नरेन्द्र मोदी जानते थे कि तुगलक और नीरो से भी नाकारा निकम्मा और निकृष्ट सिद्ध होगा उद्धव
उद्धव ठाकरे अपनी करतूतों और कुशासन के कारण नीरो और तुगलक से भी आगे निकल गया।
नरेन्द्र मोदी जानते थे…..
…कि तुगलक और नीरो से भी नाकारा निकम्मा और निकृष्ट सिद्ध होगा उद्धव। इसीलिए भाजपा ने सत्ता से बाहर रहने की कीमत चुका दी थी पर उद्धव को मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं सौंपी थी।
पिछले 4-5 दिन से केवल महाराष्ट्र नहीं पूरा देश देख रहा है कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री उद्धव, उसका सिपहसालार नम्बर एक संजय राऊत और उसकी पूरी सरकार पुलिस की वर्दी में छुपे एक दुर्दांत अपराधी सचिन वाजे के बचाव के लिए किस तरह जमीन आसमान एक कर रही है। उसे NIA की गिरफ्त से बचाने के लिए कैसे कैसे हथकंडे आजमा रही है। उसके बचाव के लिए मुख्यमंत्री उद्धव बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है। अपनी पार्टी के मुखपत्र में दुर्दांत अपराधी सचिन वाजे के पक्ष और बचाव में लंबे लंबे लेख और संपादकीय छपवा रहा है।
उद्धव और उसकी सरकार की ऐसी करतूतों ने उसकी प्राथमिकताओं, उसकी कार्यशैली, उसके चरित्र और उसके चेहरे को अत्यन्त गम्भीर सवालों के कठघरे में खड़ा कर दिया है। उद्धव अपनी इन करतूतों और कुशासन के कारण नीरो और तुगलक से भी आगे निकल गया है। इस टिप्पणी का कारण भी जानिए।
उल्लेखनीय है कि पिछले 15 दिनों में महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण लगभग 800 निर्दोष नागरिकों के प्राण ले चुका है। कोरोना संक्रमितों की संख्या सुरसा के मुंह की भांति रोजाना बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र में कुछ दिनों से 14-15 हजार नागरिकों को कोरोना रोजाना अपने शिकंजे में जकड़ता जा रहा है। आज सवेरे तक पूरे देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 223432 हो चुकी है। इनमें से लगभग 60 प्रतिशत (131812) कोरोना संक्रमित व्यक्ति केवल महाराष्ट्र में हैं। जबकि महाराष्ट्र से लगभग दोगुनी जनसंख्या वाले उत्तरप्रदेश में आज सवेरे तक कोरोना संक्रमितों की संख्या मात्र 1838 थी। यह संख्या महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या का केवल 1.4% है।
कोरोना संक्रमण के जानलेवा संकट से जूझ रही, सपने प्राण गंवा रही महाराष्ट्र की जनता के बचाव के लिए रात दिन एक करने के बजाए महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री जब सचिन वाजे सरीखे दुर्दांत अपराधी के बचाव के जुगाड़ करने में व्यस्त दिखाई देता है। उसके बचाव में प्रेस कॉन्फ्रेंस करता नजर आता है तो स्वाभाविक रूप से उसके लिए यही कहा जाएगा कि उद्धव अपनी करतूतों और कुशासन के कारण नीरो और तुगलक से भी आगे निकल गया है।
महाराष्ट्र की निर्दोष जनता के प्रति पूरे देश की सहानुभूति है क्योंकि वो उस पाप का दंड भोग रही है जिस पाप की जिम्मेदार वो कतई नहीं है।
साभार:सतीश चंद्र मिश्रा-एफबी(ये लेखक के अपने विचार)