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मुस्लिम धर्मांतरण गिरोह के धर्म जेहाद का विश्लेषण

अमर के करवट बदलने पर ही अकबर और ऐंथोनी के कुनबे मे इतनी बदहवासी क्यों है?

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Positive India:Ajit Singh:
नोयेडा मे पकड़ा गया धर्मांतरण गिरोह और उसकी कारगुजारी कोई नई घटना नही है…यह भी जेहाद का ही एक रूप है….और पकड़े गये ताजा ताजा हिंदू से मुसलमान बने दोनो इसलिये इतने जुनून से मजहबी फंडा चला रहे थे क्योंकि इन्हे इस्लाम के प्रति अपनी वफादारी दिखाना था,जो एक नजीर बननी है…दूसरे शब्दों मे कहें कि जैसे एक किन्नर किसी सुहागन से ज्यादा श्रृंगार केवल अपने अंदर छिपी कुंठा को शांत करने के लिये करता है…बिल्कुल उसी तरह ताजा बने मुसलमान भी मजहबी रेस मे पिछड़ना नही चाहते हैं…पक्के होने का ठप्पा लगाने के लिये ही उन्माद की हद तक पार कर देते हैं…नये मामले मे तो जैसे दिल्ली पुलिस ने नकली ‘ब्लैक फंगस’ इंजेक्शन बनाने और बेचने वाले 8 सहयोगियों के साथ डॉ अल्तमश और डॉ आमिर को गिरफ्तार किया है……….3500 इंजेक्शन जब्त वे प्रत्येक को ₹15000 प्रत्येक पर बेचते थे!!!

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UP ATS ने लखनऊ में धर्म परिवर्तन कराने वाले 2 मौलानाओं को गिरफ्तार किया,मोहम्मद उमर और मुफ्ती जहांगीर काजी पर अभी तक 1000 से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है,ये दोनो केजरीवाल की सल्तनत यानी दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले हैं, दोनों के खिलाफ लखनऊ के गोमती नगर थाने में FIR दर्ज होकर इन दोनो पर NSA लगाकर इनकी सम्पत्ति जब्त की जा रही है……ये सब तो आपको पता है….आज कुछ पुराने मामले भी आपको याद दिला दूं कि यह कटपीस कौम कहीं भी रहे…किसी पद पर रहे…चाहे जो कुछ हो…ये अपने जाहिल मजहबी कठमुल्लाओं की बातो को भुला नही पाते हैं…जरा याद करिये कि….कैसे…

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पंजाब में डीजीपी न बनाए जाने से नाराज IPS मो.मुस्तफा ने सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी दी थी..!!!

यू.पी. के पूर्व DGP जावेद अहमद नें भी आरोप लगाया था कि मुस्लिम होने की वजह से उन्हें CBI का डायरेक्टर नहीं बनाया गया….!!!

—जिन्हे IAS बनाया था उन्होने कश्मीर मे कौम के नाम पर इस्तीफा दे दिया था..!
—जिन्हे उप राष्ट्रपति बनाया था उन्होने जाते जाते अस्मिता और विश्वास के सीने मे खंजर घोंप दिया था…..!
—जिन्हे बालीवुड मे सर आँखों पर बैठाया उन्होने कहा कि राष्ट्रवादी सरकार मे डर लगता है…..!
–जिन्हे Phd कराई उन्होने भोपाल मे हजारो आदमियों को मारने को लिये केमिकल इकट्ठा कर लिया था….!
—जिन्हे इंजीनियर बनाया जा रहा था वो जालंधर मे AK-47 का जखीरा ले कर बैठे थे….!

☝ये सब बातें याद है कि हमेशा की तरह भूल गये…बता केवल इसलिये रहा हूं कि आप भले ही सब कुछ भूल जायें लेकिन कटपीस कौम कभी अपने गजवाये हिंद वाला लक्ष्य,मंशा और मंतव्य नही भूलती…नोयडा वाला मामला भी उसी निजामे मुस्तफा का हिस्सा है…बाकी देश का हिन्नू समाज बहुतै बुद्धिमान है…उस पर इन सब सब घटनाओं का कोई असर तब तक नही होता…जब तक पनाह ढूंढते हरे टिड्डे उसकी तशरीफ तक नही पहुंच जाते हैं…!!

….आखिर गंगा जमुनी तहजीब की ताली अकेले अमर कब तक बजायेगा ( मेरे विचार से तो अमर से बड़ा सूतिया दुनिया मे कोई दूसरा नही है,इसलिये वो जागेगा नही,केवल ताली बजाते बजाते अपने को समाप्त कर लेगा)…और कब तक ऐंथोनी के बल पर अकबर राष्ट्रहित मे बिना किसी योगदान के सब कुछ पाना चाहेगा….कब तक…कब अकबर सोचेगा कि वो भले ही आज अकबर है लेकिन वो भी किशनलाल का ही पुत्र है…..अगर अकबर और ऐंथोनी नही समझ रहे है भाईचारे का बोझ अकेले उठाते उठाते बकलोल अमर थक चुका है…..शायद अब अमर भी मजबूर होकर जागने के लिये ही करवट बदल रहा है………..बस अमर के करवट बदलने पर ही अकबर और ऐंथोनी के कुनबे मे इतनी बदहवासी है तो ………समझिये कि जब अमर उठ खड़ा होगा तब क्या होगा….जागो,उठो अमर…खड़े हो…तुम्हारे अस्तित्व पर,तुम्हारे संस्कारों..तुम्हारी संस्कृति को निगलने के लिये विधर्मी एकजुट हो चुके हैं….तुम कब संगठित होगे….देखना कहीं समय हाथ से निकल न जाये…सोचो अमर आखिर नियति भी तुम्हारे जागने की कब तक प्रतीक्षा करेगी….??

बहरहाल पूर्व मुस्लिम ड़ा. अली सीना साफ साफ शब्दों मे कहते हैं कि यदि इस्लाम एक धर्म है तो नाजीवाद,साम्यवाद, शैतानवाद,हैवंस गेट,पीपुल्स टैम्पल,ब्रांच डेविडियन आदि भी धर्म की श्रेणी में आएंगे….किंतु यदि हम यह मानते हैं कि जीवन को शिक्षित बनाने, मानव के विकास की संभावनाएं बाहर लाने, आत्मोत्थान, आध्यात्मिकता का बीज बोने,सद्भावना बढ़ाने और मानवता को प्रकाशित करने को धर्म कहते हैं तो इस्लाम इस कसौटी पर पूरी तरह विफल होगा..इस पैमाने पर इस्लाम को न तो धर्म की श्रेणी में रखा जा सकता है और ना ही इसे इस श्रेणी में रखा जाना चाहिए…मुसलमान इस्लाम को शांति और सहिष्णुता का मजहब बताते हैं और धर्मांतरण के लिए अपने शिकार को फुसलाने के लिए चेहरे पर सौम्यता व मुस्कुराहट ओढ़े रहते हैं। ऐसा दिखाते हैं,जैसे कि वे बड़े मदद करने वाले, विनम्र और दिलकश हैं..पर जब वे अपने लोगों के बीच होते हैं उनका व्यवहार बिल्कुल अलग होता है……..गैर-मुस्लिमों के प्रति द्वेषपूर्ण, निर्दयी व अत्याचारी रुख रखते हैं…ये अलतकिया है जिसे हिंदू समाज समझ नही पा रहा है…!!!

फिलहाल अपने सनातन समाज से केवल..केवल और बस इतना कहना चाहता हूं कि वर्तमान हालात को देख कर जागृत नही होंगे….तो विश्वास करिये कि भविष्य मे न आप कुछ करने लायक रहेंगे….और न ही आपकी संतति कुछ करने की स्थिति मे रहेगी….कम से कम अब तो संगठित होकर जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग ही नही करिये,वरन् जो सरकारे ऐसा कानून लाती हैं…उनका जम कर समर्थन करिये…अन्यथा चार बीबी और चालिस बच्चों के सामने आपकी हम दो और हमारे दो बच्चों वाली सोच पानी भरती नजर आयेंगी…फिर वही होगा…जो दढ़ियल जाहिल चाहेगा…..!!
#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh
साभार:अजीत सिंह(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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