अमरीकी सेना तालिबान की दवाई करने के लिए एक बार फिर अफगानिस्तान लौटेगी और जल्दी ही।
-दयानंद पांडेय की कलम से-
Positive India:Dayanand Pandey:
काबुल एयरपोर्ट पर और अफगनिस्तान में हुए सीरियल धमाके को देखते हुए मेरा स्पष्ट मानना है कि अमरीकी सेना तालिबान की दवाई करने के लिए एक बार फिर अफगानिस्तान लौटेगी और जल्दी ही। शायद कुछ घंटों में ही। इस लिए भी कि एक तो इस धमाके में अमरीकी सैनिक और अमरीकी नागरिक दोनों मारे गए हैं। दूसरे , अफगानिस्तान में रह रहे निर्दोष लोगों पर तालिबानी बर्बरता देखते हुए समूची दुनिया अमरीका की हजामत बना रही है। अमरीका को दोषी बता रही है। तो अमरीका दुनिया में अपनी साख और दारोगागिरि का दबदबा बनाने के लिए तालिबानों की दवाई करने के लिए अपनी सेना भेजेगी ज़रूर। बहुत मुमकिन है कि अमरीका एयर स्ट्राइक या सर्जिकल स्ट्राइक या दोनों ही कर के तालिबानों का इलाज शुरू करे। कम से कम अपने नागरिकों को , सेना को निकालने के लिए।
जब अमरीका पहल करेगा तो फ़्रांस , इंग्लैण्ड , कनाडा आदि भी तालिबान के इलाज खातिर अमरीका के साथ खड़े हो सकते हैं। शायद भारत भी। मेरा अनुमान है कि तालिबानी बर्बरता के खिलाफ यह अमरीकी कार्रवाई कुछ घंटों के भीतर भी हो सकती है। क्यों कि अब इस सर्जिकल स्ट्राइक या एयर स्ट्राइक के अलावा कोई और रास्ता शेष नहीं रह गया है। तालिबान ने अति की सारी सरहदें पार कर ली हैं।
साभार:दयानंद पांडेय-(ये लेखक के अपने विचार हैं)