Positive India:दयानंद पांडेय:
राहुल गांधी को पुडुचेरी में मूर्ख अंगरेज बना देख कर मुझे अपना बचपन याद आ गया। तब के दिनों की नौटंकी और विदेसिया की याद आ गई। हम बचपन में गांव में नाच , नौटंकी बहुत देखते थे। विदेसिया भी। लगभग हर नौटंकी, विदेसिया भोजपुरी में होती थी। कमोवेश सभी नौटंकी, विदेसिया में दो-एक दृश्य ऐसे ज़रूर होते थे, जिस में सिर पर हैट लगाए, पैंट , टाई में कोई एक हिंदी बोलता हुआ अंगरेज बना आर्टिस्ट उपस्थित होता था। उस हिंदी को ही अंगरेजी मान लिया जाता था। ज़्यादातर वह हिंदी रुपी अंगरेजी में जोकर से बात करता था।
नाटक में जनता उस अंगरेज अफसर की ऐसी-तैसी करती थी भोजपुरी में। तो वह अंगरेज दुभाषिया बने जोकर से पूछता था , यह क्या बोलता है ? भले अगला उस अंगरेज अफसर को गाली दे रहा होता पर वह उस अंगरेज से कहता , यह आप की बहुत तारीफ़ कर रहा है। अंगरेज अगर सामान्य व्यक्ति को भला-बुरा कहता तो जनता को जोकर बताता , साहब तुम से बहुत खुश है। जोकर खुद भी अंगरेज को भोजपुरी में भला-बुरा कहते हुए गालियां भी देता। अंगरेज जोकर से पूछता , क्या बोला ? वह बोलता , साहब आप बहुत बढ़िया आदमी है। बहुत तारीफ़ करता आप की। अंगरेज अफ़सर खुश हो जाता। उसे इनाम भी देता। लोग हंसते-हंसते लोट-पोट हो जाते। जोकर पीछे से अंगरेज को टीप भी मार देता और वह समझ नहीं पाता। लोग हंसते रहते।
पुडुचेरी के मुख्य मंत्री नारायणसामी ने आज उसी तरह दुभाषिया की भूमिका में उपस्थित हो कर राहुल गांधी को अंगरेज बना दिया। भरी सभा में आंख में धूल झोंक कर मूर्ख बना दिया। अपनी अज्ञानता और मूर्खता के चलते मछुआरों पर राहुल गांधी जो अंट-शंट बोल कर मजाक का विषय बने वह तो अपनी जगह है। पर आज एक सभा में एक औरत ने तमिल में बोलते हुए खूब गुस्से में आ कर भला-बुरा कहते हुए राहुल गांधी से बताया कि पिछले सुनामी में हम लोग बरबाद हो गए , पर सरकार से कोई मदद नहीं मिली। राहुल गांधी ने मुख्य मंत्री के नारायणसामी से पूछा कि यह औरत क्या कह रही है ? तो मुख्य मंत्री के नारायणसामी ने राहुल गांधी को अंगरेजी में बताया कि पिछली सुनामी के बाद मैं इस के पास गया था और इस की बहुत मदद की थी। वह यही कह रही है।
राहुल गांधी इतने पर खुश हो कर संतुष्ट हो गए। सवाल यह है कि देश के लोग तो राहुल गांधी को लतीफ़ा मानते ही हैं पर कांग्रेसजन और उस के मुख्य मंत्री लोग भी उन्हें निरा मूर्ख क्यों समझते हैं ? और राहुल गांधी ? माना कि तमिल नहीं जानते। पर क्या किसी की बॉडी लैंग्वेज भी नहीं समझते कि अगला खुश हो कर बोल रहा है कि गुस्से में ? कांग्रेस का भगवान भला करे।
साभार:दयानंद पांडेय-एफबी(ये लेखक के अपने विचार हैं)