भीमा-कोरेगांव दंगे और माओवादियों से संबंध के मामले में गिरफ्तार अर्बन नक्सली स्टेन को श्रद्धांजलि क्यों?
भारत को अस्थिर करने वाले दोगलो को न केवल पहचानिये...बल्कि इनको कायदे से दुत्कारिये भी...!!
Positive India:Ajit Singh:
एक बात सदैव अपने चेतन और अचेतन मस्तिष्क मे याद रखियेगा कि जब तक आपका राष्ट्र और धर्म आपकी चैतन्यता के कारण सुरक्षित रहेगा तब तक आपकी यशोगाथा ईमानदार इतिहास सदैव कहता रहेगा…लेकिन अगर आपने अतीत की भूलों से कुछ नही सीखा..भूल या गलतियां कहने का मतलब है कि यदि आपके राष्ट्र और धर्म दोनो पर आघात होते देख कर भी आप सबने मिलकर मनसा,वाचा,कर्मणा प्रतिवाद नही किया तो विश्वास करिये आपकी श्रुति,स्मृति,महाकाव्योंं,पुराणों,वेदो और कथाओं मे जीवित विरासतें…..जिस पर आप अभी तक अभिमान करते रहें हैं वो विरासत की ऐतिहासिक इमारते खंडहर मे बदल कर ढहा दी जाएगी……..क्योंकि सच्चा इतिहास…यहां सच्चा या ईमानदार इतिहास का तात्पर्य है जिसे गुलाबों के चाटुकार रोमिला थापर,गुहा और इरफान हबीब जैसे अनेक वामपंथी नक्सलियों द्वारा लिखे गये इतिहास की बात नही कर रहा हूं,जिसने सनातनियों को बरगलाने वाले इतिहास को लिख कर कई पीढ़ियों को बहकाया है…सच्चा इतिहास वो है जो अब मोदी सरकार मे अपने ऊपर लदी धूल को छिटक कर बाहर आ रहा है…जिसमे अब न तो अकबर महान रह गया,न दरगाहों मे दफन काफिरों के हत्यारों की झूठी कहानियां भरोसेमंद रह गई है….साथ ही इस पूरे पाखंड के रचयिता गुलाबो चिच्चा के वंशजो की कलई भी खुलती जा रही है…सच्चाई धीरे धीरे बाहर आ रही है….सच्चा इतिहास निर्मम भी होता है क्योंकि वो जो देखता है उसी को अपने पन्नो मे स्थान देता है…वास्तविकता तो यह है कि हमारा इतिहास अत्यन्त पराक्रमी,समृद्धशाली,विकसित और अद्भुत बौद्धिक क्षमता से भरा पूरा है…इसलिये अपने पुरातन पर गर्व और अभिमान करते हुये जाति,क्षेत्र और भाषा वाद को छोड़ कर एक हो जाइये…क्योंकि अभी भी समय है सम्भल जाइये….बाकी बाद मे तो शायद आपको पछताने का समय भी न मिले….इसके साथ ही हरे टिड्डों और सफेद बगुलों के साथ उनके उन बगुले समर्थकों और संरक्षको को पहचानिये जो आपके समाज मे आपके नेता बन कर आपके आस पास ही मुस्कराते हुये खड़ें हैं……और जल्दी ही आपके पास वोटो के भिखारियों के रूप मे केंचुल बदल कर आने वाले हैं…!
आज यही ताकते हमारे राष्ट्र और हमारे सनातन को उदरस्थ करने के लिये अपने स्थानीय समर्थकों के बल पर बेहद बेचैन है…प्रयासरत हैं…रोज साजिश कर रहीं है..चूंकि ऐसी ताकतों के समर्थक और संरक्षक फिरंगन परिवार के वो लोग या उनके चारण रहे हैं जिन्होने हमारे देश पर छ दशकों पर राज करके न केवल हमारे देश को लूट कर खोखला कर दिया वरन् हिंदुत्व पर भी आतंकवाद का आरोप लगा कर हमको जातिवाद के गहरे जाल मे उलझा दिया….आज उसी जातिवाद के गुब्बारे मे वही फुस्स हो चुके लोग हवा भर कर हमे बांटना चाह रहे हैं…इन दोगलो को न केवल पहचानिये…बल्कि इनको कायदे से दुत्कारिये भी…!!
अन्यथा न लीजिये तो कहूं कि आपने कभी सोचा या ध्यान दिया है कि मोदी की विकास परक और देश को समृद्धशाली,शक्तिशाली और सक्षम बनाने की नीति से किसे परेशानी हो रही है??
वो कौन है जो निरन्तर मोदी की राह मे अवरोध उत्पन्न कर रहा है????
किसे सर्जिकल स्ट्राइक,नोटबंदी,धारा ३७० हटने,रामजी का मंदिर बनने और कोरोना की वैक्सीन खोज लेने से आत्मिक,मानसिक और आर्थिक चोट लगी है???
याद करिये कि रामनाथ कोविद जी को मोदी द्वारा राष्ट्रपति चुनाव मे उतारा गया था…तब दलित मुद्दा उठा कर कौन विरोध करते हुये नंगा हो गया था ???
जानते हैं कि कौन नोटबंदी,राफेल,NRC,CAA,GST के साथ कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाह फैला कर भ्रमित करना चाह रहा था और आज भी भले चीन तो पीछे हट गया है..लेकिन कुर्सी के लिये एक मंदबुद्धि और उसकी पार्टी अभी भी चीन की तरफ से मोदी विरोध की नुमांइदगी करते हुये अड़ा पडा है!!!!
तो जान लीजिये कि हैं तो बहुत, लेकिन भारतवर्ष की अखंडता के तीन परम् शत्रु हैं !!!
एक,मुगलों के व्यभिचार से उत्पन्न पाक परस्त नेता !!!!
दूजे,अंग्रेजों के व्यभिचार से उत्पन्न माओ की औलादें!!
तीसरा वो सूतिया सेकुलर समाज है,जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण आपके सामने यू.पी. मे है,जहां गजनवी के सिपहसलार सालार मसूद गाजी उर्फ गाजी मियां की दरगाह पर नवाब हैदराबाद के रजाकारों के लीडर के वंशज ने चादर चढ़ा कर काफिरों के खिलाफ लोकतंत्र वाला एलाने जंग कर दिया और उसका साथ वो आदमी दे रहा है,जिसकी पार्टी का नाम सुहेलदेव समाज पार्टी है…आप चौंक जायेंगे कि जिन राजा सुहेलदेव ने गाजी मियां को डेढ़ लाख सैनिको सहित ७२ हूरो के पास पहुंचा कर हिंदुओं की रक्षा की थी….उन्ही सुहेलदेव के नाम से राजनीति की रोटी सेंकने वाले एक कथित सेकुलर नेता ने गाजी मियां के चाहने वाले नये भारत के जिन्ना बनने के लिये बेचैन के साथ गठजोड़ किया है…राजा सुहेलदेव की आत्मा भी इस दोगलेपन से जरूरी दुखी होगी…ये दोनो…दो कौड़ी के लोग हमारे यू.पी. के शेर को हटाने का सपना देख रहें हैं….बहरहाल सच्चाई तो ये है कि इन दोनो दो कौड़ी के फुस्सी कारतूसों के बस का कुछ नही है….इनके उखाड़े कुछ नही उखड़ने वाला है…..!!
बात कर रहा था तीन परमशत्रुओं की..तो इन तीन के तीनों सनातन और राष्ट्रविरोधी प्रजातियों की…पहले दो के अंदरखाने मे एक ही DNA की पैदाइश हैं…ये दोनो नसल विलुप्त होती जा रही हैं…लेकिन इन दोनो ककी कुलबुलाहट खतम नही हो रही है….इसीलिये रह रह कर ऊंगली करते करते चिल्लाते रहते हैं…….तीसरी यानी सेकुलर,लिबरल या कहें कायर प्रजाति की तो ये केवल अपने चवन्नी भर के स्वार्थ के लिये पहले दोनों के स्वर मे स्वर मिला कर हुंआ हुंआ करके अपनी बौद्धिक बहादुरी जताता रहता है…बाकी इनकी गिनती कोई नही करता..!!
खैर आसन्न महत्वपूर्ण राज्यो..विशेष कर यू.पी. के चुनावों मे तय तो आप लोगों को करना है किधर जाना है आपको…क्योंकि इन सबका एजेंडा बिल्कुल साफ है कि आने वाले २०-३० सालों में यह सनातन संस्कारों को ओर उसकी संस्कृति को यह लोग मिटा देंना चाहते है,
काफी हद तक सफल भी हो चुके थे !!!!!!!!
ये तो भला हो जागरूक लोगो की सकारत्मक सोच की, जो २०१४ और २०१९ मे मोदी के लिये जी जान लडा दिये…अब जागना आप लोगों को है,इतिहास बनना चाहते हैं या इतिहास रचना…याद रखियेगा दोनो ही आपके हाथ मे हैं….!
एक छोटी सी बात और करना है कि मोदी को लेकर विरोधियों द्वारा जो भ्रम फैलाया जा रहा है,उस जाल से बचें….
गौरक्षकों और भगवा गमछे की ओट मे कई राष्ट्रविरोधी कीडे दलाल मीडिया की साजिश से सोशल मीडिया मे जबरदस्त सक्रीय हैं जिनका एकमात्र उद्देश्य है कि कैसे भी हो बस,सरकार पर फेक कहानियों,वीडियोज के आधार पर सवाल उठा कर या सलाह देकर..भ्रमित करके समर्थकों को सरकार से दूर किया जा सके !!!!
बहरहाल बात कर ली जाय विपक्ष की तो कनफ्यूज हो जाता हूं कि ये विपक्ष हैं या देश के दुश्मन?
भीमा-कोरेगांव दंगे और माओवादियों से संबंध के मामले में गिरफ्तार अर्बन नक्सली स्टेन…जिसने हजारो को न केवल ईसाई बनाया बल्कि जाने कितने माओवादी नक्सली तैयार किया उसकी मौत गांधी परिवार सहित सभी विपक्ष ने श्रधांजलि दी…लेकिन इन लोगों ने बंगाल मे हो रही हिंदुओं के प्रति हिंसा और कश्मीर के शरणार्थी हिंदुओं पर एक शब्द भी कभी नही भूंके…लेकिन ध्यान दीजियेगा कि जब कभी हरे टिड्डों या चंगाइयों का मामला सामने आता है तो ये लोग कैसे सड़क छाप रूदाली बन कर कर्कश रूदन करने लगते हैं…!
बस इन्हे पहचानिये और इन मायावी लोकतंत्र के लुटेरों को लगातार ठोंक कर ठुकराईये,क्योंकि ये वो संवैधानिक आतंकी हैं जो हाथ में गन नहीं उठाते है लेकिन ये उनसे अधिक खतरनाक और मक्कार हैं……….जैसे हुर्रियत वाले गन नहीं उठाते लेकिन हजारों गनर पैदा किए………..जैसे अर्बन बुद्धिजीवी हथियार नहीं उठाए लेकिन हजारों खूनी माओवादी पैदा किए,सैकड़ों टुकड़े टुकड़े गैंग बना दिए….जैसे फिरंगन ने गन नही उठाया लेकिन देश और सनातन विरोध की कामचोरों,मक्कारों की एक नई लॉबी देश के चारो स्तम्भों मे न केवल खड़ा कर दिया..वरन् उसे इतना ताकतवर बना दिया कि आज भी वो लॉबी मौका मिलने पर फिरंगन के बचाव के लिये तन,मन,धन से समर्पित रहती है…इसी फिरंगन ने धर्मांतरण को बढ़ावा दिया..यही देश की अस्मिता पर प्रहार करने वालों की याद मे रात भर रोई…इसी ने न केवल देश को खोखला कर दिया वरन् इसने तो अपने चाटुकारों के दम पर हिंदुत्व की सहिष्णु विचारधारा को आतंकी बनाने का कुचक्र तक रचा….परमात्मा की कृपा रही कि यह सफल नही हो सकी…!!
फिलहाल एक बात और बताना चाहूंगा…..अपने विकासशील देश के सजग नागरिकों कोे..!!!!
प्रभू रामजी के मंदिर के निर्माण का शुभारंभ और ३७० की समाप्ति के साथ ही जम्मू कश्मीर का आसन्न परिसीमन ‘एक राष्ट्र-एक विधान’ की ओर बढ़ा एक अप्रत्यक्ष और अदृश्य कदम है……क्योंकि आप भले ही न समझ पा रहें हैं लेकिन जो शातिर विरोधी नेता और दल इसकी सफलता को समझ रहें है उन्हे पेटदर्द होना स्वाभाविक है….इसीलिये वो लगातार विरोध कर रहें…बाकी इतना निश्चित जानिये की पहले तो योगी जी जनसंख्या नियंत्रण कानून का पट्टा पहना हरे टिड्डों को नियमत्रित करने वाले हैं ही…लेकिन जो मेरे सक्ष मित्रों ने संकेत दिया है कि वो चाहे मानसून सत्र मे या शीतकालीन सत्र मे मोदी सरकार हरे टिड्डों के साथ उनको नचाने वाले मदारियों को जबरदस्त चमाट लगाने जा रही है….क्योंकि जहां से सब सोचना समाप्त करते हैं…गिरवन के दोनो शेर वहां से शुरू करते हैं….इसीलिये और सभी से वो मीलो आगे हैं…जहां तक ये संकर नसल वाले सफेदपोश कभी वैचारिक,मानसिक,राजनैतिक और कूटनीतिक रूप से पहुंचने की औकात ही नही रखते हैं…….बस आप इन राष्ट्रधर्म के संरक्षक पुरोधाओं पर विश्वास बनाये रखते हुये भविष्य मे देश और धर्म विरोधियों की छटपटाहट देखने के लिये स्वयं को तैयार रखिये….!!
#वन्देमातरम्
#Ajit_Singh
साभार:अजीत सिंह-(ये लेखक के अपने विचार हैं)