www.positiveindia.net.in
Horizontal Banner 1

मक्कार क्रिकेट वालों को लोग भगवान से नीचे उतारने को क्यों तैयार नहीं हैं?

-विशाल झा की कलम से-

Ad 1

Positive India:Vishal Jha:
क्रिकेटर्स(Cricketers)से तो ठीक-ठाक हैं बॉलीवुड वाले अगर मैं कहूं तो।

Gatiman Ad Inside News Ad

कम से कम एक अच्छा खासा तबका बॉलीवुड की आलोचना तो करता है। इन क्रिकेट(cricket) वालों को तो लोग भगवान से नीचे उतारने को तैयार ही नहीं हैं।

Naryana Health Ad

हर कोई इस सच्चाई को जानता है कि बॉलीवुड का हीरो अभिनय करता है, तब भी लोग उसको हीरो मानते हैं। लेकिन क्रिकेटर्स को लोग हीरो और भगवान बनाने के पीछे ये नहीं सोचते कि क्रिकेट में भी अभिनय है। दर्शक मानते हैं कि क्रिकेट स्क्रिप्टेड नहीं होता। लेकिन क्रिकेटर्स ने स्वयं को एक मक्कार अभिनेता साबित किया हुआ है। मक्कारी और अय्यारी में इतना आगे तो बॉलीवुड भी नहीं है। कम से कम बता तो देता है डिस्क्लेमर में कि फिल्म फिक्शन है।

हमारे देश समाज और संस्कृति को इन मक्कारों ने क्या दिया है? कारगिल युद्ध के समय जब अपने ही देश को मदद करने की बात आई तो इन लोगों ने क्रिकेट मैच खेलकर पहले खिलाड़ियों का खर्चा निकाल लिया। देश के साथ कितना गंदा गंदा मजाक किए हुए हैं ये क्रिकेटर्स सब रिकॉर्ड पर है। मैं इसमें किसी को छांटकर नहीं चल रहा हूं। धोनी, कोहली, सचिन सब मेरे लिए एक ही है।

ये आज उल्टे हमारे बच्चे को ड्रीम एलेवन पर जुआ खेलना सिखाते हैं। जुआरी बनाते हैं। माध्यमिक कक्षा का विद्यार्थी पढ़ने के बजाय क्रिकेट का चरस की तरह आदि होता जा रहा है। क्या हम बच्चों को खुलकर चरस के लिए ऑफर करते हैं? नहीं ना? परीक्षा की तैयारी करने के बजाय वे क्रिकेट स्कोर गिनते रहते हैं। भारत का भविष्य अंधेरे में है। अमेरिका तो क्या चीन से भी मुकाबला भविष्य में संभव नहीं। मजे की बात है कि दोनों ही देश में क्रिकेट नहीं है।

अभी भारत छोड़कर दुनिया के चार देशों में हिंदू मारे जा रहे हैं, मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं। दुनिया भर में हिंदू इसके लिए आंदोलन कर रहे हैं। और ये क्रिकेटर्स अमेरिका के एंटी नेशनल मूवमेंट ब्लैक लाइव्स मैटर को ग्राउंड में घुटने टेक कर आगे बढ़ा रहे हैं।

साभारः विशाल झा-(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Horizontal Banner 3
Leave A Reply

Your email address will not be published.