Positive India:Ajit Singh:
गुलाम नबी आजाद को लेकर संसद मे भावुक हुये मोदी की आँख से निकले आंसू की बूंदो ने कांगियों के किले मे जो छेद कर दिया है,उसका असर अब धीरे धीरे दिखने लगा है…….दरकने लगा है एक अंग्रेज द्वारा बनाया गया वो फिरंगी किला,जो अब जर्जर हो चुका है…………देख लीजियेगा कि G23 जिलेटिन की वो छड़ें है जो धाराशाई कर देंगी इस 136 साल पुराने ढ़हने की कगार पर खड़े विषैली फिरंगन की बांबी को……जल्दी ही…मतलब इसी पांच राज्य के चुनाव के बाद इसके धाराशाई होने की आवाज सुनाई देने वाली है……….मेरे विचार से यही दिलजला गुट पाकिस्तान और चीन का स्थानीय हेड क्वार्टर बन चुके यानी १० लथपथ को दफन करने की मोदी की कौटिल्य कूटनीति को असली जामा पहनायेगा….बस माचिस की तीली दिखाने की जरूरत है….कब..मोदी जाने….!
फिलहाल कांगी कुनबे मे ऐसी ही कुछ सुगबुगाहट न केवल सुनाई दे रही है वरन् अब तो कांगी खेमे से कराहट भरी चिंचियाने की आवाजें भी आनी शुरू हो गई है…..बहरहाल मेरे विचार से आने वाले कुछ माह मे जैसे जैसे अंतरात्मा की आवाजों के स्वर तेज होने लगेंगे…वैसे वैसे गुलाबो के कबीले मे घमासान मचना तय है…जल्दी ही ये सार्वजनिक मंचों पर एक दूसरे पर कीचड़ फेंकना प्रारम्भ करेंगे….वहीं से राष्ट्रवादियों का गुलाबो/मैमूना की वंशवादी कांगियों से मुक्त भारत का स्वप्न साकार होने लगेगा और उसके बाद से ही देश भी आये दिन बेलगाम फिरंगन के षडयंत्र कारी अवरोधों से मुक्त होकर विकास की राह पर बढ़ जायेगा….बाकी बेहतर तो मोदीजी ही जानते हैं कि प्रजातंत्र मे खर पतवार को कैसे निपटाया जाता है….और वो निपटा भी रहे हैं…अब यह अलग बात है कि अधीरों को समझ मे नही आ रहा है…बाकी सुधी सब कुछ समझ रहें है..!
(मेरा यह लेख पप्पू पनौती के द्वारा लगातार किये जा रहे उसके सूतियाफे भरे बयानों और उसके अपने दल के पुराने मझें हुये बिलौटों को इग्नोर करने से उत्पन्न परिस्थितियों तथा वाड्राइन की निरंतर की जा रही नाकाम ड्रामेबाजी पर आधारित है…यह सत्य भी हो सकता है)
#वंदेमातरम्
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साभार:अजीत सिंह-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)