मोदी के आने से देश मे दशकों से सक्रिय दीमको के कुनबे मे क्यो मचा जबरदस्त हड़कंप?
Positive India:Ajit Singh:
मोदी नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी सरकार २०१४ मे आने के बाद से कुछ ऐसा जरूर कर रही है जिस कारण देश मे दशकों से सक्रिय दीमको के कुनबे मे जबरदस्त हड़कंप और खलबली मची है….सब के सब मिल कर मोदी को हटाना चाह रहे है…कुछ तो हो ही रहा है जिस कारण देशविरोधी ताकतों और भारत मे मौजूद उनकी विषैली फिरंगन लीडर………जो हरे टिड्डों की संरक्षक है के साथ माओ की नाजायज औलादों के सभी दांव,साजिशें और उनके मायावी षड़यन्त्र लगातार विफल हो ते जा रहे हैं…..!!
मिशनरी,मदरसा,मौलाना और देश की सभी विरोधी पार्टियां क्यों एकजुट होकर मोदी के विरोध मे अपना मुखौटा,अपना बुर्का उतार कर मोदी के विरोध मे खडे हो रहे है…..कुछ तो अंदरखाने मे हो रहा है तो…….वो सबके सब मिल कर राष्ट्रवादी सरकार के रास्ते मे कील गाड़ रहे है..??
लेकिन सनातनियों…..आपके ही एक वर्ग को आलू,प्याज,सब्जी,पेट्रोल और आरामतलबी से फुर्सत मिले….और तब २०१४ से पूर्व की परिस्थितियों की तुलना वर्तमान से करे तब तो समझ मे आयेगा कि मोदी कर क्या रहें हैं….क्यों इतनी छटपटाहट विपक्षी खेमे मे मची है……..है कि नही?
बहरहाल मेरे विचार से मोदी सरकार जो भी कर रही है ठीक कर रही है इसका अनुमान भेड़ियो के झुंड मे बढ़ी बेचैनी से है..तभी तो चंगाई करने वाले चर्च,मदरसे के जेहादी मौलाना और अर्बन नक्सलियों सहित सभी एकजुट होकर समवेत स्वर मे मोदी के बहाने सनातन पर कोसते हुये एकसुर मे सनातन राष्ट्रवाद के विरोध मे रूदन वाला कोरस गान कर रहे है..!
साफ साफ कहूं तो मेरी पोस्ट का उद्देश्य देश मे मौजूद हजारो लाखों वास्तविक साधू,संतो,मठो,मंदिरो,शंकराचार्यों,पूज्य नागाओं,अखाड़ो और पारलौकिक शक्तियों से युक्त औघड़ बाबाओं से विनम्रतापूर्वक पूछना है कि …..जब विधर्मी क्रास और जकात का कटोरा पकड़ने वाली कटपीस कौम के दानव एकतरफा धर्मयुद्ध का युद्धघोष कर चुके है……..तो सनातन की हे महान आत्माओं अब देर किस बात की है….अब प्रतीक्षा किसकी है…अब क्यों चुप बैठे है…अब क्यों हमारे विश्वास की परीक्षा ले रहें है…!
प्रभूराम और योगीराज की लीलाओं को आपके द्वारा कथारूप मे हम बहुत बार सुन और समझ चुके है…………..अब समय आ गया है उनकी शौर्य कथाओं का और उनकी दानव दलन नीतियों को हमे बताने का…और ये बताये कि वीर भोग्या वसुन्धरा…….ये भी बतायें धर्म रक्षित रक्षत:..और इसी के साथ हमे पारिणामिक रूप से ये भी बता दें कि धर्म और राष्ट्र के बिना हम शून्य समान हैंं…आइये आगे बढ़ कर हमारा नेतृत्व करिये……मोदी के साथ हमारा मार्गदर्शन करिये…..सनातन ध्वजा को संबल दीजिये….आइये …बस आइये….अन्यथा सोमनाथ के ध्वंस के पूर्व की परमात्मा के आने और हमे बचाने जैसी विश्वासयुक्त मन:स्थिति के काल कवलित होने की तरह हमारा विश्वास फिर 1000 वर्षों के लिये चिंद्दियों मे बिखर जायेगा….क्योंकि सनातन शत्रु तैयार,एकजुट और संगठित होकर हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहा है और हम भी तैयार है….लेकिन बस आप लोग योगीराज कृष्ण की तरह कुरूक्षेत्र मे अर्जुन का रथ संभाल ले या फिर संकटमोचन बन कर ध्वजा पर विराजमान हो जायें..!!
अंतत: धर्मयुद्ध सदैव की तरह हम ही जीतेंगे…बस आप मठो और कंदराओं से निकल कर हमे साथ रख कर आशीष दें…क्योंकि हम इतिहास बदलने जा रहे है और चाहते हैं कि शिवि,दधीचि,परशुराम,विश्वामित्र आदि जैसी विभूतियों की तरह ….मतलब कि फिर सनातन श्रेष्ठ नायको की तरह इतिहास आपके नेतृत्व का लोहा माने….बस यही इच्छा और आंकाक्षा है….बस!!!
देश को,देश की राजनाति को,देश के लोकतंत्र को….. फिरंगन पूत और उसका कबीला….माओ की चड्ढीधारक प्रजातियों के दम पर जिन स्थितियों मे पहुंचाना चाहता है वो बेहद चिंताजनक है…सोचने वाला नितांत गंभीर विषय है कि देश का नेतृत्व किन हाथों मे होना चाहिये और ये विषाणु किन हाथों मे देने के लिये प्रयत्नशील हैं……!
मेरी समझ से देश के नायक,नेतृत्व करने वाले के अंदर निम्न गुण होने चाहिये….उसे न्यायप्रिय होना चाहिये….निडर और अभय होना चाहिये….सकारात्मक मानसिकता का वाहक होने के साथ विकासपरक सोच वाला होना चाहिये…..जनता के हित के साथ ही राष्ट्रधर्म की सदैव रक्षा करने वाला होना चाहिये….साथ ही उसके ह्रदय और आत्मा के अंदर देश को समर्थ,सक्षम और विकसित बनाने की अदम्य इच्छाशक्ति होनी चाहिये!!!
अब आप मोदी बनाम…..देश की राजनीति मे पी.म. बनने के लिये उछल कूद मचा रहे सभी धुरन्धरों के विचार,चिंतन,सोच और देश के प्रति प्रेम का तुलनात्मक आंकलन और विष्लेशण करके समझ लीजिये कि आज देश को आवश्यकता किसकी है???
बस यही कहना है….कि अपने भविष्य को लिखने वाले आप ही हैं….नियतितो बस आपके निर्णय की प्रतीक्षा कर रही है….मातृभूमि के प्रति प्यार और अपने राष्ट्रहित के कर्तव्यों के निर्वहन का आत्मबोध ही था न….जिसने राणा प्रताप से लेकर शिवाजी और सावरकर,आजाद से लेकर भगत सिंह और खुदीराम को आत्मोत्सर्ग के लिये प्रेरित किया…..आज #शहीद_दिवस है लेकिन वो भावना कहां गायब हो गई….एकाग्र होकर सोचिये…….आपको कारण और निवारण स्वत: मिल जायेगा!!!
बहुत संघर्ष और रक्तिम बलिदान के बाद स्वतन्त्रता मिली है इसे संकीर्ण स्वार्थ और जातिगत विद्वेष मे गवाईये मत….और जरा गौर से देखिये कि देशी ही वरन् विदेशी ताकते आपको,आपके राष्ट्र को और आपके धर्म को जड़ से उखाड फेंकने के लिये संगठित होकर कैसे घात लगाये बैंठी है…..बस उन्हे एक मौका मिलने की देर है..!!
केवल छ: साल सत्ता से बाहर रहना भी बर्दाश्त नही कर पाने वाली पुरानी पार्टी और उसके बगलगीर लुटियन्स,अर्बन नक्सली और चौथे स्तम्भ की भांड मीडिया ने अपनी चकलाघर जैसी चालो और सड़क छाप लम्पटगीरी से न्यायपालिका,कार्यपालिका और विधायिका जैसे तीनो स्तम्भो को हिला कर रख दिया…..स्थिति यहां तक आ चुकी है कि वो सब किसी तरह सत्ता पाने के लिये किसी हद तक गिर जाने को आतुर है……………..जानते है मैडम सहित इन सबकी इस छटपटाहट और बेचैनी का कारण क्या है…….इसका कारण है देश के हिंदुओं मे अंगडाई लेती संगठित होने की लालसा और मोदी जैसे राष्ट्रभक्त का कुशल,देशहितार्थ और ईमानदार नेतृत्व…जिसने इनके भारत को खंडित करने और हिंदुओं को विभाजित करने वाली इनकी कुटिल नीतियों की धज्जियां बिखेर कर रख दी हैं…..!
कपटी मंथरा मैडम ने कभी सोचा नही था कि उसकी सल्तनत की शहंशाहियत के नीचे राष्ट्रवाद का भी कोई वृक्ष पल्लवित हो सकता है….वो कभी नही चाहती कि हमारे समाज मे आजादी के पहले वाली आत्मोत्सर्ग की भावना फिर पनपे….इसलिये वो सनातन समाज मे जातिवाद,आरक्षण,फर्जी आंदोलन और लगातार झूठ बोल कर हिंदू समुदाय को छिन्न भिन्न करके,विभाजित करके अपनी सत्ता के सिंहासन के पाये के नीचे दबा कर रखना चाहती है……..जैसा कि किया है….!!
कभी सोचा कि विधर्मी क्यों नही कहते कि जो बाबरी मस्जिद बनवायेगा हम वोट उसी को देंगे….क्योंकि उनका लक्ष्य बाबरी नही है…उन्हे न नौकरी, न आरक्षण, न सब्सिडी चाहिए…..उन्हें बस अपनी संख्या बढ़ानी है क्योंकि वे जानते हैं कि जैसे ही वे 40% गए, उन्हें सब मिल जायेगा, क्योंकि वो आप से सब कुछ छीन लेंगे…ये उनकी मूल सोच है और एक हम हैं जो पेट्रोल के दाम पर मरे ही नही जा रहे हैं..बल्कि बात बात पर अपनी सरकार पर बिदक भी जा रहें है…दूसरी तरफ जरा गजवा के सिपाहियों को देखिये कैसे वो अपने नेतृत्व मे भरोसा करते हुये बेहद सधे कदमो से गजवा की राह पर तमाम तरह के जेहाद करने के साथ साथ अलतकिया वाला विक्टिम कार्ड खेलते हुये चल रहे है……………………..सबरीमाला पर तो दक्षिण का जागृत सनातन समुदाय एकजुट होकर आस्था और अस्मिता की लड़ाई लड़ रहा है….लेकिन उत्तर का हिन्दू राम मंदिर के लिये अपने घरों मे बैठ कर केवल सरकार को कोस कर,वोट न देने की धमकी देकर अपने को महान धर्मनिष्ठ समझने के दंभ मे जी रहा था…बहरहाल प्रभू का मंदिर निर्मित हो रहा है……!!
फिलहाल….महाराणा प्रताप सिंह जी ने घास की रोटी खाते वक्त,भगत सिंह,सुखदेव,राजगुरू,खुदीराम बोस जैसे बलिदानी फांसी पर चढ़ते समय कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनकी ही आने वाली पीढ़ियां आलू,प्याज,पेट्रोल और आरक्षण के समर्थन या विरोध के लिए बाबर के जेहादियों और अंग्रेजों की क्लोन 136 साल पुरानी पार्टी के हाथों में सत्ता सौंप कर उनके बलिदान को अपमानित कर देंगी….?
नीचे दो तस्वीर पोस्ट कर रहा हूं…एक मे देखिये कैसे बहुरूपिये आपको बुद्धू बनाने के लिये हंस रूपी बगुले बन जाते हैं…दूसरे मे कैसे और कौन कौन आपकी पीठ पर वार करते हैं…जबकि यह सब देख कर अफजल और याकूब प्रेमी जमात मुंह घुमा कर बैठ जाती है…….इसे देख कर…अपने शत्रुओं को परख कर और उनके पाखंड को समझ कर अभी भी चेत जाये तो अच्छा है वरना सोच लीजिये…कि आपकी आने वाली पीढ़ियां कैसे अपनी ही भारत भूमि पर रह पायेंगी…और पलट कर जब वो आपसे आपकी राष्ट्रहितार्थ अकर्मण्यता पर सवाल पूछेंगी तो आप उनको जवाब क्या देंगे……..???
#वन्देमातरम्
#Ajit_Singh
साभार:अजीत सिंह-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)