यह दाल तो जूतों में ही बंटेगी और जमकर बंटेगी।
ममता द्वारा जो दाल दिल्ली में पकायी जा रही है वह फैलेगी ज्यादा, बंटेगी कम।
Positive India:Satish Chandra Mishra:
आजकल न्यूजचैनली मीडियाई आर्केस्टा की पागल धुनों पर धुत्त उन्मत्त होकर नाच रहा भानुमति (ममतामती) का विपक्षी कुनबा 2024 से पहले 9 दिन चले अढ़ाई कोस, लौट के बुद्धू घर को आये, नाच ना जाने आंगन टेढ़ा, सरीखी सारी कहावतें चरितार्थ करेगा।😊
जानिए क्यों…
39 सीटों वाले तमिलनाडु में केवल AIDMK और DMK ही प्रभावी राजनीतिक दल हैं। इन दोनों की राजनीतिक दुश्मनी लगभग 50 साल पुरानी और पुख्ता है तथा आज भी पूरी तरह हरी भरी और जवान है।
25 सीटों आंध्र में इससे भी बुरी स्थिति TDP और YSR की राजनीतिक दुश्मनी की है।
28 सीटों वाले कर्नाटक में कांग्रेस JD(S) की दोस्ती में केवल 2 साल पहले जमकर हुई भयंकर जूतमपैजार पूरे देश ने देखी है।
20 सीटों वाले उड़ीसा में ढाई दशकों से एकछत्र राज कर रही BJD को कांग्रेस की साझेदारी वाले किसी भी गठबंधन/मोर्चा से घृणा की हद तक नफरत है। अतः केवल मोदी को हराने के लिए मोर्चाबाजी नाम की राजनीतिक नंगई से BJD कोसों दूर रहती है।
80 सीटों वाले यूपी में SP व BSP बड़ी मुश्किल से 26 साल पुरानी दुश्मनी भुलाकर 2019 में एक होकर ही चुनाव लड़े थे पर 80% (64) सीटें भाजपा ही जीती। अब दोनों की राजनीतिक दुश्मनी बिल्कुल नए और बहुत गहरे जख्मों के साथ 26 साल पुरानी ताज़गी के साथ पुनर्जीवित हो चुकी है।
40 सीटों वाले बिहार में RJD कांग्रेस कम्युनिस्ट मिलकर 2-3 दशक पहले से ही यह गीत गा रहे हैं कि… “हम बने, तुम बने, एक दूजे के लिए।” लेकिन 3 लोकसभा चुनाव से 80% सीटें BJP ही जीत रही है।
इसके अतिरिक्त… 39 सीटों वाले बंगाल में TMC व Left के गठबंधन की संभावनाएं उतनी ही असंभव हैं जितनी नागिन के साथ नेवले के रोमांस की संभावना।
प्रचंड राजनीतिक मूर्ख ही यह सोच सकता है कि 7 सीटों वाली दिल्ली और 13 सीटों वाले पंजाब में अकाली दल, कांग्रेस और केजरीवाल मिलकर टकीला डांस करेंगे।
20 सीटों वाले केरल में Cong और Left के कार्यकर्ताओं/समर्थकों के संबंधों में सबसे निचले स्तर तक दुश्मनी इतनी गहरी है कि दोनों दलों के दिल्ली में बैठे ढोंगी मठाधीशों के लिए केरल में गठबंधन का पाखंड करना संभव नहीं होगा।
उपरोक्त तथ्य संदेश दे रहे हैं कि फिलहाल इन दिनों जो दाल दिल्ली में पकायी जा रही है। वह दाल उपरोक्त 301 सीटों पर जूतों में इस तरह बंटेगी कि फैलेगी ज्यादा, बंटेगी कम। बची हुई 242 सीटों में से 70-80% सीटों पर भाजपा इतनी मजबूती से डटी हुई है कि लुटियन प्रजाति के खबरी लकड़बग्घे वहां दिल्ली वाली दाल पकाने की चाहे जितनी कोशिशें कर लें लेकिन वह दाल किसी भी कीमत पर नहीं गलेगी। यानि… आजकल न्यूजचैनली मीडियाई आर्केस्टा की पागल धुनों पर धुत्त-उन्मत्त होकर नाच रहा भानुमति (ममतामती) का विपक्षी कुनबा 2024 से पहले 9 दिन चले अढ़ाई कोस, लौट के बुद्धू घर को आये, नाच ना जाने आंगन टेढ़ा, सरीखी सारी कहावतें चरितार्थ करेगा।😊
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-(ये लेखक के अपने विचार है)