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सेक्युलरिज्म का अजगर तुष्टीकरण की सर्पीली चाल चलता हुआ सनातन और राष्ट्र को धीरे धीरे निगल रहा था,पर..

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Positive India:Ajit Singh:
आज उस छद्म सेकुलरिज्म की बात कर ली जाय,जिसको लेकर कांग्रेस के नेतृत्व मे विपक्ष अपनी सुविधा के अनुसार कभी सेकुलरता का बुर्का पहनती है तो कभी बेशर्मी से उतार फेंकती है…!!

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सेकुलरिज्म वो अजगर रूपी सर्प है…..कि अगर यह आपको काट ले तो आप मरेंगे नही….लेकिन अजगर काटता थोड़े है.. वो तो समूचा निगल लेता है……..हमारे बहुसंख्यक समाज को गंगा जमुनी तहजीब और भाईचारे की एकतरफा मुगली घुट्टी पिला कर उसके अंदर सेकुलरता का वो किटाणु घुसा दिया गया है जिसके परिणामस्वरूप लगातार झझकोरे जाने के बाद भी हिंदू समाज का एक वर्ग अभी भी खुद को धर्मनिरपेक्ष बता और दिखा कर अपने देश और धर्म के विरोधियों के मनोबल को बढ़ा रहा है….वो सेकुलरता के विषैले प्रभाव से मुक्त नही हो सका है….स्वतंत्रता के बाद से सेक्युलरिज्म का अजगर तुष्टीकरण की सर्पीली चाल चलता हुआ हमारे सनातन और राष्ट्र को धीरे धीरे निगल रहा था,लेकिन हमारी पूर्ववर्ती राज्य तथा केन्द्र की सरकारे कान मे तेल डाले नीरो की तरह चैन की बंसी बजा रही थी………..मै इसका जिम्मेदार केवल कांग्रेस को मानता हूं…कांग्रेस को सबसे बडा भय सनातन राष्ट्रवाद की अवधारणा और उन राष्ट्रपुत्रों से रहा है जो उसकी चालो को समझ चुके और धीरे धीरे मुखर होते जा रहे है..जो उसकी हर साजिश का पर्दाफाश करके उसको नंगा करने की मुहिम को असली जामा पहनाने के लिये दिन रात जुटे पड़े हैं………………………..परिणामस्वरूप,
….असीमानंद और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और उनके साथियो के साथ जो कांग्रेस ने किया है वो बर्बरता की पराकाष्ठा है,उनकी यह साजिश न्यायालय मे अब साबित हो रही हैं,कि कांग्रेस ने कितना बडा झूठ बोला था…..कर्नल पुरोहित याद हैं आपको..जो 2006 तक देश के सबसे तेज तर्रार फौजी अधिकारी थे,और आज भी देशभक्ति उनकी रगों में दौड़ती है,कांग्रेस ने सिर्फ वोट बैंक को खुश करने के लिए कर्नल पुरोहित जैसे दिलेर सैन्य अधिकारी को पूरी दुनिया में आतंकी घोषित कर दिया ताकि वो आतंकियों का रोड़ा न बन सके।
कांग्रेस के इस दोनो कृत्य से भारत के साधू संत और सेना की कितनी बदनामी हुई तथा मनोबल भी गिरा था………………………………भुलक्कड सनातनियो,
..याद है या हमेशा कि तरह फिर भूल गये,कि भगवा आतंकवाद का नाम भी कांग्रेस की देन है जिससे राष्ट्रवादी संगठन बदनाम हुए….मतलब सोच समझ कर भगवा आतंक का नाम सामने लाया गया…………..शर्म करो कांग्रेस….पहले शंकराचार्य जी को बदनाम किया,कोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बरी किया…!!

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अजमेर दरगाह ब्लास्ट केस में असीमानंद जी को भी कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया…!!

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और संघ के इंद्रेश कुमार पहले ही इस केस में बरी हो चुके हैं….!!
सनातन और राष्ट्र को बदनाम करने वाले राजनैतिक गिद्धो और सत्ता के दलालो की लीडर यानी 136 साल पुराने कबीले को प्रकृति का न्याय गौर से देखना चाहिये,आज छोटे छोटे दलो से गठबंधन की ओट लेकर भी अपने समापन को रोक नही पा रही है…हमारे हुतात्माओं की आहें व्यर्थ नही जा रही है……..बस बहुत हो चुका मक्कारो……..अब सनातन और राष्ट्र तथा राष्ट्रभक्तो को बदनाम करने की साजिश संभव नही होगी….हमने भी मुंहतोड जवाब देने की जिद ठान ली है………इन सबको पराभव की पराकाष्ठा पर पहुंचा कर छोटे छोटे दलो के साथ सड़कों पर विधवा विलाप करने पर विवश कर देंगे…..!!

याद करिये कि सुविधा के अनुसार सेकुलरता का बुर्का पहनने वाली कांग्रेस कैसे बीजेपी के पीडीपी के साथ किये गये नीतिगत गठबंधन को लेकर कैसे तीर चला रही थी…लेकिन महबूबा को महीनो नजरबंद करने और 370 हटाये जाने पर कैसे वही कांग्रेस महबूबा के साथ खड़ी रही…अब जरा देखिये कि हो रहे पांच राज्यों मे मोदी,सनातन और देश विरोधी दलों के गठबंधन मे कितना दोगलापन है जनता को कितना बकलोल समझते है..!!!

कांग्रेस,एनसीपी महाराष्ट्र में मिल कर सरकार चला रहे हैं……….लेकिन केरल में वही एनसीपी एलडीएफ के साथ है जिसका मुकाबला कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ से है…..केरल में लेफ्ट और कांग्रेस आमने-सामने हैं लेकिन प. बंगाल में दोनों साथ मिल कर ममता और बीजेपी से लड़ रहे हैं…..कांग्रेस तब बिल्कुल कम्युनल नही है जब उसने बंगाल में उस अब्बास सिद्दीकी की पार्टी से गठबंधन किया है जो भारत में मुसलमानों के लिये शरिया कानून लागू करने का पक्षधर है………….कांग्रेस के लिए बंगाल में अब्बास सिद्दीकी,असम में बदरूद्दीन अजमल और केरल में मुस्लिम लीग और पीएफआई के राजनैतिक विंग एसडीपीआई के साथ गांठे जोड़ कर ईलू ईलू करने की राजनीति सांप्रदायिक नहीं लगती है..झूठ बोलने मे,जनता को भरमाने मे,सत्ता के लिये विदेशी ताकतों की मदद मांगने मे शर्म इसलिये नही आती क्योंकि दोगलापन उस अंग्रेज ए.ओ.ह्यूम के रक्त मे था जिसने इन्हे जन्म दिया….अब ये अलग बात है कि कांग्रेस को उसने क्यों जन्म दिया…उस समय देश की परिस्थितियां कैसी थीं…मतलब कांग्रेस जैसी प्रेशर कूकर रूपी पार्टी को बनाया क्यों…इस पर आप बहुत कुछ पढ़ और असलियत जान ही चुके होंगे….बाकी आप 2014 के बाद से गोरे अंग्रेजो की कुटिलता,उनकी विभाजन कारी नीतियों और काले अंग्रेजो यानी कांग्रेस की नीतियों के बीच मे जो आधारभूत साम्यता है…उसे कायदे से जान,समझ और अनुभव कर ही चुके होंगे…..तो लक्ष्य निर्धारित करिये कि देश की समस्याओं की जड़ और विदेशी ताकतों की एजेंट बन चुके इस राजनैतिक कुनबे और सेकुलरता का फन कुचल कर इन सबको समाप्त करने से पहले चैन नही लेना है..यह समाप्त तो समस्या समाप्त……समस्या समाप्त तो मां भारती के आंचल से खेलने वाले इसके द्वारा पाले पोसे गये हरे टिड्डों,लाल सलाम के गिद्धों और चंगाई वाले घड़ियाल समाप्त……!!!

#वंदेमातरम्
#Ajit_Singh
साभार:अजीत सिंह-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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