से लगातार संगठित होते हिंदुओं के मन मे एकता के पल्लवित होते वृक्ष को जरूर क्षति पहुंचती है…
बहरहाल विपक्ष के नेताओं के हिंदू विरोधी बयान सुनने के बाद भी…पता नहीं,वो किस नस्ल के हिंदू हैं,
जो अपने आराध्य या अपने धर्म पर इतने अपमान को सुनने,देखने के बाद भी इन देश और धर्म विरोधियों को वोट देते है..मेरे विचार से या तो उनका रक्त सूख चुका है,या उन हिंदुओं की अंतरात्मा मर चुकी हैं……या फिर वो अपने किसी तुच्छ स्वार्थ मे जयचंद की भूमिका मे हैं…खैर मेरी नजर मे वो सनातनी नही,मिश्रित नस्ल वाले है…
ऐसे लोगो को देखना चाहिये कि कैसे त्रिपुरा के “हिंदुओं” ने यह नहीं देखा की मैं आदिवासी हूं,शहरी हूं,देहात का हूं,दलित हूं,ब्राह्मण हूं,जाट हूं,बनिया हूँ, या अनुसूचित जन या जनजाति का हूँ…उन्होने अपने मन,मस्तिष्क मे केवल यह सोच रखी कि,मैं सनातनी हूं…हिंदू हूँ….तभी तो कुल हिंदू जनसंख्या का 93% हिंदुओं ने एक तरफा भाजपा को वोट किया…………82% वोटिंग हुई!
त्रिपुरा नगर निगम की 51 सीटों के लिए 5 लाख मतदाताओं में से 4 लाख 8 हजार मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया,जिसमें तीन लाख 73 हजार वोट सभी 51 वार्डो में भाजपा को प्राप्त हुए…त्रिपुरा की हिंदू जनता ने देश के सामने एक उदाहरण रखा कि संगठित होकर कैसे सत्ता पर नियंत्रयण किया जा सकता है…लोकतंत्र मे मे बिना सत्ता के आप बिना दांत और बिना नाखून के कागजी शेर हैं….जो कुछ कर नही सकता…केवल गुर्रा सकता है….फिलहाल त्रिपुरा की सुधी जनता को सादर नमन और अभिनंदन करने के साथ होने वाले चुनावों मे पांच राज्यों की जनता को त्रिपुरा से प्रेरणा लेने की प्रार्थना करता हूं…कि कैसे संगठित होकर असुरों का मर्दन किया जाता है…बाकी जरा टोंटी की पार्टी का ताजा बयान भी हिंदुओं को समझना चाहिये कि “मथुरा की तरफ देखने नही देंगे”………अब तो यशोदानंदन भी टोंटी के तुष्टीकरण मे पीछे छूट गये हैं…..बहरहाल जनता न केवल सब देख रही है…बल्कि समय आने पर इन सब को एक बार पुन: देख लेगी…!!
“समय ना लगायें,तय करने में,कि आपको क्या करना है!
वरना फिर समय ही तय करेगा,कि आपका क्या करना है!”
#वंदेमातरम्
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साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार हैं)