आदिवासी नाबालिक छात्रा ने परीक्षा फार्म भरने से पहले की आत्महत्या
रात को स्कूल प्रबंधन ने फोन किया सुबह झूल गई फांसी पर। पुलिस उदासीन।
Positive India:Rajnandgaon(अंबागढ़ चौकी);19 फरवरी 2021:
अंबागढ़ चौकी थाना क्षेत्र के अंतर्गत महिला संबंधी अपराधों के बढ़ते मामलो के बीच आज सुबह नगर की 12वीं कक्षा में अध्ययनरत एक नाबालिग आदिवासी छात्रा ने परीक्षा फार्म भरने से पहले फांसी के फंदे पर झूल गई। नाबालिक छात्रा के द्वारा मौत को चुनने के इस गंभीर प्रकरण में पुलिस के आला अधिकारियों के द्वारा जांच करने के बजाए प्रधान आरक्षक के जिम्मे प्रकरण की जड़े खंगाली जा रही है।
उल्लेखनीय है कि शहर के निजी संस्कार स्कूल में 12वी कक्षा में अध्ययनरत छात्रा दीप्ति मंडावी पिता बीएल मंडावी उम्र 16 वर्ष ने अपने ही घर के सीलिंग पंखे में फंदा डालकर फांसी में झूल गयी ।बालिका के मौत के बाद बताया जा रहा है कि छात्रा आज 12वी कक्षा का परीक्षा फार्म भरने स्कूल जाने वाली थी । स्कूल जाने की तैयारी को लेकर सुबह 7 से 8 बजे के दरमियान वह अपने रूम के अंदर गयी और बाहर नही आयी,घर वाले किसी तरह दरवाजा खोल के अंदर गये और बालिका को सीलिंग फैन पर दुपट्टे के फंदे पर झूलते पाया। छात्रा के मौत के बाद पुलिस थाने में सूचना दी गई। थाने में मर्ग कायम करते हुए प्रधान आरक्षक जनक लाल उमरिया को आदिवासी छात्रा आत्महत्या प्रकरण कि जांच का जिम्मा दिया गया है।
विशेष:
छात्रा की मौत पर पुलिस गंभीर नहीं:-
आदिवासी नाबालिक छात्रा ने किन परिस्थितियों के चलते मौत को चुना? क्या था तनाव जिसके लिए करना पड़ा आत्महत्या? इस हकीकत के पड़ताल के लिए अंबागढ़ चौकी पुलिस गंभीर नही दिख रही है। मामले की उच्च अधिकारियों की गैर मौजूदगी में प्रधान आरक्षक जनक उमरिया से जांच कराई जा रही है, जिसको लेकर नगर में तरह-तरह की चर्चा है।
रात को फोन सुबह झूल गई फंदे पर:-
घर की इकलौती नाबालिग बेटी के आत्महत्या जैसी गंभीर घटना से क्षुब्ध मृतिका के परिजन ने बताया कि गुरुवार रात में स्कूल प्रबंधन के द्वारा बालिका को फोन आया था । फोन में किस विषय पर चर्चा हुई और क्या बात हुई जिसकी जानकारी मृतिका द्वारा परिजनों को नही दी गयी और सुबह छात्रा ने फांसी लगा ली।
मामले की निष्पक्ष जांच और छात्रा के आत्महत्या संबंधी जानकारी लेने थाना प्रभारी आशीर्वाद रहटगांवरकर और एसडीओपी घनश्याम कामडे से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया, परंतु उन्होंने फोन रिसीव नहीं किये।
मृतिका ने 10वीं में हासिल की प्रथम स्थान:- पड़ताल में पता चला है कि हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा काफी सभ्य और होनहार थी । मृतिका हाई स्कूल 10वी बोर्ड परीक्षा को प्रथम श्रेणी के साथ उत्तीर्ण किया था । इधर संस्कार स्कूल के संचालक दुर्गेश कुंभकार ने बताया कि छात्रा डमी थी और पढ़ाई लिखाई से दूर रहती थी, जिसके बाद मामले में काफी संदेह संस्था को लेकर उत्पन्न हो रहा है।
-अंबागढ़ चौकी से विशेष संवाददाता की रिपोर्ट-